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किसानों को उनका हक दिलाने जिला बैंक में ‘परिवर्तन’ जरूरी

 विशेष साक्षात्कार में राज्यमंत्री बच्चु कडू का कथन

  • बोले – 10 साल में दलाली का अड्डा बनकर रह गई बैंक

  • एनपीए बढने के चलते बैंक बंद होने की कगार पर

  • इस समय बैंक की सत्ता से अधिक बैंक को बचाना बेहद जरूरी

अमरावती/प्रतिनिधि दि.22 – जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक एक तरह से किसानों की अपनी अधिकारपूर्ण बैंक होती है. जिसके जरिये किसानों को खेती-किसानी के लिए कर्ज उपलब्ध कराना जिला बैंक की सबसे पहली प्राथमिकता रहती है और इस कर्ज की ऐवज में मिलनेवाले ब्याज से जिला बैंक का कामकाज चलता है. किंतु विगत दस वर्षों के दौरान बैंक के तत्कालीन सत्ताधारी संचालकों ने बैंक को किसानों की बजाय कंपनियों की बैंक बना दिया और किसानों के हक के पैसे किसानों को ही कर्ज के रूप में देने की बजाय उसे कंपनियों में निवेश किया गया और उसकी ऐवज में दलाली खाने का महापाप भी किया गया. ऐसे में अब बेहद जरूरी हो चला है कि, किसानों के हितों को देखते हुए जिला बैंक की सत्ता में परिवर्तन हो तथा पुराने काले कारनामों को उजागर करने के साथ-साथ बैंक की प्रगति का नया आलेख लिखा जाये. इस आशय का प्रतिपादन राज्यमंत्री बच्चु कडू द्वारा किया गया.
दैनिक अमरावती मंडल के खापर्डे बगीचा परिसर स्थित मुख्य कार्यालय में हुई औपचारिक चर्चा के दौरान अपने द्वारा पहली बार सहकार क्षेत्र का चुनाव प्रत्यक्ष लडे जाने तथा इस चुनाव में अपना पैनल उतारने को लेकर भुमिका स्पष्ट करते हुए राज्यमंत्री बच्चु कडू ने कहा कि, विगत 10 वर्षों के दौरान जिला बैंक को एक तरह से दलाली और कमिशनखोरी का अड्डा बनाकर रख दिया गया है. जिसकी वजह से जिले के किसानों सहित खुद जिला बैंक के अधिकारी व कर्मचारी भी त्रस्त हो चले है और अब हर कोई जिला बैंक की सत्ता और कामकाज के तरीके में परिवर्तन चाहता है.
राज्यमंत्री बच्चु कडू के मुताबिक बैंक के तत्कालीन सत्ता पक्ष ने अपने पूरे कार्यकाल के दौरान किसानों को केवल 150 करोड रूपयों का कर्ज दिया. वहीं 700 करोड रूपयों की राशि म्युच्युअल फंड में निवेशित की गई. यदि यह पैसा भी किसानों को कर्ज के तौर पर उपलब्ध कराया जाता, तो जिले के किसानों का भला होता. लेकिन उस समय जिला बैंक के सत्ता पक्ष द्वारा किसानों को अपने पास पैसा नहीं रहने की बात कही जा रही थी. जबकि हैरत की बात यह है कि, संचालक मंडल के विदा होते ही अधिकार में आये प्रशासक द्वारा किसानोें को 400 करोड रूपयों का कर्ज उपलब्ध कराया गया. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि तत्कालीन सत्ता पक्ष की नजरों में किसान हितों की कितनी अहमियत थी.
इस विशेष साक्षात्कार में राज्यमंत्री बच्चु कडू ने बार-बार दोहराया कि, बैंक की सत्ता में रहनेवाले तत्कालीन संचालकों द्वारा किसान हितों की बजाय केवल अपने हितों को ही देखा जा रहा था तथा किसानों के पैसों से काली कमाई करने के रास्ते खोजे जा रहे थे. लेकिन अब तत्कालीन सत्ता पक्ष के सभी काले कारनामे पूरी तरह से उजागर हो गये है और पूरी सच्चाई भी जिले के किसानों व नागरिकों के सामने आ गई है. ऐसे में जिले के किसानों सहित बैंक के कर्मचारियों द्वारा बैंक में परिवर्तन होने का इंतजार किया जा रहा है.

