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पटाखा मार्केट लगने पर संभ्रम

  • अब तक प्रशासन ने तय नहीं की गाईडलाईन

  • अनुमति व स्थान को लेकर सस्पेन्स बरकरार

अमरावती/प्रतिनिधि/दि.3 – प्रतिवर्ष दीपावली पर्व से करीब 10-12 दिन पहले अमरावती में चिल्लर पटाखा बिक्री बाजार सज जाया करता है. जिसकी तैयारियां दशहरा पर्व के बाद से शुरू हो जाती है. किंतु इस बार पांच दिवसीय दीपावली पर्व को शुरू होने में दस दिनों का समय शेष है. लेकिन अब तक शहर में कहीं पर भी पटाखा बाजार लगाने को लेकर कोई हलचल नहीं देखी जा रही है. साथ ही फिलहाल तक यह भी तय नहीं है कि, इस वर्ष अमरावती में पटाखा बाजार लगेगा भी अथवा नहीं, और यदि लगेगा तो कहां पर लगाया जायेगा.
उल्लेखनीय है कि, अमरावती में काफी पहले शहर के मध्यस्थल में स्थित नेहरू मैदान में चिल्लर पटाखा बिक्री का बाजार लगा करता था. किंतु बाद में सुरक्षा संबंधी मानकों को देखते हुए सायन्सकोर के मैदान पर यह बाजार लगाया जाना शुरू किया गया. लेकिन इन दिनों सायन्सकोर मैदान के चारों ओर सुरक्षा दीवार बनाने का काम किया जा रहा है और सायन्सकोर मैदान पर आम लोगों की आवाजाही को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है. ऐसे में जाहीर सी बात है कि, इस बार सायन्सकोर मैदान पर पटाखा बाजार लगने से रहा. किंतु फिलहाल यह भी तय नहीं है कि,अगर सायन्सकोर मैदान पर पटाखा बाजार नहीं लगता है, तो इसके लिए अन्य कौनसे पर्याय पर विचार किया जा रहा है.
यहां इस तथ्य की अनदेखी भी नहीं की जा सकती कि, इस बार कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए भीडभाड को टालने के लिए प्रशासन द्वारा नवरात्र के अवसर पर अंबादेवी से गांधी चौक के बीच लगनेवाले मेले को अनुमति नहीं दी गई. ऐसे में इस बात को लेकर भी संदेह देखा जा रहा है कि, इस बार फूटकर पटाखा बिक्री बाजार को अनुमति दी जाती है अथवा नहीं.

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फिलहाल तो कुछ भी तय नहीं, हम केवल चक्कर काट रहे है

इस संदर्भ में जानकारी हेतु संपर्क किये जाने पर अमरावती चिल्लर पटाखा विक्रेता संघ के अध्यक्ष चंद्रशेखर कुलकर्णी ने बताया कि, प्रति वर्ष 130 परमनंट लाईसेन्सधारक पटाखा विक्रेताओं द्वारा दीपावली पर अस्थायी बाजार लगाते हुए पटाखों की चिल्लर बिक्री की जाती है. जिसके लिए मनपा के बाजार परवाना विभाग की अनुमति के साथ-साथ पुलिस विभाग की एनओसी लेते हुए अपने लाईसेन्स का नूतनीकरण कराना होता है. इसके अलावा जिला परिषद व जिलाधिकारी कार्यालय से मैदान संबंधी अनुमति प्राप्त करनी पडती है. किंतु इस वर्ष किसी भी विभाग द्वारा फिलहाल तक पटाखा बाजार लगाने की अनुमति नहीं दी गई है. ऐसे में सभी पटाखा बिक्रेता एक सरकारी कार्यालय से दूसरे सरकारी कार्यालय के बीच चक्कर काट रहे है और फिलहाल तक यह बिल्कूल भी तय नहीं है कि, इस बार प्रशासन द्वारा दीपावली पर्व पर पटाखा मार्केट लगाने की अनुमति दी जायेगी अथवा नहीं.

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