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अरविंद नलकांडे ने किया किसानों से आवाहन
अमरावती/प्रतिनिधि दि.6 – यदि जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के चुनाव में हिस्सा ले रहे दोनों पैनलों में मौजूदा विधायक भी शामिल होते है और बैंक के संचालक पद का चुनाव लडते है, तो इन दोनों विधायकों को ‘बोथ-आर’ यानी आउट करने का निर्णय किसानों द्वारा लिया जाये. इस आशय का प्रतिपादन श्रम राज्य परिषद के अध्यक्ष अनिल नलकांडे द्वारा किया गया है.
यहां जारी प्रेस विज्ञप्ति में अरविंद नलकांडे द्वारा कहा गया कि, राज्य में अमरावती सहित 16 जिला सहकारी बैंकों के चुनाव होने है. जिसमें से अमरावती जिला मध्यवर्ती बैंक का चुनावी कार्यक्रम जिला सहनिबंधक कार्यालय द्वारा अधिकृत तौर पर घोषित किया गया है. इससे पहले राज्य की सभी जिला सहकारी बैंकों सहित कृषि उत्पन्न बाजार समितियों के चुनाव में तत्कालीन देवेंद्र फडणवीस सरकार ने किसानों को प्रत्यक्ष मतदान करने का अधिकार दिया था. जिसे राज्य की मौजूदा महाविकास आघाडी सरकार द्वारा खारिज कर दिया गया है. जिस तरह सहकार क्षेत्र के चुनाव में अपने दलगत मतभेदों को दूर रखकर नेताओं द्वारा सहकार गुट बनाकर एकसाथ चुनाव लडा जाता है. उसी तरह राज्य के सर्वपक्षीय विधायकों द्वारा सहकार गुट स्थापित करते हुए सरकार के इस किसान विरोधी फैसले का विरोध किये जाने की जरूरत थी, किंतु ऐसा नहीं हुआ और किसानों से उनका मताधिकार छीन लिया गया. किसानों का हक छिननेवाले इस फैसले का विधानसभा के सदन तथा सदन के बाहर विरोध नहीं करनेवाले सभी विधायक एक तरह से किसान विरोधी है. ऐसे में विधायकों को किसानों की बैंक कही जानेवाली जिला बैंक का चुनाव लडने का कोई अधिकार नहीं है. किंतु इस समय चल रही चर्चाओं के मुताबिक अमरावती जिला मध्यवर्ती बैंक के चुनाव में दो प्रस्थापित पैनल एक-दूसरे की कमियों को उजागर करते हुए मैदान में उतरे है और चर्चा के मुताबिक दोनों पैनल की ओर से कुछ विधायक भी संचालक पद की रेस में है. ऐसे में जिस तरह कबड्डी के खेल में रेफरी द्वारा ‘बोथ-आर’ यानी दोनों ओर के खिलाडी आउट का फैसला सुनाता है. जिसे दोनों टीमों को मान्य भी करना होता है. उसी तरह इस बैंक के चुनाव में दोनों से उतरनेवाले विधायकों को किसान मतदाताओं द्वारा ‘बोथ-आर’ यानी आउट करने का फैसला सुनाया जाना चाहिए.