मनपा को वापिस मिली 47,157 स्क्वे. फीट जमीन
मनाई हुकुम के खत्म होते ही मनपा ने लिया ताबा
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एड. अशोक जैन, एड. ऋषी छाबडा व एड. यश भेलांडे ने दिलाई सफलता
अमरावती/प्रतिनिधि दि.19 – स्थानीय कैम्प परिसर में दीवाणी व सत्र न्यायालय के पीछे स्थित 47 हजार 157 स्क्वे. फीट जमीन को लेकर सत्यशील अवधूत वानखडे ने 13 वें दिवाणी न्यायाधीश (वरिष्ठ स्तर) से मनाई हुकुम प्राप्त किया था. यह जमीन मनपा की मिल्कीयतवाले शिट क्रमांक 19 में से प्लॉट क्रमांक 17 का हिस्सा थी. इस मनाई हुकूम की अवधि 18 अक्तूबर को खत्म होने के बाद मनपा ने इस जमीन पर रहनेवाली सभी बाधाओं को दूर करने की कार्रवाई शाम 6 बजे पूर्ण की और इन कैमेरा पंचनामा करते हुए इस जमीन का कब्जा दुबारा हासिल किया गया.
बता दें कि, मनपा की मिल्कीयत रहनेवाली जगह को लेकर सत्यशील अवधूत वानखडे ने दिवाणी मुकदमा दायर करते हुए इस जगह को लेकर मनाई हुकूम प्राप्त किया था. इस मनाई हुकूम की अवधि खत्म होने के बाद निगमायुक्त प्रशांत रोडे के निर्देशानुसार सहायक आयुक्त व विधि अधिकारी श्रीकांतसिंह चौहान की देखरेख में सहायक संचालक नगर रचना तथा अतिक्रमण विभाग कार्यालय द्वारा इस जमीन पर रहनेवाली सभी बाधाओं को दूर करते हुए इस जमीन का कब्जा दुबारा हासिल किया. इस मामले में महानगरपालिका द्वारा एड. अशोक जैन की नियुक्ति अदालत में पैरवी हेतु की गई थी. जिन्होंने अपने सहयोगी एड. ऋषी छाबडा व एड. यश भेलांडे के साथ मिलकर इस मामले में विशेष तौर पर ध्यान दिया और 18 अक्तूबर को इस मामले में मनपा को सफलता दिलाई. जिसकी वजह से मनपा को एकबार फिर इस जमीन का दुबारा कब्जा प्राप्त हुआ है.
बता दें कि, इस जमीन पर वैदर्भिय मल्टीपर्पज एज्युकेशन सोसायटी नामक सार्वजनिक न्यास का कब्जा था. जहां पर सैनिक व्यायाम शाला स्थापित की गई थी. इस जमीन को खाली कराने हेतु मनपा द्वारा संबंधितों को नोटीस जारी की गई थी. किंतु प्रतिवादी पक्ष ने इस नोटीस के खिलाफ अदालत में दिवाणी याचिका दायर करते हुए अदालत से मनाई हुकूम प्राप्त किया था. साथ ही इस दौरान इस मामले की सुनवाई 13 वें दिवाणी न्यायाधीश (वरिष्ठ स्तर) एस. सी. खैरनार के समक्ष चल रही थी. जहां पर 18 अक्तूबर को हुई सुनवाई के बाद अदालत ने मनपा के पक्ष में फैसला सुनाया. साथ ही यह आदेश भी दिया कि, सत्यशील वानखडे द्वारा मनपा को पांच हजार रूपये बतौर जुर्माना व मुआवजा भी अदा किया जाये. अदालत के निर्देश पश्चात मनपा ने तुरंत ही इस जमीन पर तमाम बाधाओं को दूर करते हुए इन कैमेरा पंचनामा किया तथा जमीन पर मौजूद साजो-सामान को अदालती निर्देशों के तहत जप्त करते हुए वहां पर अपना कब्जा कायम किया.