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कोरोना की दूसरी लहर में रेल टिकटों की बुकींग हुई कम

बिक्री में 40 से 45 फीसद की आयी कमी

अमरावती प्रतिनिधि/दि.४ – अमरावती सहित समूचे विदर्भ क्षेत्र में कोरोना की दूसरी लहर आने का परिणाम व्यापार-व्यवसाय सहित आम जनजीवन पर भी पडा है. जिससे रेल महकमा भी अछूता नहीं है. कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए जनवरी की तुलना में फरवरी माह में रेल्वे टिकटों की बुकींग कम हुई है और रेल टिकटों की बिक्री में 40 से 50 फीसदी की कमी आयी है.
रेल विभाग के सूत्रोें द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक पहले जहां प्रत्येक टिकट काउंटर पर रोजाना 1000 से 1200 फार्म आते थे, वहीं अब बडी मुश्किल से 400-500 फार्म आते है. साथ ही फरवरी माह में जैसे ही कोरोना संक्रमितों की संख्या बढनी शुरू हुई, वैसे ही टिकट काउंटर पर रोजाना बडी मुश्किल 250 से 300 फार्म ही आ रहे है. पहले जहां मुंबई, पुणे व शिर्डी सहित दिल्ली, हावडा व तिरूपती जैसे शहरों के लिए बडे पैमाने पर रेल टिकटों की बुकींग हुआ करती थी, वहीं अब इस रूट की रेलगाडियां लगभग खाली चल रही है. यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, कोरोना के बढते संक्रमण को देखते हुए मध्यप्रदेश व दिल्ली सहित अन्य कई राज्यों में महाराष्ट्र से आनेवाले यात्रियोें के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट अनिवार्य किया गया है. जिसके चलते कई लोगों ने यात्रा करना ही टाल दिया. जिसका सीधा परिणाम रेल टिकटों की बिक्री पर पडा है.
वहीं दूसरी ओर अन्य राज्यों के यात्री अब महाराष्ट्र आने से कतरा रहे है और काफी पहले बुक किये गये अपने टिकट कैन्सल करा रहे है. इसकी वजह से भी रेल विभाग को अच्छाखासा नुकसान सहन करना पड रहा है. रेल विभाग के सूत्रोें द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक इस समय रिफंड लेनेवाले यात्रियों की संख्या 40 फीसद के आसपास है.

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