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हवा की रफ्तार से दौडी बैलजोडी

6 सेकंड 21 पाइंट के साथ दूरी पूर्ण, जीते लाखो के पुरस्कार

यवतमाल/दि.24- विविध रंग और फूर्ति के साथ बैलजोडियां हवा की रफ्तार से निर्धारित 100 मीटर की दूरी पार कर रही थी. सभी की रफ्तार काफी तेज थी. इस रोमांचकारी अनुभव को अपनी आंखों से देखने के लिए यवतमाल जिले के नागरिकों ने भारी भीड की थी. अंतिम दिन तेज रफ्तार से दौडने वाली सभी बैलजोडियों का रिकॉर्ड मध्यप्रदेश के बोरीव शिवणी ग्राम के चपरी-डोंगरी जोडी ने तोड दिया. इस जोडी ने 6 सेकंड 21 पाइंट में निर्धारित दूरी पूर्ण की. यह जोडी 1 लाख रुपए के ‘विदर्भ केसरी शंकरपट पुरस्कार’ की विजेता रही.
विदर्भ केसरी शंकरपट के रोमांचक मुकाबले में अंतिम दिन मध्यप्रदेश के युवा महोत्सव समिति और पंजाराव देशमुख कृषि विद्यापीठ के संयुक्त तत्वावधान में यवतमाल में विदर्भ केसरी शंकरपट का आयोजन किया गया था. इस स्पर्धा में तीन दिनों में 112 जोडी दौडी, इसमें मध्यप्रदेश के अजीमभाई पटेल की चपरी-डोंगरी जोडी ने प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया. इस जोडी ने 6 सेकंड 21 पाइंट में निर्धारित दूरी पूर्ण की. इस जोडी को 1 लाख रुपए का नकद प्रथम पुरस्कार, स्मृतिचिन्ह और शाल, श्रीफल देकर सम्मानित किया गया. विदर्भ केसरी शंकरपट में शामिल होने के लिए राज्य के कोने-कोने से यवतमाल में बैलजोडी दाखिल हुई थी. तीन दिन में इस शंकरपट में 112 बैलजोडियों ने हिस्सा लिया. शंकरपट देखने के लिए जिले से आए नागरिकों ने अंतिम दिन भारी भीड की थी. हर पल इस स्पर्धा में उत्सुकता रही. अंतिम दिन मध्यप्रदेश, मराठवाडा समेत जिले की बैलजोडियों ने मैदान में शानदार प्रदर्शन किया. करोडी ग्राम के मनोहर चव्हाण की ओम-वादल जोडी ने 6 सेकंड 24 पाइंट में दूरी पूर्ण की. इस जोडी को 77 हजार रुपए का द्बितीय तथा वाघापुर के आकाश राउत की राजा-बादशाह जोडी ने 6 सेकंड 27 पाइंट में अंतर पूर्ण किया. इस जोडी को तृतीय पुरस्कार के रुप 51 हजार रुपए प्रदान किए गए. जनरल गुट में 15 पुरस्कार प्रदान किए गए तथा गट ‘क’ में भी 15 पुरस्कार प्रदान किए गए.

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