  • सेवा सहकारी सोसायटियों का मजबूत होना जरूरी

इस साक्षात्कार में राज्यमंत्री बच्चु कडू ने बताया कि, जिस तरह लोकतांत्रिक व्यवस्था का मूल आधार ग्राम पंचायत होती है, उसी तरह सहकार क्षेत्र की व्यवस्था में सेवा सहकारी सोसायटी का महत्व होता है. जिसके जरिये गांव स्तर पर बैंकिंग व कर्ज की सुविधाएं उपलब्ध होती है. यहीं वजह रही कि, आज से 50-60 साल पहले तत्कालीन पीढी द्वारा ग्रामीण स्तर पर सेवा सहकारी सोसायटियों की स्थापना कर इस व्यवस्था को मजबूत किया गया था. किंतु विगत दस वर्षों के दौरान अमरावती जिले में 150 सेवा सहकारी सोसायटियां बंद हो गई है. यानी एक तरह से जिले के ग्रामीण क्षेत्रों का जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक से संपर्क सूत्र ही तोड दिया गया. वहीं कई ऐसी संस्थाओं को जिला बैंक के तत्कालीन सत्ता पक्ष द्वारा कर्ज वितरित किया गया. जिन संस्थाओं के बारे में खुद जिला बैंक के पास ही विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं है, यानी सेवा सहकारी सोसायटियों को बंद करते हुए अपनी खुद की संस्थाओं को लाभ पहुंचाने का काम तत्कालीन सत्ताधारी संचालकों द्वारा किया गया. इस समय राज्यमंत्री बच्चु कडू ने बताया कि, जिले के 75 फीसद ग्रामीण स्थानों में इस समय सेवा सहकारी सोसायटियों के कार्यालय ही नहीं है. बल्कि केवल अध्यक्ष के घर से ही पूरा कामकाज चल रहा है. ऐसे में परिवर्तन पैनल के बैंक की सत्ता में आते ही सबसे पहले जिले में सेवा सहकारी सोसायटियों को मजबूत करने का काम किया जायेगा.

  • पूरे राज्य में स्थापित करेंगे आदर्श

अपने 25 वर्ष के राजनीतिक जीवन में हमेशा ही सक्रिय राजनीति से संबंधित चुनाव लडते रहे राज्यमंत्री बच्चु कडू पहली बार सहकार क्षेत्र का चुनाव लडने जा रहे है. इसकी दो प्रमुख वजहें पूछने पर राज्यमंत्री बच्चु कडू ने कहा कि, सबसे अव्वल तो जिला बैंक में चल रही दलाली की व्यवस्था को खत्म करना है. साथ ही किसान आत्महत्याओें को रोकने के लिए जिला बैंक को पूरी तरह से किसान हितैषी बैंक बनाना है. इसके अलावा अमरावती की जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक को पूरे राज्य में एक आदर्श के तौर पर स्थापित करना है.

  • बच्चु के लिए नहीं, किसानों के लिए जीत जरूरी

इस बातचीत के दौरान राज्यमंत्री बच्चु कडू ने कहा कि, विगत दस वर्षों के दौरान जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक में भारतीय रिजर्व बैंक व नाबार्ड के निर्देशों व नियमों का धडल्ले के साथ उल्लंघन किया जाता रहा. साथ ही अपने फायदे के लिए नियमों की अनदेखी करते हुए म्युच्युअल फंड में 700 करोड रूपये का निवेश किया गया, जबकि इस समय बैंक का एनपीए 52 फीसद पर पहुंच गया है. यदि कुछ दिन और ऐसा ही चलता रहा तो बहुत जल्द जिला बैंक के बंद होने की नौबत आन पडती थी. ऐसे में यह लडाई जिला बैंक को बचाने के लिए लडी जा रही है और किसानों के हितों को देखते हुए इस चुनाव में परिवर्तन पैनल की जीत बेहद जरूरी है. राज्यमंत्री बच्चु कडू ने यह भी कहा कि, इस समय बैंक के कई अधिकारी व कर्मचारी पुराने सत्ताधारी संचालकों से तंग आ चुके है और वे खुद उस भ्रष्ट व्यवस्था से छूटकारा चाहते है, क्योंकि इन्हीं अधिकारियों व कर्मचारियों के कंधे पर बंंदूक रखकर तत्कालीन सत्ता पक्ष द्वारा कमीशनखोरी की जाती थी. यहीं वजह है कि, आज कमीशन घोटाले का मामला उजागर होने और बैंक के कर्मचारी इसमें फंसे हुए है. जबकि पूरा कारनामा तत्कालीन सत्ताधारी संचालकों द्वारा किया गया, लेकिन वे खुद अपना दामन बचाकर खुद पाकसाफ दिखा रहे है.

