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19 माह बाद चमका रूपहला परदा

टॉकीजों में शुरू हुआ फिल्मों का प्रदर्शन

अमरावती/प्रतिनिधि दि.22 – कोविड संक्रमण के खतरे और लॉकडाउन के चलते विगत 19 माह से सभी टॉकीजें बंद पडी थी और फिल्मों का प्रदर्शन अटके पडे रहने की वजह से मनोरंजन क्षेत्र में भी जबर्दस्त सन्नाटा व्याप्त था. वहीं अब संक्रमण की रफ्तार और महामारी का असर काफी हद तक कम हो जाने के चलते राज्य सरकार ने आज शुक्रवार 22 अक्तूबर से राज्य में सभी टॉकीजों व नाट्यगृहों को खुलने की अनुमति प्रदान की है. जिसके चलते लंबे समय बाद आज अमरावती शहर की प्रिया व प्रभात टॉकीज में शो शुरू होने की घंटी गूंजी और इसके साथ ही एक बार फिर रूपहला परदा प्रोजेक्टर की फ्लैश लाईट के रोशनी में नहा उठा.
बता दें कि, विगत लंबे समय से फिल्म उद्योग भी कई तरह की पाबंदियों को झेल रहा है. ऐसे में फिल्मों का निर्माण काफी हद तक प्रभावित हुआ. अत: इस समय कोई भी नई फिल्म प्रदर्शन के लिए तैयार नहीं है. वहीं कोविड संक्रमण काल एवं लॉकडाउन के दौरान कई फिल्म निर्माताओं ने ओवर द टॉप यानी ओटीटी प्लेटफार्म का रूख कर लिया है. ऐसे में आज शहर में केवल दो टॉकीजों में ही फिल्मे प्रदर्शन के लिए तैयार हो पायी. जिसके तहत प्रिया टॉकीज में हिंदी फिल्म बेलबॉटम तथा प्रभात टॉकीज में हॉलीवुड फिल्म वेनम का प्रदर्शन शुरू हुआ. बता दें कि, इस समय सभी सिनेमा घरों को महज 50 फीसद दर्शक संख्या के साथ काम करने की अनुमति प्रदान की गई है. वहीं लोगों में भी अब तक कोविड संक्रमण का काफी हद तक भय व्याप्त है. ऐसे में 19 माह पश्चात टॉकीजों के खुलने के बावजूद प्रभात व प्रिया टॉकीज की टिकट खिडकी पर कोई विशेष भीडभाड नहीं दिखाई दी. हालांकि फिर भी दर्शकों की ओर से मिले प्रतिसाद को संतोषजनक कहा जा सकता है.
इसके अलावा पता चला है कि, आगामी 15 दिनों के भीतर शहर के एकमात्र मल्टीप्लेक्स ई-ऑरबीट सहित अन्य टॉकीजों में भी पहले की तरह चार शो में फिल्मों का प्रदर्शन शुरू हो जायेगा.

 

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  • आज से सांस्कृतिक भवन भी खुलेगा

डेढ वर्ष पश्चात होगा नाटकों का मंचन

वहीं विगत करीब 19 माह से बंद पडा रहनेवाला संत ज्ञानेश्वर सांस्कृतिक भवन का नाट्यगृह भी आज 22 अक्तूबर से शुरू होने जा रहा है. इस उपलक्ष्य में शाम 6 बजे इस नाट्यगृह का पूजन कार्यक्रम आयोजीत किया गया है. रंगभूमि का यह मंदिर खुलने के चलते नाट्य निर्माताओं व नाट्य कलाकारों सहित नाट्य रसिकों में अत्याधिक आनंद देखा जा रहा है.
बता दें कि, मुंंबई व पुणे जैसे महानगरों में राज्य सरकार द्वारा कोविड के खतरे को देखते हुए कुछ नियम लागू किये गये है. जिसके तहत यदि नाट्य निर्माताओं को नाट्यगृह चाहिए है, तो उन्हें इसके लिए महानगरपालिका में आवेदन करना पडता है. पश्चात उन्हें 50 फीसद आसन क्षमता के साथ अनुमति मिलती है. साथ ही सभी प्रेक्षकों द्वारा मास्क का प्रयोग किया गया है अथवा नहीं एवं प्रेक्षकों का टीकाकरण हुआ है अथवा नहीं यह देखने की जिम्मेदारी भी नाट्य निर्माताओं की होती है. लगभग इन्हीं नियमों के साथ स्थानीय संत ज्ञानेश्वर सांस्कृतिक भवन में भी नाट्य निर्माताओं को नाट्य प्रयोग शुरू करने की अनुमति मिलने की उम्मीद है.

कई नाट्य संस्थाएं बुकिंग के लिए संपर्क कर रही है, किंतु राज्य सरकार की ओर से नाट्यगृहों के लिए जारी नियमावली अभी तक हमारे पर नहीं पहुंची है. उम्मीद है कि, आगामी एक-दो दिन में यह नियमावली हम तक पहुंच जायेगी. जिसके बाद आवश्यक निर्णय लिया जायेगा.
पवन आसोपा
मुख्य व्यवस्थापक, संत ज्ञानेश्वर सांस्कृतिक भवन, अमरावती.

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