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ग्रामीण क्षेत्रों में आठवीं से बारहवीं की कक्षाएं १५ से होगी आरंभ

प्रशासन ने जारी की गाईडलाईन

अमरावती/दि.१३ – जिले में कोविड मुक्त ग्रामीण इलाकों में पहले चरण में आठवीं से १२ वीं कक्षाएं सुरक्षित रूप से शुरू करने के संबंध में जिला प्रशासन की ओर से गाईडलाइन जारी की गई है. इस संबंध में मुख्य कार्यकारी अधिकारी अविश्यांत पंडा ने गाईडलाईन की सूचनाएं, सरकार की नियमावली व ग्रामपंचायत स्तरीय देखरेख में प्रस्ताव लेकर ग्रामीण इलाकों में १५ जुलाई से स्कूल शुरू करने की अनुमति दी है.
जिले के कोविड मुक्त क्षेत्रों में स्कूल शुरू करने के लिए ग्रामीण इलाकों की कोविड मुक्त ग्रामपंचायतों के अधिनस्थ आनेवाले गांवों में कक्षा ८ से १२ की क्लासेस शुरू करने को लेकर पालकों से चर्चा कर प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाए. ग्रामपंचायत स्तर पर संरपंच की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जाए. जिसमें सरपंच अध्यक्ष, पटवारी, स्कूल प्रबंधन समिति अध्यक्ष, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के वैद्यकीय अधिकारी, मुख्याध्यापक, केंद्र प्रमुख आदि सदस्यों व ग्रामसेवक की सदस्य के रूप में सचिव के रूप में नियुक्ति की जाए.
यह समिति का गठन होने के बाद समिति ने स्कूल शुरू करने से पूर्व कम से कम एक महिना गांव में कोविड मरीज नहीं रहे इसकी छानबीन कर लेनी चाहिए. वहीं स्वास्थ्य विभाग की ओर से संबंधित स्कूलों के शिक्षकों का शतप्रतिशत टीकाकरण को प्राथमिकता देनी चाहिए. छात्रों के पालकों की भीड़ टालने के लिए स्कूल परिसर में प्रवेश पर पाबंदी लगायी जाए. छात्र कोविड संक्रमित पाए जाने पर तत्काल स्कूल बंद कर सैनिटाईज करें, छात्र को आयसोलेट कर मेडिकल अधिकारियों की सलाह से उपचार शुरू किया जाए आदि महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा करने के बाद ही स्कूलें शुरू की जाए या नहीं इस संबंध में निर्णय लेने की सूचना पंडा ने दी.
कोविड मुक्त ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल शुरू करने पर बच्चों को चरणाबद्ध तरीके से स्कूल में बुलाया जाए. कोविड नियमावली का कड़ाई से पालन करना जरूरी रहेगा. स्कूल शुरू करते समय एक बेंच पर एक ही छात्र बैठे, वहीं दो बेंच में करीब छह फूट की दूरी रहनी चाहिए. एक कक्षा में ज्यादा से ज्यादा १५ से २० छात्र, लगातार हाथ साबून से धोने, मास्क का उपयोग करने, कोई भी लक्षण पाए जाने से छात्रों को घर भेजने व कोरोना की टेस्ट करवा लेनी चाहिए. संबंधित स्कूलों के शिक्षकों के रहने का प्रावधान गांव में की जाए या फिर शिक्षकों से रापनि की बस सेवा का उपयोग करने की सूचनाएं दी जाए.
गाईडलाईन का पूरी तरह से पालन करना अनिवार्य है. इसमें जरा भी लापरवाही बख्शी नहीं जाएगी.

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