कोरोना संक्रमण की वजह से लटके कैम्पस प्लेसमेंट
अपार्इंटमेंट के बाद भी विद्यार्थियों पर घर बैठने की नौबत
अमरावती प्रतिनिधि/दि.१२ – कोरोना के संक्रमण को रोकने हेतु मार्च माह में लॉकडाउन शुरू किया गया. इसी समय विभिन्न महाविद्यालयों में कैम्पस् प्लेसमेंट (Campus Placement) की प्रक्रिया होती है और विभिन्न कंपनियां महाविद्यालयों में भेट देते हुए प्रक्रिया अनुसार सक्षम विद्यार्थियों का नौकरी के लिए चयन करती है. लेकिन इस बार लॉकडाउन की वजह से कैम्पस् प्लेसमेंट के लिए आनेवाली कंपनियों की संख्या काफी घट गयी है. वहीं दूसरी ओर गत वर्ष कैम्पस् प्लेसमेंट में जो विद्यार्थी सिलेक्ट हुए थे, और जिन्हें संबंधित कंपनियों द्वारा अपार्इंटमेंट लेटर भी दिया गया था, वे अंतिम वर्ष की परीक्षाएं लटक जाने की वजह से इस समय अपने घर पर बैठने के लिए मजबूर है. वहीं दूसरी ओर फिलहाल चल रहे विपरित हालात की वजह से कई कंपनियोें ने भी फिलहाल प्लेसमेंट व अपार्इंटमेंट की प्रक्रिया को मूल्तवी कर दिया है.
बता दें कि, अभियांत्रिकी व मैनेजमेंट पाठ्यक्रमों के अंतिम वर्षवाले विद्यार्थी कैम्पस् प्लेसमेंट की बडी आतूरता के साथ प्रतिक्षा करते है और महाविद्यालयों में आनेवाली कंपनियां मेहनती व मेधावी छात्र-छात्राओें का विभिन्न पदों पर चयन करती है. इस हेतु कंपनियों द्वारा सालाना डेढ लाख से पांच लाख रूपये का पैकेज ऑफर किया जाता है, लेकिन इस साल कोरोना की वजह से कैम्पस् प्लेसमेंट हेतु आनेवाले कंपनियों की संख्या घट गयी है और इसका सीधा परिणाम जिले की फाईनल ईयर स्टुडंटस् पर पडता दिखाई दे रहा है. जानकारी के मुताबिक जिले में प्रतिवर्ष ७५ से अधिक कंपनियां कैम्पस् प्लेसमेंट हेतु विभिन्न महाविद्यालयों को भेट देती है और इस जरिये हर साल ३५० से अधिक विद्यार्थियों को नौकरियां मिलती है. किंतु इस वर्ष दृश्य बिल्कूल गडबडा गया है. जारी शैक्षणिक सत्र में कंपनियों के कैम्पस् प्लेसमेंट हेतु आने की संभावना नहीं के बराबर है. वहीं गत वर्ष अंतिम सत्र में रहनेवाले जिन विद्यार्थियों का कैम्पस् प्लेसमेंट के जरिये चयन हुआ था, उनकी अब तक अंतिम सत्र की परीक्षा भी नहीं हुई है, ऐसे में उनकी अपार्इंटमेंट की प्रक्रिया अटकी पडी है और हाथ में अपार्इंटमेंट लेटर रहनेवाले अनेकों विद्यार्थी इस समय अपने घर पर ही रहने को मजबूर है. साथ ही फिलहाल भविष्य को लेकर भी चित्र पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है.