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केंद्र का विवादास्पद निर्णय निरस्त

स्वा. सै. की बेटी भी पेंशन पात्र

नागपुर/दि.19– दिवंगत स्वाधीनता संग्राम सैनिक की तलाकशुदा बेटी भी केंद्र सरकार की सम्मान पेंशन हेतु पात्र रहने का महत्वपूर्ण निर्णय बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने दिया है. स्वतंत्रता संग्राम के सैनिकों का इसे सम्मान माना जा रहा है. न्या. अविनाश घरोटे और न्या. उर्मिला जोशी ने इस बारे में विभिन्न बातों को ध्यान में रखकर कुसूम को सम्मान पेंशन हेतु पात्र बताया. केंद्र को आदेश दिया कि कुसूम को 28 फरवरी 2019 से पेंशन अदा की जाए.
ेकुसूम अपनी ससुराल छोडकर पालकों पर निर्भर थी. उसने पिता के जीवित रहते विवाह किया था. मतभेद के कारण 31 मार्च 1994 को उसका तलाक हो गया. उसकी मां ने अपने बाद पेंशन हेतु कुसूम को नामित किया था. कुसूम के वकील एड. अनूप डांगोरे ने बताया कि उन्होंने कोर्ट में सर्वोच्च न्यायालय के खजानी देवी प्रकरण में दिए गए फैसले का उदारहण दिया. जिसे कोर्ट ने मान्य किया. केंद्र सरकार ने कुसूम व्दारा दाखिल पेंशन दावा 27 अगस्त 2021 को नामंजूर कर दिया था.

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