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नाबालिग को भगाकर ले जानेवाले आरोपी को पकडा

ग्रामीण पुलिस की कार्रवाई

अमरावती/दि.२३- वरूड़ से नाबालिग को भगाकर ले जानेवाले आरोपी को अमरावती ग्रामीण पुलिस ने हिरासर में लिया है. कोई भी सबूत नहीं होने पर भी पुलिस ने मामले का पर्दाफाश करने पर पुलिस प्रशासन की सराहना की जा रही है.
मिली जानकारी के अनुसार एक नाबालिग बालिका पढ़ाई करने के लिए वरूड़ में आती थीं. घर से पढ़ाई के लिए जाने के लिए पिता से ट्युशन फीस के लिए ६२ हजार रुपए भी लिए. इसके बाद ७ फरवरी की शाम से उसका मोबाईल बंद आने लगा. नाबालिग के माता-पिता ने उसको गांव और वरूड में ढूंढा. लेकिन उसका पतो नहीं चल पाया. वरूड़ में ढूंढने पर पता चला कि उसे आसीफ नामक युवक के फोन आते थे. वो ही नाबालिग को भगाकर ले गया, ऐसी शिकायत नाबालिग के पिता से १० फरवरी को वरूड पुलिस थाने में दर्ज करायी. जिसके बाद आरोपी के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया. मामले की गंभीरता को देखते हुए वरूड के पुलिस निरीक्षक प्रदीप चौरगांवकर ने वरिष्ठों को जानकारी दी. इसके बाद जांच पड़ताल आरंभ की गई. पीडि़त नाबालिग व आरोपी का फोन भी बंद आ रहा था. आरोपी ने कोई भी सबूत नहीं छोड़ा था. इस स्थिति में नाबालिग को ढूंढकर लाना पुलिस के सामने एक चुनौती थीं. जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. हरी बालाजी एन., अप्पर पुलिस अधीक्षक शाम घुगे व उपविभागीय पुलिस अधिकारी कविता फडतरे के मार्गदर्शन में ग्रामीण अपराध शाखा के पुलिस निरीक्षक तपन कोल्हे व वरूड के पुलिस निरीक्षक प्रदीप चौगांवकर, पुलिस उपनिरीक्षक वीरेंद्र चौबे, सुनिल बनसोड, शिवा सिरसाठ, सुनिल केवटकर, चंद्रशेखर खंडारे की निगरानी में वरूड़ के पुलिस उपनिरीक्षक कृष्णा सालुंके, श्रीरंग इंगले व सुमित्रा उईके, स्वपनिल काकडे ने पुणे, दिल्ली आदि इलाकों में तकनीकी दृष्टि से जांच करते हुए अगवा नाबालिग को दिल्ली से कब्जे में लिया. वहीं परभणी जिले के बिहार कॉलोनी मानवत निवासी आसीफ मुसा पठाण को हिरासत में लिया. वहीं नाबालिग को अभिभावकों को सौंप दिया गया.

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