बच्चों को मां के जाति प्रमाणपत्र के अनुसार लाभ मिले
नागपुर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल
नागपुर प्रतिनिधि/दि.१९ – बच्चों को उनकी मां के जाति प्रमाणपत्र के अनुसार आवश्यक लाभ मिलने के लिए जाति प्रमाणपत्र (caste certificate) अधिनियम में संशोधन किये जाये. इस मांग को लेकर गोंदिया निवासी विद्या खोबरेकर ने मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में एक रिट पिटीशन दायर की है.
इस याचिका में कहा गया है कि, उच्च न्यायालय ने नुपूर भागवत, माधवी रामटेके व अंचल बडवाईक मामले में मां का जाति प्रमाणपत्र जारी करने का आदेश दिया था. लेकिन सरकार ने इस पर कोई कदम नहीं उठाये और आज भी बच्चों को उनकी मां के जाति प्रमाणपत्र के आधार पर सरकारी सुविधाएं देने से इन्कार किया जा रहा है. ऐसे में अपने पतियों से विभक्त हो चुकी महिलाओं और उनके बच्चों को काफी मनस्ताप सहन करना पडता है. इस बात को ध्यान में रखते हुए जाति प्रमाणपत्र अधिनियम में तत्काल संशोधन कर बच्चों को मां का जाति प्रमाणपत्र जारी करने का प्रावधान लागू करना आावश्यक है.
उल्लेखनीय है कि, अपने बेटे को अपना जाति प्रमाणपत्र और उस आधार पर सरकारी सुविधाओं का लाभ मिलने के लिए विद्या खोबरेकर वर्ष 2018 से संघर्ष कर रही है, लेकिन एसडीओ ने उन्हें अब तक संबंधित जाति प्रमाणपत्र प्रदान नहीं किया है और उन्हें विभिन्न नियम बताते हुए टाला जा रहा है. ऐसे में उन्होंने हाईकोर्ट में गूहार लगायी है. विद्या खोबरेकर तलाकशुदा महिला है, और जब उनका बेटा दो वर्ष का था, तब से अकेले ही उसका पालन-पोषण कर रही है.
इस याचिका पर सुनवाई करते हुए न्या. रवि देशपांडे व न्या. पुष्पा गणेडीवाला ने राज्य सरकार सहित अन्य प्रतिवादियों को नोटीस जारी करते हुए इस याचिका पर आठ सप्ताह में जवाब पेश करने का निर्देश जारी किया है. साथ ही कहा है कि, नागपुर के मथूरादास मोहता विज्ञान महाविद्यालय में मानस की प्रवेश प्रक्रिया में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं आनी चाहिए.