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विधायक राणा पहुंचे सिटी बैंक के मुख्यालय

कडे पुलिस बंदोबस्त के बावजूद बैंक में किया प्रवेश

  •  बैंक के अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ की चर्चा

मुंबई/दि.4 – लोअर परेल क्षेत्र स्थित सिटी को-ऑपरेटिव बैंक के मुख्य कार्यालय में सोमवार की सुबह उस समय हंगामाखेज व तनावपूर्ण स्थिति बन गई, जब इस बैंक में हुई आर्थिक गडबडियों को लेकर प्रवर्तन निदेशालय में शिकायत करनेवाले बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र के विधायक रवि राणा यहां पर पहुंचे. इस समय विधायक रवि राणा को बैंक के भीतर प्रवेश नहीं करने देने हेतु 10 पुलिस वाहन सहित 100 पुलिस कर्मचारी इस परिसर में तैनात किये गये थे. किंतु इसके बावजूद विधायक रवि राणा ने बैंक के मुख्यालय में प्रवेश किया और बैंक के कर्मचारियों के साथ चर्चा भी की.
इस समय विधायक रवि राणा ने कहा कि, इस बैंक में सूतगिरणी कामगार व पेन्शनधारक लोगों सहित आम मुंबईकरों के खाते है. जिसमें से 40 हजार लोगोें द्वारा बैंक में अपने गाडेपसीने को निवेश किया गया. किंतु ऐसे खाताधारकों व निवेशकों की 980 करोड रूपयों की रकम को बैंक के अध्यक्ष व शिवसेना नेता आनंदराव अडसूल ने पचा लिया है. इस घोटाले में बैंक के सीईओ पद पर नियमबाह्य तरीके से नियुक्त ऑर्थर रूबेलो व गैरकानूनी रूप से कर्ज बांटनेवाली लोन ऑफिसर राधिका अय्यर सहित रिकवरी हेड जयंत धोने, लिगल मैनेजर नरेंद्र सावंत, यूनियन जनरल सेक्रेटरी व कर्मचारी प्रतिनिधि संचालक जनार्दन मोरे पूरी तरह से जिम्मेदार है. जिन्होंने आम निवेशकों के पैसों को आपसी मिलीभगत करते हुए बांट लिया. इसके अलावा मिरा रोड स्थित सिटी बैंक के शाखा कार्यालय की जगह पूर्व विधायक अभिजीत अडसूल के नाम पर है. जिसके लिए बाकायदा अडसूल परिवार द्वारा इस बैंक से किराया वसूल किया जाता था. वहीं अडसूल के दामाद समीर चव्हाण ही बैंक के रिनोवेशन व मेंटेनन्स का काम करते है. जिनकी वरून एंटरप्राईजेस में भागीदारी है. इसी तरह बैंक से करोडों रूपयों का लोन हासिल करनेवाले बोरिवली निवासी बिल्डर एन. डी. शाह और बुलडाणा के शैलेश कुलकर्णी भी अभिजीत अडसूल व अडसूल के पीए सुनील भालेराव के पार्टनर है. यानी कुल मिलाकर सभी लोग बैंक के पैसों को आपस में मिल-बांटकर खा रहे थे. जिससे संबंधित तमाम दस्तावेज जल्द ही ईडी को सौंपे जायेंगे. साथ ही विधायक रवि राणा ने सिटी को-ऑपरेटिव बैंक के कर्मचारियों से उनके बकाया वेतन के बारे में जानकारी लेते हुए इस लडाई में ईडी का साथ देने और घोटाले से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराने का भी आवाहन किया. साथ ही गबन की गई राशि को दुबारा वसूल करते हुए सिटी को-ऑपरेटिव बैंक को बचाया जा सके.

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