अमरावती/प्रतिनिधि/दि.10 – कोरोना संक्रमण के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए नागरिकों ने दीपावली पर्व को बेहद साधे व सामान्य ढंग से मनाना चाहिए. यह पर्व हर कोई अपने-अपने घरेलू स्तर पर मनाये और कहीं भी किसी तरह का कोई सार्वजनिक आयोजन न किया जाये. इस आशय का आवाहन जिलाधीश शैलेश नवाल द्वारा किया गया है.
इस संदर्भ में एक परिपत्रक जारी करते हुए बताया गया कि, दीपावली उत्सव के निमित्त सरकार की ओर से विभिन्न मार्गदर्शक दिशानिर्देश जारी किये गये है. कोरोना संक्रमण को देखते हुए राज्य के धार्मिक स्थलों को अभी खोला नहीं गया है. ऐसे में दीपावली उत्सव घरेलू स्तर पर ही मनाया जाये और उत्सव काल के दौरान बुजुर्गों एवं बच्चों को घर से बाहर न निकलने दिया जाये. इसी तरह अन्य सभी लोग भी सार्वजनिक स्थानों पर भीडभाड करने से बचे और सोशल डिस्टंसिंग के निर्देशों का पालन करे. इस समय जिलाधीश नवाल ने यह भी कहा कि, दीपावली के निमित्त बडे पैमाने पर पटाखे चलाते हुए आतिशबाजी की जाती है. लेकिन इसकी वजह से वायू व ध्वनिप्रदूषण का स्तर बढता है. जिसका सीधा परिणाम लोगों के स्वास्थ्य पर पडता है. वहीं इस बार कोरोना संक्रमित एवं संक्रमण से ठीक हो चुके लोगों को पटाखों के धुएं की वजह से काफी तकलीफें हो सकती है. ऐसे में इस बार जहां तक संभव हो, आतिशबाजी को टाला जाना चाहिए. इसकी बजाय दीप मालिका सजाते हुए दीपोत्सव मनाया जाना चाहिए.
इसी तरह दीपावली पर्व के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष आयोजीत होनेवाले पाडवा पहाट जैसे सार्वजनिक कार्यक्रमों को इस बार ऑनलाईन आयोजीत किया जाये और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की बजाय स्वास्थ्य संबंधी उपक्रम चलाया जाये. जिसके तहत विषाणुजन्य बीमारियों को लेकर जनजागृति की जाये. साथ ही उन्होंने बताया कि, कोरोना प्रतिबंध हेतु सरकार एवं विभिन्न विभागोें द्वारा इससे पहले लागू किये गये नियमों का पालन आगे भी अनिवार्य रहेगा. दीपावली अपने आप में एक मंगलकारक त्यौहार है. ऐसे में सभी के निरामय स्वास्थ्य हेतु संयम व विवेक के साथ सभी ने दीपोत्सव को घरेलू स्तर पर मनाना चाहिए.