राठोड, चांदूरकर, कडू व चौधरी पर आरोप
‘दैनिक अमरावती मंडल’ की खबर का असर, किसी भी समय होगा अपराध दर्ज
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मामला जिला मध्यवर्ती बैंक में 700 करोड के म्युच्यूअल फंड घोटाले का
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कल शाम प्रशासक भोसले ने कोतवाली पुलिस को सौंपी रिपोर्ट
अमरावती/प्रतिनिधि दि.19 – अमरावती जिले में किसानों की अपनी बैंक के रुप में पहचान रखने वाली अमरावती जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के पूर्व संचालकों के कार्यकाल में बैंक ने 700 करोड का निवेश म्युच्यूअल फंड में किया था. किसानों का पैसा म्युच्यूअल फंड में ब्रोकर की मदत से निवेश करने के कारण इस व्यवहार में बैंक को 3 करोड 40 लाख रुपयों का नुकसान सहना पडा था. जिला मध्यवर्ती बैंक ने नाबार्ड और आरबीआई के मार्गदर्शक तत्वों का उल्लंघन कर यह निवेश किया. जिला बैंक में हुए इस आर्थिक गैर व्यवहार पर ‘दैनिक अमरावती मंडल’ ने सर्वप्रथम प्रकाश डाला था. जिसे गंभीरता से लेते हुए जिला मध्यवर्ती बैंक पर नियुक्त प्रशासक सतीश भोसले ने बैंक के व्यवहार का इन्व्हेस्टमेंट ऑडिट भी करवाया और इस ऑडिट रिपोर्ट के साथ कोतवाली पुलिस थाने में जिला मध्यवर्ती बैंक में हुए 700 करोड के म्युच्यूअल फंड घोटाले में अधिकृत शिकायत दर्ज की थी. जिसपर पुलिस ने प्रशासक भोसले को इस व्यवहार के समय बैंक में कार्यरत अधिकारी व कर्मचारियों केे नाम निश्चित कर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा था और प्रशासक सतीश भोसले ने कल शाम 6 बजे कोतवाली पुलिस थाने के पीआई राहुल आठवले को यह रिपोर्ट सौंपी है. जिसमें उन्होंने बैंक व्दारा किये गए 700 करोड के म्युच्यूअल फंड निवेश के लिए जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के तत्कालीन मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जे.सी.राठोड, तत्कालीन मुख्य इन्व्हेस्टमेंट ऑफिसर चांदूरकर, तत्कालीन सांख्यिकी अधिकारी आर.एन.कडू और अकाउंटंट रोहिणी चौधरी को जिम्मेदार करार दिया. यह रिपोर्ट कल कोतवाली पुलिस को सौंपने के बाद आज सुबह कोतवाली के थानेदार राहुल आठवले नेे यह समूचा मामला पुलिस आयुक्त डॉ.आरती सिंह के सामने रखा. इस कारण अब इस मामले में किसी भी समय जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के 4 अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ अपराध दर्ज होगा.
उल्लेखनीय है कि अमरावती जिला मध्यवर्ती सहकारी बेैंक के संचालक मंडल का कार्यकाल 2015 में ही खत्म हुआ था. बावजूद इसके बैंक के व्यवहारों को लेकर एक मामला हाईकोर्ट और उसके बाद सुप्रिम कोर्ट में न्यायप्रविष्ट रहने के कारण बैंक के संचालक मंडल के चुनाव पांच वर्ष टल गए और संचालक मंडल को आसानी से पांच वर्ष का कार्यकाल बगैर चुनाव के ही मिल गया. इसी पांच वर्ष के कार्यकाल के दौरान बैंक के संचालक मंडल ने विविध प्रकार के गैर व्यवहार किये. इसी दौरान बैंक व्दारा किया गया सबसे बडा नियमबाह्य व्यवहार यह कि जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक ने 700 करोड का निवेश म्युच्यूअल फंड में किया. विशेष यह कि जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक यह प्राथमिकता से किसानों की व किसानों को फसल कर्ज वितरण करने के लिए स्थापित की गई है, लेकिन आरोप है कि बैंक ने जरुरतमंद किसानों को फसल कर्ज का वितरण न करते हुए 700 करोड का निवेश म्युच्यूअल फंड में किया. यह निवेश करते समय बैंक की सीईओ जे.सी.राठोड ने अहम भूमिका निभाई. उन्होंने निप्पॉन इंडिया म्युच्यूअल फंड कंपनी के अमरावती के व्यवस्थापक को 28 सितंबर 2020 को बैंक का निवेश ब्रोकर व्दारा सूचारु रुप से शुरु रखने संबंधी का पत्र दिया था तथा इससे पहले भी ब्रोकर व्दारा निवेश करने के लिए बैंक के सीईओ राठोड ने पुरुषोत्तम रेड्डी नामक ब्रोकर तथा एसबीआई व निप्पॉन इंडिया कंपनी के अमरावती व्यवस्थापकों से भी पत्र व्यवहार किया था. विशेष यह कि यह व्यवहार अगर बैंक बगैर ब्रोकर नियुक्ति के स्वयं करती तो 700 करोड के निवेश में ब्रोकर रेड्डी को जो 3 करोड 40 लाख रुपए का कमिशन गया उसका लाभ बैंक को मिलता था, लेकिन ऐसा न करते हुए बैंक ने ब्रोकर के माध्यम से निवेश किया और 3 करोड 40 लाख रुपये का आर्थिक लाभ एजंट को मिला, इस तरह जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक ने अनेकों व्यवहार यह आरबीआई के दिशा निर्देशों का उल्लंघन कर किये है.
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आर्थिक अपराध शाखा को सौंपी जाएगी जांच
उल्लेखनीय है कि अमरावती जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक का मुख्य कार्यालय इर्विन चौक परिसर में यानी कोतवाली थाना क्षेत्र के अंतर्गत आता है. इस कारण मामले की रिपोर्ट बैंक के प्रशासक सतीश भोसले ने कोतवाली पुलिस थाने में दर्ज की थी, लेकिन 700 करोड रुपए के निवेश का जो कुछ मुद्दा है वह आर्थिक व्यवहारों से जुडा रहने के कारण इस मामले में कोतवाली पुलिस थाने में अपराध दर्ज होने के बाद जांच के लिए यह मामला आर्थिक अपराध शाखा को सौंपा जा सकता है.
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विधायक अडसड ने की पुलिस आयुक्त से भेंट
‘दैनिक अमरावती मंडल’ में जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक व्दारा किये गए 700 करोड रुपए के म्युच्यूअल फंड के निवेश में हुई गडबडी की लगातार खबरे प्रकाशित होने के बाद जिले के किसानों की अपनी बैंक समझे जाने वाली जिला बैंक में हुए इस घोटाले की तत्काल जांच कर दोषियों पर कडी कार्रवाई करने की मांग के लिए शुक्रवार को चांदूर रेलवे के विधायक प्रताप अडसड ने पुलिस आयुक्त डॉ.आरती सिंह से भेंट कर इस घोटाले की गंभीरता उनके निदर्शन में लाकर दी थी और दोषियों पर कडी कार्रवाई की मांग की थी. उसके बाद इस मामले की जांच ने रफ्तार पकडी और कल शाम प्रशासक सतिश भोसले ने अपनी विस्तृत संशोधित रिपोर्ट कोतवाली पुलिस थाने में सौंपी.