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लोकसभा के मान्सून सत्र में ले निर्णय
अमरावती/प्रतिनिधि दि.16 – आगामी वर्ष 2021 में होने वाली जनगणना में ओबीसी समाज की जाति निहाय जनगणना करने की मांग महाराष्ट्र प्रांतिक तैलिक महासभा ने की है. आज उन्होेंने जिलाधिकारी मार्फत केंद्रीय गृहमंत्री अमित शहा को निवेदन भेजा है.
महाराष्ट्र प्रांतिक तैलिक महासभा का कहना है कि देश में सर्वप्रथम जनगणना 1872 में हुई थी और 1881 से हर 10 वर्ष बाद जनगणना होती है. देश में 1931 तक जाति की जनगणना होती थी व जनगणना में हर जाति की संख्या व शैक्षणिक, आर्थिक स्थिति बाबत संपूर्ण जानकारी इसमें स्पष्ट की जाती है. 1941 में भी जनगणना में जाति का कॉलम था. किंतु दूसरा महायुध्द शुरु हो जाने से जनगणना नहीं की गई. 1931 की जनगणना के अनुसार ओबीसी में 3743 जाति का उल्लेख किया गया है. ओबीसी समाज की जनगणना आज तक न हो जाने से ओबीसी समाज के लोगों को उनके प्रमाण में आरक्षण नहीं दिया जाता. देश में 3743 जातियों में विभाजित 52 प्रतिशत ओबीसी समाज की स्वतंत्र जनगणना करने के लिए 2021 में होने वाली जनगणना में ओबीसी के लिए स्वतंत्र कॉलम रखना चाहिए, ऐसी सभी ओबीसी समाज की जनभावना है. आगामी केंद्र सरकार के मान्सून सत्र में ओबीसी समाज की जाति निहाय जनगणना का विषय लेकर इसपर निर्णय करने की मांग की गई है.
ओबीसी समाज का इम्पेरिकल डेटा उपलब्ध न रहने से महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय संस्था का राजनीतिक आरक्षण सुप्रिम कोर्ट ने रद्द किया है. महाराष्ट्र में ओबीसी समाज कितना है, उनके प्रतिशत की जानकारी न रहने से ओबीसी समाज का राजनीतिक आरक्षण रद्द हुआ है. इस कारण महाराष्ट्र के ओबीसी समाज पर अन्याय हो रहा है. देश में ओबीसी 52 प्रतिशत से ज्यादा है. किंतु जिस प्रमाण में ओबीसी समाज को सुविधाएं उपलब्ध होनी चाहिए, उस प्रमाण में नहीं मिली. भारत देश में विविध क्षेत्र से अपना योगदान देने वाले ओबीसी के सभी प्रवर्ग का हित ध्यान में लेकर 2021 में होने वाली जनगणना में ओबीसी समाज की जाति निहाय जनगणना करने की मांग महाराष्ट्र प्रांतिक तैलिक महासभा ने की है. निवेदन देते समय विभागीय अध्यक्ष संजय हिंगासपुरे, राजेंद्र हजारे, अमोल आगासे, जिलाध्यक्ष बालासाहेब लोहारे, जिला महासचिव चंद्रशेखर जावरे, युवा विभागीय अध्यक्ष सागर शिरभाते, कुशल बिजवे, उमेश चौकडे, डॉ.संजय शिरभाते, किशोर जिरापुरे, किरण गुलवाडे, विजय शिरभाते, लिना जावरे, स्वप्नील खेडकर, सविता भागवत आदि उपस्थित थे.