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चिखलदरा के शिवसागर पॉइंट का काम मुदत खत्म होने के बावजूद अधुरा

  • 50 फीसदी काम करके 70 फीसदी काम के पैसे उठाये ठेकेदार ने

  •  सिडको अधिकारियों की मिलीभगत

चिखलदरा/दि.3 – सिडको द्बारा चिखलदरा विकास के तहत विकसित किये जा रहे शिवसागर पॉइंट जो की यहां के आनेवाले सैलानी के लिये आकर्षण का केंद्र बन सकता है. ऐसे पॉइंट के विकास के लिये सिडको कार्यालय तथा ठेकेदार कितनी लापरवाही बरत रहे है, इसका उदाहरण है कि, काम की मुदत खत्म होने के बावजूद अधिकारियों की लापरवाही या मिलीभगत के कारण काम की रफ्तार के नाम पर एक मिस्त्री दो मजुर वहां पर काम कर रहे है. वहीं 50 फीसदी काम अभी होना बाकी है. वहीं सिडको अधिकारियों ने इस काम के इस्टीमेट 9 करोड 23 लाख के ऐवज में ठेंकेदार का काम 50 फीसदी होेते हुए भी उसे 70 फीसदी पेमेंट कर दिया. कुल मिलाकर इस काम के बदले सिडको कार्यालय ने ठेकेदार को 83 लाख रुपये दे दिये. जिस कारण अब ठेकेदार अपने मनमाने तरीके से काम कर रहा है और ज्यादा पैसों की मांग कार्यालय से कर रहा है. जिसे देखते हुए सिडको कार्यालय के अधिकारियों का ठेकेदार पर कोई नियंत्रण नहीं होने की बात स्पष्ट रुप से दिखाई देती है.
काम की गुणवत्ता देखना हो, तो इसी विभाग द्बारा विकासित किये गये देवी पॉइंट, प्रास्पेक्ट पॉइंट, मालवीय पॉइंट, रानी पार्क, स्कॉय वाक पॉइंट की हालत देख अंदाजा लगाया जा सकता है कि, इस विभाग द्बारा करोडों रुपये खर्च करने के बावजूद पॉइंट की दशा और गुणवत्ता आज भी देखी जा सकती है. इन सभी कामकाजों का थर्ड पार्टी ऑडीट करवाया जाना आवश्यक है. अन्यथा इस अवैध तरिके से चल रहे सिडको कार्यालय पर किसी का नियंत्रण नहीं है. पूरा काम मुंबई ऑफीस से चलाया जाना है. यहा के अधिकारी-कर्मचारी हप्ते में एक या दो बार यहां आते है. जिस कारण ठेकेदार पर नजर रखने वाला कोई नहीं है, ना ही पैसों का कोई हिसाब देखनेवाला. 50 फीसदी काम के बदले ठेकेदार को 70 फीसदी पेमेंट कैसे किया गया, इसकी भी जांच होना जरुरी है. 1 कारोड 23 लाख के काम में 83 लाख रुपए देने की जानकारी खुद कार्यालय ने सूचना अधिकार में दी है.

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