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केंद्र सरकार व कृषि कंपनियांं ठग रही किसानों को

रासायनिक खाद की किमतों में बढोत्तरी नहीं करने का दिया झांसा

अमरावती/प्रतिनिधि दि.15 – खरीफ ने रासायनिक खाद के दरों में बीते वर्ष की तुलना में इस वर्ष अचानक बढोत्तरी कर दी गई है. विदर्भ में सोयाबीन उत्पादक किसान बडे पैमाने पर रासायनिक खाद का उपयोग करते है लेकिन इस वर्ष खाद की दरवृद्धी से किसानों का बुआई का बजट बिगडने वाला है. विविध कंपनियों ने अप्रैल में दरवृद्धी नहीं होगी की घोषणा की थी यही नहीं तो केंद्रीय रसायन व खाद मंत्री मनसुख मांडवीय ने दी. खाद की किमतों में बढोत्तरी नहीं होने की जानकारी दी थी. लेकिन आज नजारा कुछ अलग ही है. केंद्र सरकार व कृषि कंपनियों ने मिलकर किसानों को ठगने का काम किया है.
यहां बता दें कि यूरिया, बीएटी यह खाद किसान प्रतिवर्ष किसान उपयोग में लाते है. इफको, महाधन,आयपीएल, सरदार इन नांमाकित कंपनियों के खाद भी किसान बडे पैमाने पर खरीदते है. खरीफ सीजन की शुरुआत होने से पहले ही डीएपी के 50 किलो बोरे का मूल्य 1200 से 1900 रुपए, 24-24-08 खाद के दर 1350 से 1900 रुपए पहुंच गया है. वहीं सुपर फासफेक्ट के दर 375 से 475 हो चुके है. उत्पादन खर्च इतना ही होने पर भी बीज, खाद व मजदूरी बढने से भी किसानों की जेब पर असर पडेगा. कंपनियों ने रासायनिक खाद के प्रति बोरे 500 से 600 रुपए दर बढा दिए गए है. जिसे कोरोना काल में आर्थिक परेशानियों में घिरे किसानों की दरवृद्धी से कमर टूट सकती है. इसलिए सरकार ने तत्काल दखल लेकर दर जैसे थे वैसे ही रखने की मांग राष्ट्रवादी युवा कांग्रेस के तहसील अध्यक्ष अमोल पाटिल भारसाकले ने की है.

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