चोपण गांव को मिलेगी सौर उर्जा आधारित बिजली आपूर्ति
जिलाधिकारी ने प्रकल्प का लिया जायजा
अमरावती/दि.१४ – अब तक बिजली नहीं पहुंचनेवाले मेलघाट के गांवों में बि जली उपलब्ध कराकर देने के लिए सौर उर्जा आधारित बिजली प्रकल्प को प्रशासन की ओर से बढ़ावा दिया जा रहा है. धारणी तहसील के चोपण गांव में एकात्मिक आदिवासी विकास प्रकल्प की ओर से मेडा के सहयोग से सौर उर्जा आधारित पारेषण प्रकल्प साकार किया जा रहा है. जल्द ही वह क्रियान्वित किया जाएगा. जिलाधिकारी शैलेश नवाल ने हाल ही में प्रकल्प का जायजा लिया. संपूर्ण गांव को बिजली उपलब्ध कराकर देनेवाला राज्य का यह पहला प्रकल्प है.
यहां बता दें कि जिले के मेलघाट में आनेवाले धारणी तहसील के चौराकुंड ग्रामपंचायत अंतर्गत चोपण दुर्गम गांव है. यहां के १६१ घरों को प्रकल्प से बिजली कनेक्शन मिलेगा. मेलघाट के दुर्गम इलाके में विद्युतीकरण के लिए वन, उर्जा व विविध विभागों के समन्वय से प्रयास किया जा रहा है. लेकिन संभवत यहां पर पारंपारिक बिजली आपूर्ति के अलावा अपारंपारिक उर्जा सुविधाओं को लेकर योजनाएं चलाने के निर्देश पालकमंत्री एड. यशोमति ठाकुर ने दिए थे. जिसके बाद प्रशासन की ओर से मेडा के माध्यम से अलग-अलग जगहों पर सौर उर्जा आधारित प्रकल्प चलाने का निर्णय लिया गया है. मेलघाट के चोपण दुर्गम गांव में प्रकल्प साकार किया गया है. इसकी जांच व आवश्यक पहलूओं का निरीक्षण जिलाधिकारी ने किया. इस समय प्रकल्प अधिकारी तथा सहायक जिलाधिकारी मिताली सेठी मौजूद थीं.
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२४ किलोवैट क्षमता का सूक्ष्म पारेषण प्रकल्प
बिजली नहीं रहनेवाले गांवों के लिए सोलर माईक्रो ग्रीड प्रकल्प चलाया जाता है. जिसके द्वारा गांवों को २४ घंटे बिजली आपूर्ति करना संभव होता है. चोपण प्रकल्प की क्षमता २४ किलोवैट की है. इस प्रकल्प का मूल्य ४२.४४ लाख है. धारणी के एकात्मिक आदिवासी विकास प्रकल्प का मेडा को सहयोग मिला है. सौर उर्जा पर संपूर्ण गांव के स्ट्रीट लाईट व घरों में बिजली कनेक्शन लगाए गए है. घरों की लाईट के साथ ही टीवी भी इससे शुरू हो सकती है. राज्य का यह पहला प्रकल्प है. मेडा के सहयोग से चिखलदरा तहसील के रेहट्याखेड्या दुर्गम गांव में २९.४ किलोवैट क्षमता का प्रकल्प चलाने की जानकारी प्रकल्प अधिकारी मिताली सेठी ने दी.