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मंत्रिमंडल विस्तार या मध्यावधि चुनाव?

राज्य में तेज हुई राजनीतिक कयासबाजी

* केंद्रीय राज्यमंत्री दानवे के बयान से चर्चाएं हुई तेज
* सेना सांसद राउत ने मध्यावधि को लेकर फिर दोहराया बयान
मुंबई -दि.22 इस समय जहां एक ओर शिंदे-फडणवीस सरकार मंत्रिमंडल के दूसरे विस्तार को लेकर सभी में उत्सुकता देखी जा रही है. वहीं दूसरी ओर विपक्ष द्बारा विगत कुछ समय से राज्य सरकार के जल्द ही गिर जाने और राज्य में मध्यावधि चुनाव होने की बात कहीं जा रही है. विपक्ष की ओर से कहीं जाने वाली बात को आज उस समय थोडी और ताकत मिल गई. जब भाजपा के वरिष्ठ नेता व केंद्रीय राज्य केंद्रीय राज्यमंत्री रावसाहब दानवे ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि, राजनीति में कुछ भी पहले से तय नहीं रहता. किसने सोचा था कि, भाजपा सेना युति टूट जाएंगी और महाविकास आघाडी की सरकार भी ढाई वर्ष में गिर जाएगी. लेकिन यह सब एक झटके में हो गया. यदि ऐसी ही राजनीति चलती रही, तो अगले दो-ढाई माह बाद हो सकता है कि, कुछ अलग दृश्य दिखाई दें. दानवे द्बारा दिए गए इस बयान को विपक्षिय नेताओं द्बारा हाथोंहाथ लिया गया है और सेना सांसद संजय राउत ने एक बार फिर दोहराया है कि, शिंदे-फडणवीस सरकार का बहुत जल्द पतन होने वाला है और राज्य में मध्यावधि चुनाव घोषित हो सकते है.
उल्लेखनीय है कि, शिंदे-फडणवीस सरकार का गठन विगत 30 जून को हुआ था और इस सरकार के मंत्रिमंडल में लंबे समय तक केवल मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे व उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का ही समावेश था. लंबे इंतजार के बाद इस सरकार में 18 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई और मंत्रिमंडल के इस पहले विस्तार में शिंदे गुट के 9 व भाजपा के 9 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई. वहीं मंत्री व राज्यमंत्री पद मिलने की आस में रहने वाले कई विधायक मायुस व निराश होकर रह गए. जिनमें से कुछ ने तो खुले तौर पर अपनी नाराजगी का इजहार भी किया. वहीं इनमें से अधिकांश द्बारा उम्मीद जताई जाने लगी कि, उन्हें मंत्रिमंडल के दूसरे विस्तार में जरुर जगह मिलेगी. ऐसे में हर कोई खुदको मंत्री पद मिलने हेतु जमकर लॉबिंग व फिल्डिंग में जुटा हुआ है.
ज्ञात रहे कि, आगामी 19 दिसंबर तक राज्य विधानमंडल का शीतसत्र शुरु होने जा रहा है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही थी कि, शीतसत्र शुरु होने से एक माह पहले मंत्रिमंडल का विस्तार करते हुए नये मंत्रियों व राज्यमंत्री को पद व गोपनियता की शपथ दिला दी जाएगी. ताकि नये मंत्रियों को शीतसत्र शुरु होने से पहले अपने विभागों का काम समझने और सत्र के दौरान विपक्ष की ओर से प्रस्तुत किए जाने वाले सवालों का जवाब देने के लिए भरपूर समय मिल सके. लेकिन अब नवंबर माह खत्म होने के करीब पहुंच चुका है और नागपुर शीतसत्र के शुरु होने में बेहद कम समय बचा हुआ है. ऐसे में शीतसत्र से पहले मंत्रिमंडल का विस्तार होगा अथवा नहीं. इसे लेकर काफी हद तक संभ्रम देखा जा रहा है. राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक अगर शीतसत्र से पहले भी मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाता है, तो सरकार को मंत्री पद नहीं मिलने वाले अपने ही विधायकों की नाराजगी का सामना करना पड सकता है और शिंदे गुट के साथ रहने वाले विधायकों द्बारा संभवत: कोई अलग रास्ता अख्तियार किया जा सकता है. जिसे सरकार मुश्किल में आ सकती है. यह खतरा तो शीतसत्र के बाद भी बना रहेगा. इसी के मद्देनजर विपक्ष द्बारा सरकार के स्थिर बने रहने पर सवालिया निशान उठाया जा रहा है और यह दावा किया जा रहा है कि, सरकार बहुत जल्द गिर सकती है. जिसके बाद राज्य में मध्यावधि चुनाव कराए जा सकते है.
इन्हीं सब कयासों के बीच आज सरकार में शामिल भाजपा के बडे नेता व केंद्रीय राज्यमंत्री रावसाहब दानवे पाटील ने राज्य की राजनीतिक स्थितियों को लेकर एक बयान दिया. जिसमें उन्होंने राजनीतिक अनिश्चितता को लेकर कहा कि, अगले दो माह बाद राज्य में क्या स्थिति रहेगी, यह फिलहाल कहा नहीं जा सकता. इस बयान को आधार बनाते हुए विपक्ष के नेता अब सरकार गिरने को लेकर और भी अधिक उत्साहित व आशान्वित हो गए है. जिसके तहत शिवसेना सांसद संजय राउत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि, उन्होंने राज्य में हुए सत्ता परिवर्तन के तुरंत बाद नई सरकार के गिर जाने और राज्य में मध्यावधि चुनाव होने के बारे मेें संभावना जताई थी, जो सच होती दिखाई दे रही है और आने वाले दिनों में यह सरकार 100 फीसद गिर जाएगी.
* क्या कहा दानवे ने
औरंगाबाद जिले की कन्नड तहसील अंतर्गत शिरजगांव में एक प्रकल्प के शुभारंभ अवसर पर रावसाहब दानवे ने कहा कि, भाजपा सेना युवती टूट जाएगी, ऐसा किसी ने भी नहीं सोचा था. इसी तरह तीन दलों वाली महाविकास आघाडी के सरकार ढाई वर्ष में इस तरह से गिर जाएगी. यह भी किसी ने नहीं सोचा था. लेकिन ऐसा हुआ और रातोंरात हुए बदलावों की वजह से हुआ. ऐसे में कल क्या होगा और कल किस तरह की राजनीतिक स्थिति रहेगी. इसे लेकर आज निश्चित तौर पर अंदाजा नहीं लगाया जा सकता. फिलहाल राजनीतिक संभ्रम वाली स्थिति है. अत: जनता के काम करते हुए जनता के विश्वास की कसौटी पर हमेशा खरा उतरने का प्रयास करना चाहिए. क्योंकि क्या पता दो माह बाद क्या हो जाए.