  •  वो अपने कारनामे छिपाने छटपटा रहे

इस पूरी बातचीत के दौरान राज्यमंत्री बच्चू कडू बैंक के तत्कालीन सत्ताधारी संचालकों को लेकर काफी उग्र दिखे. साथ ही उन्होंने कहा कि, कोविड संक्रमण काल के दौरान ढाई लाख रूपये के काजू-बादाम खानेवाले तत्कालीन सत्ताधारी संचालक अपने पिछले काले कारनामों के उजागर होने से बुरी तरह बौखलाएं हुए है और अपने कारनामोें को छिपाने के लिए किसी भी तरह से दुबारा बैंक की सत्ता में आने हेतु छटपटा रहे है. राज्यमंत्री बच्चु कडू ने यहां तक कहा कि, तत्कालीन सत्ताधारी संचालकों ने किसानों के नाम का बीमा लाभ तक खा लिया. ऐसे में उन्हें इस बार जिले के मतदाताओं द्वारा उनकी असली जगह दिखा दी जायेगी.

  • केवल चुनावी मुद्दा नहीं, आगे भी जांच होगी

इस समय पूछे गये एक सवाल के जवाब में राज्यमंत्री बच्चु कडू ने कहा कि, जिला बैंक में उजागर हुआ कमीशन घोटाले का मामला केवल एक चुनावी मुद्दा नहीं है, बल्कि इस चुनाव के बाद भी इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की जायेगी. यद्यपि घोटाले में शामिल संचालक कांग्रेस पार्टी से वास्ता रखते है और इस समय राज्य की आघाडी सरकार में खुद कांग्रेस भी शामिल है, किंतु इसका इस मामले की जांच पर कोई असर नहीं पडेगा. बल्कि कांग्रेस की ओर से पूरा सहयोग ही मिलेगा. क्योंकि इन लोगों के कारनामों की वजह से जिले सहित राज्य में खुद कांग्रेस पार्टी की बदनामी हो रही है.

  • ईडी ने खुद लिया है मामले का संज्ञान

अक्सर यह आरोप लगता है कि, सत्ताधारी दल द्वारा अपने विरोधियों को निपटाने के लिए आर्थिक गडबडियों से जूडे मामलों की जांच ईडी को सौंप दी जाती है. इस समय आप सरकार में राज्यमंत्री है और जिला बैंक का चुनाव लड रहे है. साथ ही आपके विरोधियों की ईडी द्वारा जांच की जा रही है, यह मसला उठाये जाने पर राज्यमंत्री बच्चु कडू ने कहा कि, सबसे अव्वल तो ईडी राज्य सरकार के अधीन नहीं होती. अत: इस मामले में उन्होंने ईडी को जांच के काम नहीं लगाया. दूसरे म्युच्युअल फंड कंपनी निप्पॉन एक अंतरराष्ट्रीय कंपनी है. साथ ही इस कंपनी में निवेश हेतु जिला बैंक द्वारा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया जैसे राष्ट्रीयकृत बैंक से कैश विड्रॉल किया गया था. जिसके चलते ईडी ने खुद इस मामले में संज्ञान लिया है और अपनी ओर से जांच शुरू की है. किंतु ईडी की जांच में फंसने के बावजूद भी कुछ लोग पुरी बेशर्मी के साथ जिला बैंक का चुनाव लड रहे है. किंतु उन्हें इस बार मतदाता ही उनकी असली जगह दिखा देंगे. साथ ही राज्यमंत्री बच्चु कडू ने यह भी कहा कि, फिलहाल परिवर्तन पैनल की ओर से अध्यक्ष के तौर पर किसी का नाम तय नहीं हुआ है और वे खुद इस समय अध्यक्ष पद की रेस में नहीं है. चुनाव निपटने के बाद इस बारे में आपसी सहमति से निर्णय लिया जायेगा. साथ ही एक सवाल के जवाब में उन्होंने यह भी कहा कि, फिलहाल बैंक में नई पदभरती का भी कोई मसला नहीं है और 52 फीसद एनपीए रहने की वजह से पद भरती का कोई औचित्य भी नहीं है. बल्कि फिलहाल बैंक की आर्थिक स्थिति को संभालना और बैंक के अस्तित्व को बचाये रखना सबसे पहले प्राथमिकता है.

 

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