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सीएम शिंदे ने दिए मंत्रिमंडल विस्तार के संकेत

मुंबई /दि.23- राज्य मंत्रिमंडल का विस्तार जल्द ही किया जाएगा. इस आशय का प्रतिपादन गत रोज खुद राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्बारा किया गया. जिसके चलते विगत 10 माह से अटके पडे मंत्रिमंडल विस्तार का जल्द मुहूर्त निकलने के संकेत मिल रहे है.
उल्लेखनीय है कि, महाराष्ट्र में जारी सत्ता संघर्ष को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्बारा दिए गए फैसले के चलते शिंदे-फडणवीस सरकार पर मंडरा रहा खतरा टल जाने के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार जल्द होने को लेकर चर्चा शुुरु हो गई थी. इसी बीच उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस विगत सप्ताह ही रात के वक्त नागपुर से दिल्ली के लिए रवाना हुए थे और उन्होंने मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के साथ चर्चा की थी, ऐसी जानकारी सामने आयी थी. वहीं अब यह पता चला है कि, सीएम शिंदे भी बहुत जल्द कैबिनेट विस्तार के बारे में चर्चा करने हेतु दिल्ली जाएंगे. जिसके बाद मंत्रिमंडल का विस्तार करते हुए कैबिनेट में शामिल किए जाने वाले नये मंत्रियों व राज्यमंत्रियों को पद व गोपनियता की शपथ दिलाई जाएगी.

* 23 लोगों को मिल सकता है मौका!
ज्ञात रहे कि, 30 जून 2022 को एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री तथा देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेेते हुए राज्य में नई सरकार बनाई थी. जिसके बाद 9 अगस्त 2022 को राज्य मंत्रिमंडल का गठन हुआ था. उस समय से ही मंंत्रिमंडल के विस्तार की प्रतीक्षा की जा रही है.
इस समय राज्य मंत्रिमंडल में 20 मंत्रियों का समावेश है तथा अब 23 लोगों को मंत्री बनने का मौका मिल सकता है. इस विस्तार में राज्य मंत्रियों का भी समावेश रहेगा. क्योंकि इस समय राज्य मंत्रिमंडल में एक भी राज्यमंत्री नहीं है. वहीं दो से तीन मंत्री पदों को रिक्त रखा जा सकता है और उन पदों का प्रभार फिलहाल सीएम शिंदे या डेप्यूटी सीएम फडणवीस अपने पास रख सकते है.
जानकारी के मुताबिक मंत्रिमंडल के संभावित विस्तार में शिंदे गुट को 6 से 7 मंत्री पद दिए जा सकते है. वहीं शेष पदों में से अधिकांश पद भाजपा द्बारा अपने पास रखते हुए कुछ पद सरकार को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायक को दिए जा सकते है. चूंकि सरकार में शामिल दोनों दलों के विधायकों के साथ-साथ अधिकांश निर्दलीय विधायक भी मंत्री पद मिलने हेतु रेस में बताए जा रहे है. ऐसे में इच्छूकों की संख्या अच्छी खासी रहने के चलते मंत्री पदों का आवंटन करते समय दोनों दलों के नेताओं को काफी माथापच्ची करनी पडेगी.

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