अमरावती/प्रतिनिधि दि.14 – विगत डेढ वर्ष से कोविड संक्रमण के खतरे को देखते हुए समूचे राज्य में सभी स्कुल व कॉलेज पूरी तरह से बंद है. वहीं अब कोविड संक्रमण की दूसरी लहर का असर कम होने के चलते राज्य के शालेय शिक्षा विभाग ने 8 वीं से 12 वीं की कक्षाओं को प्रतिबंधात्मक नियमोें का पालन करते हुए 15 जुलाई से ऑफलाईन लेने की अनुमति दी है. लेकिन इसके लिए ग्राम पंचायतों से ग्रामसभा की अनुमति और अभिभावकों की सहमति के साथ प्रस्ताव आमंत्रित किए गए थे. लेकिन आज 14 जुलाई तक जिला परिषद के शिक्षा विभाग को किसी भी ग्रामपंचायत की ओर से कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है. ऐसे में इस बात को लेकर संभ्रम बना हुआ है कि, कल 15 जुलाई से 8 वीं से 12 वीं की ऑफलाईन कक्षाएं शुरू होंगी अथवा नहीं. जिसके बारे में जिला परिषद के शिक्षा विभाग ने साफ तौर पर कहा है कि, जिन ग्राम पंचायत क्षेत्रों से प्रस्ताव आयेेंगे, केवल उन्हें ही अपने कार्यक्षेत्र अंतर्गत शालाओं को शुरू करने की अनुमति दी जायेगी, अन्यथा ऐसे प्रस्ताव के बिना शालाएं पहले की तरह बंद रहेगी.
बता दें कि, राज्य सरकार द्वारा गुरूवार 15 जुलाई से राज्य के कोविड मुक्त गांवों में कक्षा 8 वीं से 12 वीं की शालाओं को ऑफलाईन तरीके से शुरू करने का निर्णय लिया गया है. जिसके लिए जारी परिपत्रक में कहा गया है कि, हर गांव से विद्यार्थियों को स्कुल भेजने और गांव के स्कुल को शुरू करने के लिए ग्रामसभाओं द्वारा प्रस्ताव पारित किया जाये. जिसे विस्तार अधिकारी के मार्फत जिला परिषद के शिक्षा विभाग को भेजा जाये. इसके बाद ही संबंधित गांवों में शालाएं शुरू करने की अनुमति दी जायेगी. इस सरकारी आदेश के चलते जिला परिषद द्वारा भी एक पत्र जारी करते हुए सभी ग्राम पंचायत क्षेत्रों में समितियों का गठन किया गया है. सरपंच की अध्यक्षता में गठित इस समिती में पटवारी, शाला व्यवस्थापन समिती के अध्यक्ष, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के वैद्यकीय अधिकारी, मुख्याध्यापक तथा केंद्र प्रमुख को समिती सदस्य के तौर पर नियुक्त किया गया है. साथ ही ग्राम सेवक को सदस्य सचिव पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है. सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि, विगत एक माह से लगातार कोविड मुक्त रहनेवाले गांव में स्कुल शुरू करने की अनुमति दी जायेगी. जिसके तहत कक्षाओं में शिक्षकों व विद्यार्थियों को शत-प्रतिशत उपस्थित रहने की छूट रहेगी. हालांकि कक्षा में विद्यार्थियों को 6-6 फीट की दूरी पर बैठाना होगा और शिक्षकों को गांव में रहना होगा. इसके बावजूद यदि स्कुल का कोई विद्यार्थी कोविड पॉजीटीव पाया जाता है, तो संबंधित स्कुल को तत्काल बंद करा दिया जायेगा.
किंतु 15 जुलाई से शाला शुरू किये जाने को लेकर जिले की 836 में से किसी भी ग्राम पंचायत द्वारा अब तक जिला परिषद के शिक्षा विभाग को किसी तरह का कोई प्रस्ताव नहीं भेजा गया है. ऐसे में जिप के शालेय शिक्षा विभाग द्वारा स्पष्ट किया गया है कि, प्रस्ताव ही नहीं रहने के चलते अमरावती जिले के किसी भी ग्रामीण क्षेत्र में कल गुरूवार 15 जुलाई से कोई भी शाला शुरू नहीं होगी. साथ ही यदि एक-दो दिन में किसी ग्रामसभा की ओर से कोई प्रस्ताव मिलता है, तो उस पर विचार-विमर्श करते हुए संबंधित शाला को आगामी सोमवार से खुलने की अनुमति दी जायेगी.
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बिना प्रस्ताव के अनुमति देना संभव नहीं
इस बारे में जानकारी देते हुए जिला परिषद के प्राथमिक शिक्षाधिकारी ई. झेड. खान ने बताया कि, गुरूवार 15 जुलाई से जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में शालाएं खुलने की अनुमति प्राप्त करने हेतु ग्राम सभाओं की ओर से प्रस्ताव भेजा जाना अनिवार्य किया गया है. लेकिन चूंकि अब तक किसी भी ग्रामसभा की ओर से कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है. ऐसे में जिला परिषद द्वारा अपने स्तर पर शालाएं खुलने को लेकर अनुमति नहीं दी जा सकती है.
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मनपा क्षेत्र में शाला व्यवस्थापन समितियों से विचार-विमर्श जारी
वहीं अमरावती मनपा के शिक्षाधिकारी डॉ. राजीक खान से जब यह जानने का प्रयास किया गया कि, मनपा क्षेत्र में स्थित सरकारी व निजी शालाओं में 8 वीं से 12 वीं की कक्षाएं कब से शुरू होगी, तो उन्होंने बताया कि, फिलहाल मनपा प्रशासन व शिक्षा विभाग द्वारा सभी शाला व्यवस्थापन समितियों से बातचीत करने के साथ ही अमरावती शहर में कोविड संक्रमण के हालात की समीक्षा की जा रही है. जिसके बाद प्रशासन द्वारा कोई योग्य निर्णय लेते हुए शालाओं को खुलने की अनुमति देने के बारे में विचार किया जायेगा.