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ओबीसी आरक्षण कायम रखते हुए जातिनिहाय जनगणना की जाये

महात्मा फुले समता परिषद ने जिलाधीश को सौंपा ज्ञापन

अमरावती/प्रतिनिधि दि.21 – सर्वोच्च न्यायालय द्वारा स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं में ओबीसी प्रवर्ग का राजनीतिक आरक्षण रद्द किये जाने की वजह से ओबीसी समाज में प्रचंड असंतोष निर्माण हुआ है. अत: ओबीसी का राजनीतिक आरक्षण कायम रखते हुए ओबीसी की जातिनिहाय जनगणना की जाये. इस आशय की मांग महात्मा फुले समता परिषद द्वारा की गई है.
जिलाधीश को सौंपे गये ज्ञापन में कहा गया कि, मंडल आयोग की सिफारिशों पर संविधान के अनुच्छेद 73 व 74 में संशोधन करते हुए ओबीसी समाज को विविध स्तर पर आरक्षण दिया गया था. किंतु सुप्रीम कोर्ट के फैसले की वजह से पूरे राज्य में ग्राम पंचायत, पंचायत समिती, जिला परिषद नगर पंचायत, नगर पालिका व महानगरपालिका में ओबीसी समाज हेतु आरक्षित 56 हजार सीटों पर परिणाम पडेगा. जिसकी वजह से इन सीटों पर ओबीसी समाज का दावा खत्म हो गया है. यह ओबीसी समाज के लिए बेहद अन्यायकारक है. अत: ओबीसी समाज का राजनीतिक आरक्षण कायम रखते हुए ओबीसी समाज की जातिनिहाय जनगणना की जानी चाहिए. ऐसा नहीं होने पर परिषद द्वारा व्यापक जन आंदोलन करने की चेतावनी भी दी गई है.
ज्ञापन सौंपते समय परिषद के प्रदेश सचिव डॉ. गणेश खारकर, जिलाध्यक्ष नंदकिशोर लेकुरवाले, महानगर अध्यक्ष अशोक दहीकर, एड. बाबुराव बेलसरे, संजय वर्‍हेकर, प्रा. प्रफुल्ल भोजने, प्रभाकर वानखडे, नितीन राउत, संजय मापले, ज्योती बावीस्कर, सुनील वासनकर, किशोर पोलगावंडे, श्रीधर देशमुख, पूजा साठे, चेतन मानकर आदि उपस्थित थे.

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