दुष्कर्म के मामले में 45 दिन में पूरी होगी कार्रवाई
दिशा से अलग होगा प्रस्तावित कानून, गृहमंत्री देशमुख बोले
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नए कानून में मृत्यूदंड तक का प्रावधान
नागपुर प्रतिनिधि/दि.११ – महिला प्रताडना और दुष्कर्म के प्रकरणों में दोषियों को त्वरीत सजा दिलाने के लिए महाराष्ट्र सरकार की और से प्रस्तावित कानून ‘शक्ति’ आंध्रप्रदेश के ‘दिशा’ से थोडा अलग होगा. ‘दिशा’ के तहत 22 दिन में दोषियों को सजा दिलाने की कार्रवाई होती है. जबकि ‘शक्ति’ में 45 दिन में कार्रवाई का प्रावधान किया जा रहा है. प्रदेश के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने गुरुवार को नागपुर में प्रस्तावित कानून के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि महिला प्रताडना के मामले में निराधार शिकायत देने वालों को एक साल की सजा दिलाने की पेशकश की गई है. महिलाओं के बारेे में अशोभनीय बातें सोशल मीडिया पर वायरल करने व अन्य साइबर अपराध के मामले में भी ठोस प्रतिबंधात्मक उपाय योजनाएं की जा रही है. उन्होंने कहा कि, शक्ति कानून के प्रस्ताव को बुधवार को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है. अब यह चर्चा के लिए विधानमंडल में लाया जाएगा. इसके बाद प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा.
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36 स्पेशल कोर्ट गठित किए जाएंगे
– शक्ति कानून के लिए आईपीसी, सीआरपीसी व पास्को अधिनियम में कुछ संशोधन किए जा रहे हैं. दुष्कर्म के दोषियों को उम्रकैद या मृत्युदंड की सजा का प्रावधान है.
– आरोपों की जांच 15 दिन और 30 दिन में सुनवाई शुरु होगी. पहले इन प्रकरणों में 60 दिन में सुनवाई पूरी होती थी लेकिन अब 45 दिन मेें सुनवाई पूरी हो जाएगी.
– मामलों की सुनवाई के लिए जिला स्तर पर 36 स्पेशल कोर्ट गठित किए जाएंगे. इनमें बाल अत्याचार से जुडे प्रकरणों की भी सुनवाई होगी.
– विशेष सरकारी वकीलों की नियुक्ति की जाएगी. स्पेशल कोर्ट के लिए 45 करोड की निधि मंजूर कर ली गई है.