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च्यूंगम बना जान की आफत

बाल-बाल बची बच्चे की जान

अमरावती प्रतिनिधि/दि.२ – अमूमन छोटे बच्चे जेब खर्च हेतु मिले पैसों से च्यूंगम या बबलगम खरीदकर खाते है. किंतु इन्हें खाना कई बार जानलेवा भी हो सकता है. क्योेंकि यदि च्यूंगम या बबलगम चबाते-चबाते गलती से गिटकने में आ जाये, तो कई बार अन्न नलिका व श्वास नलिका के बीच फंसकर सांस को अवरूध्द कर सकते है और यह जानलेवा साबित हो सकता है. ऐसा ही एक मामला विगत दिनों अमरावती शहर में सामने आया, जब यशोदा नगर परिसर निवासी एक बच्चे की जान बडी मुश्किल से बचायी जा सकी.
जानकारी के मुताबिक यशोदा नगर परिसर में रहनेवाला एक अल्पवयीन बच्चा हमेशा की तरह अपने मुंह में रखकर च्यूंगम चबा रहा था और इसे चबाते-चबाते उसने टी-शर्ट पहनने के लिए अपनी गर्दन को थोडा उपर उठाया. इस समय असावधानीवश उसने मुंह में मौजूद च्यूंगम उसके गले में जाकर फंस गया और उसे सांस लेने में काफी तकलीफ होने लगी. साथ ही जोर-जोर से खांसी आने लगी. यह बात पता चलते ही घबराये हुए परिजन उसे लेकर तुरंत ही अस्पताल की ओर भागे, लेकिन कोरोना टेस्ट रिपोर्ट के बिना इस बच्चे का करीब एक-दो अस्पतालों ने इलाज करने से मना कर दिया और बडी मुश्किल से रूक्मिनी नगर परिसर स्थित एक निजी अस्पताल के डॉक्टर ने इस बच्चे का इलाज करने की तैयारी दर्शायी और प्राथमिक चेकअप के बाद पाया गया कि, वह च्यूंगम बच्चे की अन्न नलिका में फंसा हुआ है. जिसके बाद कुछ चिकित्सा उपकरणों के सहारे अन्न नलिका से उस च्यूंगम को चिमटी में पकडकर बाहर निकाला गया. साथ ही अन्न नलिका व पेट में च्यूंगम की वजह से हुए इंफेक्शन को वॉशआउट करने के लिए इस बच्चे को कुछ आवश्यक दवाईयां भी दी गई. साथ ही एक-दो घंटे की स्वास्थ्य निगरानी में रखकर घर भेज दिया गया.
पता चला है कि, यदि वह च्यूंगम इस बच्चे की श्वासनलिका में जाकर फंस जाता, तब इस बच्चे की जान बचना काफी मुश्किल हो जाती. ऐसे में इस बच्चे का इलाज करनेवाले डॉक्टर के मुताबिक अभिभावकों ने इस बात की ओर ध्यान देना चाहिए कि, उनके बच्चे जेब खर्च हेतु मिलनेवाले पैसों से क्या खरीदकर खा रहे है. साथ ही बच्चों को च्यूंगम या बबलगम खाने से भी रोका जाना चाहिए. बता दें कि, च्यूंगम या बबलगम के इन दिनों बाजार में कई आकर्षक फ्लेवर उपलब्ध है और इन्हें खाने के शौकीन लोग च्यूंगम या बबलगम को घंटों अपने मुंह में रखकर चबाते रहते है. साथ ही स्वाद खत्म हो जाने के बाद उन्हें इधर-उधर लापरवाही के साथ थूक दिया जाता है. ऐसा करना भी अन्य लोगों के स्वास्थ्य के लिहाज से काफी खतरनाक साबित हो सकता है. इसके अलावा च्यूंगम खाने के शौकीन लोग अपना शौक पूरा होने के बाद चबाये गये च्यूंगम को सार्वजनिक स्थानों पर लोगोें के बैठनेवाली जगह भी चिपका देते है. जो लोगों के कपडों में चिपक जाता है. इसे भी एक तरह की विकृत मनोवृत्ति कहा जा सकता है. ऐसे में स्वास्थ्य एवं साफसफाई के लिहाज से घातक रहनेवाले च्यूंगम या बबलगम की बिक्री पर भी कुछ हद तक प्रतिबंध लगना चाहिए, ऐसा भी कई अभिभावकों का कहना है.

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