अमरावतीमुख्य समाचार

‘आयो सांवरियो सरकार लीले पर चढके….’

गेट के अंदर पहला श्याम संकीर्तन सुपरहिट, देर रात तक भक्ति रंग में झूमे हजारों

* गोलू पाटिल मित्र मंडली और संक्रेश्वर महादेव मित्र परिवार का आयोजन
अमरावती/दि.17- वैसे तो यह परकोटे के भीतर श्याम संकीर्तन का प्रथम अवसर था. किंतु सभी मायनों में संकीर्तन अभूतपूर्व, असाधारण रहा. फिर वह अत्यंत खूबसूरत, मुग्ध कर देने वाली श्याम बाबा की झांकी हो, या फिर नागपुर से पधारी जस गायिका कृष्णप्रिया जी की सतत घंटे भर अनवरत भजनों की प्रस्तुति हो. या फिर उपस्थित भाविकों का श्याम भक्तिरस में तल्लीन होकर फूल और रंगबिरंगे कागज तथा इत्र उडाकर आनंद व्यक्त करने का अनूठा अंदाज हो. सब कुछ शानदार, चिरस्मरणीय हो गया था. आयोजन गोलू पाटिल उर्फ राहुल और उनके मित्र जनों महेश उर्फ पप्पू राठी तथा संक्रेश्वर महादेव रात्री मित्र परिवार का रहा. मगर अमरावती का कदाचित ही कोई श्याम भक्त रहा हो, जिसने इस सुंदर सजे दरबार में हाजरी न लगाई हो. थिरका न हो, ताली न बजाई हो, जस गायिका के स्वर में स्वर मिलाने और जयकारा न लगाया हो.
* प्रताप चौक जगमगाया, हर कोई थिरका
प्रताप चौक फव्वारें के ठीक सामने विलोभनीय श्याम दरबार सजाया गया. संपूर्ण परिसर दमक उठा था. क्या महिलाएं और क्या पुरुष, क्या बाल गोपाल सभी थिरक उठे थे. उत्साह चरम पर था. हो भी क्यों नहीं. आयोजन में पहले अमरावती के अपने सुमित श्रीवास बावरा ने समां बांधा तो पश्चात पधारी कृष्णप्रिया जी ने उसे अनथक गायन से चरम पर पहुंचा दिया. श्याम बाबा के प्रसिद्ध भजनों की ऐसी झडी लगाई की हर कोई अपने स्थान पर झूम उठा था. भक्ति रंग में रंग गया. ‘आयो सांवरियो सरकार लीले पर चढके…., कीर्तन की है रात बाबा आज थानपे आनो है…, सुनले कन्हैया अर्जी हमारी तारो न टारो यह मर्जी तुम्हारी…,हारा हूं बाबा पर तुझ पर भरोसा है, जीतूंगा एक दिन…, हाजीरी लिखवाता हूं मैं ग्यारस पे…, मेरे दो नयना छोटे-छोटे घर है…’ के साथ ही भक्तों की डिमांड पर शंकरजी का हे भोला शंकरा आवड तुला बेलाची…. तथा मेरा भोला है भंडारी करें नंदी की सवारी… और भगवान श्री रामदेव बाबा का मरुधर में ज्योत जगाय गयो बाबो धोली ध्वजा लहराय गयो… की प्रस्तुति से हर कोई को प्रसन्न कर दिया.
* भव्य ज्योत और छप्पन भोग
आयोजन में इत्र और फूलों का छिडकाव हुआ. रविवार यादगार बन गया. भव्य ज्योत में घृत और खोबरे की आहूती की होड लगी. क्या धनवान क्या धोरी सभी ने आस्थापूर्वक हाजीरी दरबार में लगाई. पं. करण महाराज ने पौराहित्य किया. श्री व सौ. राठी ने पूजन किया. श्री श्याम लखदातार परिवार ने भव्य दरबार सेवा प्रदान की. छप्पन भोग लगाए गए, ऐसे ही आयातित फूलों से अलौकिक दरबार सजाया गया. अनेक गणमान्य की उत्साहपूर्ण उपस्थिति रही. जिसमें पूर्व महापौर विलास इंगोले, श्री किसन व्यास, विजय अग्रवाल, नितिन अग्रवाल, संजय नवरंगराय अग्रवाल, सागर गुप्ता, श्रीकिसन गोयनका, लक्ष्मीकांत खंडेलवाल, पवन भूत, कुणाल सोनी, प्रणित सोनी, आशुतोष सोनी, विजय चढार, संजय जैन, राजू शर्मा, श्याम साहू, राज ठाकुर, विपिन गुप्ता, प्रवीण बुंदिले जय भोले, रितेश आसोपा भाईजी, कमल पांडे, भीकमचंद राठी, गोविंद सोमानी, पवन झंवर, सचिन मुंधडा, आनंद पांडे, प्रवीण दायमा, राम पाटिल, श्याम पाटिल, संजय सोनी, संजोग तायवाडे, राहुल तायवाडे,संजय जैन, अक्षय बोबडे, शुभम साहू, सुजित मराई, प्रतीक गुप्ता, अनमोल तिवारी, हितेश गोहिल, मयंक गोहिल, रितेश चांडक, प्रेम तायवाडे, विठोबा पाटिल, अमर मतलाने, विक्की गुप्ता, गोलू चोपडे, अक्षय इंगोले, सागर परिहार, मंगेश शर्मा, हितेश शर्मा, सूरज ठाकुर, दर्शन पनिया, विक्रम उर्फ लालू सोनी, एड. पुरवार, पं. वसंत दवे, पं. प्रफुल दवे, ओम सोनी, प्रेमा राठी, मीनाक्षी सोनी, प्रीति सोनी, रजनीश मांगलीया, संजय नागलिया, निशांत गुप्ता, निखिल मंत्री, जस गायक जय जोशी, लकी पांडे, हस्तिमल टेलर, संजय गुप्ता, योगेश गुप्ता अयोध्यावासी, उमेश टावरी, संतोष महाराज शर्मा, भरत शर्मा, कन्नू सेठ गोयल, सचिन मित्तल, जय गायक दीपक, जय गायिका संगीता खंडेलवाल, श्यामसुंदर खंडेलवाल, नरेंद्र खंडेलवाल, सुभाष सोनी, सुरेश रतावा, माणक वैष्णव, सोहन वैष्णव, जुगलकिशोर दवे, गोपी आसोपा, रितेश पांडे, नवीन गोपालिया, अतुल शर्मा, अन्नू शर्मा, मनसुख भाटी सहित बडी संख्या में महिला भाविकों की श्रद्धापूर्ण उपस्थिति रही. देर रात तक चले कार्यक्रम में थोडी देर के लिए डीसीपी विक्रम साली पधारे. उन्हें बडा आनंद आया और वे देर तक श्रद्धालुओं संग आनंद लेते देखे गए. आयोजन अनेक मायनों में शानदार रहा. संगीत वाद्यजनों और साउंड की व्यवस्था भी सराही गई. सभी के लिए साबूदाना खिचडी, चूरमा तथा नमकीन भात की प्रसादी थी.

* गरिमा के साथ अनूठी ऊर्जा
युवा जस गायक सुमित बावरा ने कार्यक्रम के वातावरण को बनाया तो, नागपुर से पधारी कृष्णप्रिया जी अपनी गरिमापूर्ण ऊर्जा के साथ मधुर कंठ के कारण सभी को बेहद प्रभावित कर गई. उन्होंने श्रोताओं से कई बार हाथ उठाने और ताली बाजाकर श्याम भक्ति में झूमने को विवश कर दिया. मानो सम्मोहन कर दिया था.

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