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किसी भी समय हो सकती है गिरफ्तारी
अमरावती/प्रतिनिधि दि.12 – स्थानीय जिला मध्यवर्ती सहकारी बैेंक व्दारा म्युच्यूअल फंड में किये गए 700 करोड रुपए के निवेश के मामले में 3 करोड 39 लाख 23 हजार 319 रुपए का ब्रोकरेज दिया गया था. इस मामले में जिला मध्यवर्ती बैंक पर नियुक्त प्रशासक संदीप जाधव की शिकायत पर 15 जून को कोतवाली पुलिस ने बैंक के तत्कालीन सीईओ जयसिंग राठोड, कर्मचारी राजेंद्र गणेश कडू व ब्रोकर समेत कुल 11 आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज किये थे. इस मामले में नामजद हुए जिला बैंक के कर्मचारी व ब्रोकर्स आदि ने गिरफ्तारी पूर्व जमानत के लिए स्थानीय न्यायालय में अर्जी दाखिल की थी. आज सेकंड एडॉप्ट अग्रवाल के न्यायालय ने बैंक के तत्कालीन मैनेजिंग डायरेक्टर जयसिंग राठोड व कर्मचारी राजेंद्र कडू की गिरफ्तारी पूर्व जमानत की अर्जी खारिज कर दी. न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि, इन दोनों की पुलिस जांच में जरुरत रहने के कारण उनकी गिरफ्तारी पूर्व जमानत आज न्यायालय ने खारिज कर दी. इस कारण इन दोनों की गिरफ्तारी की संभावना बढ चुकी है. इन दोनों को किसी भी समय गिरफ्तार किया जा सकता है, इस तरह के संकेत आर्थिक अपराध शाखा के अधिकारियों ने दिये है. उल्लेखनीय है कि इससे पहले इसी मामले में शामिल ब्रोकर राजेंद्र गांधी, निता राजेंद्र गांधी, शिवकुमार गट्टाणी व पुरुषोत्तम रेड्डी आदि की गिरफ्तारी पूर्व जमानत न्यायालय ने मंजूर की है.
उल्लेखनीय है कि जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक व्दारा म्युच्यूअल फंड में निवेश किये गए 700 करोड रुपए का व्यवहार बैंक व्दारा ब्रोकर्स के माध्यम से करने के कारण बैंक को 3 करोड 39 लाख 23 हजार 319 रुपये का ब्रोकरेज दिया गया था. यह निवेश आरबीआई और नाबार्ड के नियम व शर्तों की अवमानना रहने की बात ऑडिट में दर्ज होने पर बैंक के प्रशासक ने कोतवाली थाने मं एफआईआर दर्ज किया है. उसके बाद कोतवाली पुलिस थाने में 15 जून को कुल 11 आरोपियों पर विभिन्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज किये गए थे. पश्चात इस मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा को सौंपी गई थी. आर्थिक अपराध शाखा के पीआई शिवाजी बचाटे ने मामले की जांच शुरु करते समय जिला बैंक के इर्विन चौक परिसर स्थित मुख्यालय से इस मामले से जुडे अनेकों कागजात जब्त किये थे. उसके बाद गिरफ्तारी के डर से ब्रोकर्स व बैंक के नामजद कर्मचारियों ने स्थानीय न्यायालय में गिरफ्तारी पूर्व जमानत के लिए अर्जी दाखिल की थी. इन में से आज तत्कालीन सीईओ जयसिंग राठोड व राजेंद्र गणेशराव कडू इन दोनों की जमानत की अर्जी न्यायालय ने खारिज की.
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मोंगा की जमानत अर्जी पर हुई सुनवाई, फैसला कल
जिला मध्यवर्ती बैंक के कमिशन घोटाले में नामजद म्युच्यूअल फंड कंपनी निप्पान के अमरावती शाखा मेैनेजर अजितपालसिंग मोंगा की गिरफ्तारी पूर्व जमानत की अर्जी पर आज सेकंड एडॉप्ट अग्रवाल के न्यायालय में सुनवाई हुई. मोंगा की ओर से एड परवेज मिर्जा ने न्यायालय में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि 2017 में जब जिला बैंक में निप्पान कंपनी में निवेश किया. उस समय आरबीआई ने बैंक को निवेश के अधिकार दिये थे. एड.मिर्जा ने न्यायालय में यह भी कहा कि आर्थिक अपराध शाखा का जो दावा है कि आरबीआई के नियम के अनुसार बैंंक किसी ब्रोकर के माध्यम से निवेश नहीं कर सकती, यह गलत है, क्योंकि आरबीआई की नियमावलि में ऐसा कही पर भी उल्लेख नहीं है कि बैंक ब्रोकर के माध्यम से निवेश नहीं कर सकती. अजितपालसिंग मोंगा के बचाव में यह भी कहा गया हेै कि, इस व्यवहार की बैंक के संचालकों को जानकारी नहीं थी, यह गलत है. क्योंकि बैंक के तत्कालीन सीईओ राठोड ने 2017 से कई बार निवेश करते समय कंपनी के साथ जो पत्र व्यवहार हुए है, उसकी प्रत बोर्ड मिटींग में रखी है. दूसरी बात यह है कि बैंक की ओर से ब्रोकर्स को कोई रकम नहीं मिली. उन्हें जो कुछ कमिशन मिला है वह कंपनी की ओर से मिला. इस कारण इसमें बैंक का कही पर भी नुकसान नहीं हुआ है. दोनों पक्ष की दलीले सुनने के बाद न्यायालय ने अजितपालसिंग मोंगा की गिरफ्तारी पूर्व जमानत की अर्जी पर फैसला सुरक्षित रखते हुए इसपर कल फैसला सुनाने का निर्णय दिया है.