* स्लीप ऑफ टंग में सच बोल गए दानवे
केंद्रीय राज्यमंत्री दानवे के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सेना सांसद व प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि, कभी-कभी रावसाहब दानवे मजाक-मजाक में सच और असल बात बोल जाते है और आज भी उन्होंने महाराष्ट्र सरकार की अस्थिरता को लेकर इशारों ही इशारों में सच बोल दिया है. वैसे भी दानवे हमेशा ही स्लीप ऑफ टंग का शिकार हो जाते है और असलियत उजागर कर देते है.

* मोदी व शाह से मिलने दिल्ली पहुंचे राउत
पत्राचाल पुनर्विकास प्रकल्प में हुए कथित घोटाला मामले में जमानत मिलने के बाद सेना सांसद संजय राउत आज पहली बार राजधानी दिल्ली पहुंचे है. जहां पर वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात कर सकते है. दिल्ली में मीडिया से बातचीत करते हुए दानवे के बयान पर प्रतिक्रिया देने के साथ ही सांसद संजय राउत ने कहा कि, वे मोदी व शाह से अपने निजी काम के चलते मुलाकात करने वाले है और इस मुलाकात का पत्राचाल वाले मामले से कोई लेना-देना नहीं है. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि, मुंबई जाने के बाद वे महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से भी मुलाकात करेंगे.

* 10-15 दिन का और इंतजार, फिर विस्तार
– शिंदे गुट के विधायक आशीष जयस्वाल ने दी जानकारी
वहीं दूसरी ओर सीएम शिंदे गुट के विधायक आशीष जयस्वाल के मुताबिक नागपुर शीतसत्र से पहले मंत्रिमंडल विस्तार का दूसरा चरण पूर्ण हो जाएगा और अगले 10 से 15 दिनों के भीतर शिंदे कैबिनेट का विस्तार कर लिया जाएगा. यह पूरी तरह से तय है और इस विस्तार के बाद सभी तरह की चर्चाओं पर विराम लग जाएगा.
लेकिन माना जा रहा है कि, इस विस्तार के बाद शिंदे-फडणवीस सरकार को फूट व बगावत जैसी समस्याओं का सामना करना पड सकता है. क्योंकि सरकार में शामिल शिंदे गुट व भाजपा के अनेकों विधायक कैबिनेट में जगह पाना चाहते है. इसमें से इस बार जिन विधायकों का नंबर कैबिनेट विस्तार में नहीं लगेगा. उनके द्बारा अपनी ही सरकार के खिलाफ बगावत किए जाने के पूरे आसार भी दिखाई दे रहे है. विशेष तौर पर पिछली सरकार से बाहर निकलकर शिंदे गुट में शामिल होते हुए महाविकास आघाडी व शिवसेना के खिलाफ बगावत करने वाले विधायकों द्बारा अब नई सरकार में मंत्री पद नहीं मिलने पर बगावत करने के आसार अधिक है. ऐसे में राज्य कैबिनेट के आगामी विस्तार की ओर सत्ता पक्ष एवं विपक्ष से जुडे सभी लोगों की निगाहें लगी हुई है.

* ठाकरे गुट के 8 विधायक व 3 सांसद शिंदे गुट में आएंगे
– सांसद प्रताप जाधव ने किया बडा दावा
वहीं इस बीच बुलढाणा जिले के शिवसेना सांसद व शिंदे गुट के नेता प्रतापराव जाधव ने दावा किया है कि, बहुत जल्द ठाकरे गुट के साथ रहने वाले 3 सांसद व 8 विधायक शिंदे गुट में शामिल होने जा रहे है. सांसद जाधव द्बारा किए गए इस दावे से ठाकरे गुट में अच्छी-खासी खलबली मची हुई है. क्योंकि कुछ दिन पूर्व भी सांसद प्रताप जाधव ने मुंबई के एक सेना सांसद के शिंदे गुट में शामिल होने का दावा किया था. जिसके बाद सेना सांसद गजानन कीर्तिकर शिंदे गुट में शामिल हो गए. वहीं अब सांसद जाधव ने ठाकरे गुट के 8 विधायकों व 3 सांसदों के बहुत जल्द शिंदे गुट में शामिल होने का दावा किया है. हालांकि इससे पहले शिवसेना के दशहरा सम्मेलन वाले दिन ठाकरे गुट के 3 सांसदों के शिंदे गुट में शामिल होने का दावा सांसद जाधव द्बारा किया गया था. लेकिन उस दिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था. ऐसे में अब सभी की निगाहें सांसद प्रताप जाधव द्बारा किए गए नये दावे की ओर लगी हुई है.

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