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विकास लुणिया को फंसाने का प्लान बनाया था चालाक दादी ने

  •  हीना को पकड़े जाने पर विकास का नाम लेने की हिदायत दी थी

  •  इससे पहले 12 फरवरी को भी किया गया था अपहरण करने का प्रयास

  •  दूसरे बगीचे से किया जाना था अपहरण, भीड़भाड़ रहने से फेल हुआ था प्लान

  •  हीना का भी था लुणिया परिवार से शानदार रिश्ता, दो-दो महीने रहा करती थी थी घर में

  •  नयन भी हीना से काफी घुला-मिला था, इसीलिए नहीं हुई बच्चा संभालने में तकलीफ

  •  पुलिस के सामने अब भी कई सवालों को हल करने की चुनौती

  •  कल खत्म हो रही सभी आरोपियों के पीसीआर की अवधि

अमरावती/प्रतिनिधि दि. 27 – विगत 17 फरवरी को स्थानीय शारदा नगर निवासी प्रतिष्ठित कारोबारी जसवंतराज लुणिया के पोते और मुकेश लुणिया के बेटे नयन लुणिया का शाम के वक्त अपहरण कर लिया गया था. इस मामले की गुत्थी को महज 36 घंटों के भीतर सुलझाते हुए अमरावती शहर पुलिस ने अहमदनगर से नयन के सभी अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार करने के साथ ही चार वर्ष के मासूम नयन को भी सुरक्षित छुड़ाने में सफलता हासिल की थी. साथ ही इस मामले में मास्टरमाईंड के तौर पर नयन की सौतेली दादी मोनिका उर्फ प्रिया उर्फ मुन्नी को हिरासत में लिया गया था. वहीं अब पता चला है कि इस अपहरण की योजना बनाते समय ही यह तय कर लिया गया था कि अगर वारदात को अंजाम देने के बाद कोई भी पकड़ में आता है, तो वह नयन के चाचा यानि मुकेश लुणिया के छोटे भाई विकास लुणिया का नाम मास्टरमाईंड के तौर पर बतायेगा. ताकि पुलिस को गुमराह रने के साथ ही इस मामले में विकास लुणिया को फंसाया जा सके. यही वजह रही कि जब अमरावती शहर पुलिस ने अहमदनगर क्राईम ब्रांच के सहयोग से अहमदनगर में सबसे पहले हीना शाकिर और अल्तमश नामक दो आरोपियों को गिरफ्तार किया, तो उन्होंने अपने बयान में विकास लुणिया का ही नाम लिया था, जिसकी वजह से कुछ समय तक विकास की भूमिका को लेकर भी संदेह देखा गया. लेकिन बाद में जब एक एक कर सभी आरोपी पकड़ेे गये और पूरे मामले में मुन्नी नामक चालाक दादी की भूमिका सामने आई, तो तस्वीर का रूख ही पलट गया.
बता दें कि विगत 17 फरवरी को शाम करीब 8 बजे नयन लुणिया का अपहरण होने के बाद पुलिस के पास सबुत के तौर पर घटनास्थल का एकमात्र सीसीटीवी फुटेज था, जिसमें दिखाई दे रहा था कि नयन लुणिया अपनी दादी का हाथ पकड़े पार्क में टहल रहा था, तभी पीछे से आए एक युवक ने उसका अपहरण कर लिया. लेकिन इस फुटेज में अपहरणकर्ता का चेहरा साफ तौर पर दिखाई नहीं दे रहा था. हालांकि यही फुटेज दादी पर संदेह का कारण भी बना, क्योंकि पुलिस की नजरों से यह बात छूट नहीं पाई कि अपहरणकर्ता ने बच्चा छीना नहीं, बल्कि दादी ने बड़ी आसानी से बच्चे का हाथ छोड़ दिया, जिसके बाद वह युवक इस बच्चे को ले भागा. इसके बाद रवि नगर में अपहरणकर्ताओं द्वारा अपनी बाइक खड़ी कर ऑटो से भागने का वीडियों भी मिला. वहीं दूसरी ओर पुलिस ने अपनी जांच का दायरा फैलाने के साथ ही लुणिया परिजनों को भी जांच के दायरे में लिया. इसी दौरान दादी के मोबाईल कॉल रिकॉर्ड ने मामले की पोल खोलनी शुरू कर दी और मामले में शामिल सभी लोग एक-एक कर पकड़े जाने शुरू हुए. जिन्हें फिलहाल राजापेठ थाने की पुलिस कस्टडी में रखा गया है और इस कस्टडी की अवधि कल 28 फरवरी को खत्म होने जा रही है.
इस दौरान की गई पुछताछ में पता चला कि दादी मोनिका की रिश्ते में चचेरी बहन रहनेवाली हीना शाकिर अक्सर ही अमरावती आया करती थी और करीब दो-दो महीने तक लुणिया परिवार के घर में रहा करती थी. इसके अलावा वारदात में शामिल अन्य लोग भी दादी के रिश्तेदार बनकर अक्सर लुणिया परिवार के घर पर आना-जाना करते थे. अपनी आर्थिक जरूरतों और परेशानियों को दूर करने के लिए घर के सबसे छोटे सदस्य नयन लुणिया को अगवा करने के प्लान पर इन सभी लोगों द्वारा विगत लंबे समय से विचार किया जा रहा था और विगत 12 फरवरी को ही नयन का अपहरण शारदा नगर परिवसर के एक दूसरे पार्क से किया जाना था. लेकिन उस समय उस पार्क में कुछ अन्य लोग भी मौजूद थे, जिसकी वजह से ऐन समय पर प्लान को रद्द करना पड़ा और फिर इस प्लान को 17 फरवरी की शाम अंजाम दिया गया. पता चला है कि इस अपहरण की योजना बनाते समय ही यह तय कर लिया गया था कि इस मामले में अगर कोई भी पकड़ा जाता है, तो वह पुलिस के सामने विकास लुणिया का नाम ही बोलेगा. लेकिन आरोपियों की ह चालाकी भी धरी की धरी रह गई, क्योंकि चालाक दादी के मोबाईल कॉल रिकॉर्ड तथा वारदात के वक्त सामने आए सीसीटीवी फुटेज ने पूरी कहानी साफ कर दी थी.
बहरहास इस समय मामले में मुख्य सुपारीबाज अज्जू व टकलू की तलाश जारी है. साथ ही पुलिस इस सवाल का जवाब भी खोज रही है कि अलग धार्मिक पहचान और अलग संस्कृति से वास्ता रखनेवाले दादी के रिश्तेदारों की असलियत और उनके मंसूबों का लुणिया परिवार को आखिरी तक पता कैसे नहीं चला.

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