चांदूर बाजार नगराध्यक्ष पद को लेकर संभ्रम कायम
नगराध्यक्ष रविंद्र पवार का निधन हो जाने के चलते
-
उपाध्यक्ष या प्रशासक या फिर चुनाव
-
हाईकोर्ट में तय होगा उपाध्यक्ष का भविष्य
चांदूर बाजार प्रतिनिधि/दि.३१– चांदूर बाजार के नगराध्यक्ष रविंद्र पवार का विगत दिनों निधन हो जाने की वजह से यहां पर नगराध्यक्ष पद रिक्त हो गया है. अमूमन ऐसे मामलों में नगराध्यक्ष पद रिक्त हो जाने पर उपाध्यक्ष को नगराध्यक्ष का प्रभारी पदभार दिये जाने की व्यवस्था की जाती है. किंतु चांदूर बाजार में उपाध्यक्ष पद विगत छह माह से रिक्त पडा है और यहां पर उपाध्यक्ष पद के चयन को मंत्रालय द्वारा स्थगनादेश दिया गया है. ऐसे में पालिका अध्यक्ष व उपाध्यक्ष जैसे दो महत्वपूर्ण पद रिक्त रहने के चलते यहां काफी संभ्रम देखा जा रहा है. वहीं दूसरी ओर मंत्रालय का स्थगनादेश हटाने के लिए अतूल रघुवंशी हाईकोर्ट में अपील करने की तैयारी में है और उनका भविष्य अदालत के निर्णय पर निर्भर करेगा. ऐसे में अब पालिका के प्रभारी नगराध्यक्ष पद पर किसी प्रशासक की नियुक्ति होती है अथवा नगरसेवकोें में से किसी वरिष्ठ नगरसेवक को यह जिम्मेदारी सौंपी जाती है या फिर उपाध्यक्ष की नियुक्ति करते हुए उन्हें यह जिम्मा सौंपा जाता है, इसे लेकर उत्सूकता के साथ ही संभ्रम भी देखा जा रहा है.
बता दें कि, चांदूर बाजार नगराध्यक्ष पद हेतु 27 नवंबर 2016 को सीधे जनता के जरिये मतदान करवाते हुए चुनाव करवाया गया था और 28 दिसंबर 2016 को रविंद्र पवार ने इस चुनाव में जीत हासिल करते हुए नगराध्यक्ष पद का पदभार संभाला था. इस पद पर उनका कार्यकाल समाप्त होने में अभी 13 माह का समय शेष बाकी ही था, लेकिन हाल ही में रविंद्र पवार का निधन हो गया. ऐसे में रिक्त पडे नगराध्यक्ष पद पर पर्यायी व्यवस्था करने को लेकर चर्चा शुरू हो गयी. इस संदर्भ में पालिका मुख्याधिकारी पराग वानखडे ने जिलाधीश नवाल के पास पालिका की मौजूदा स्थिति की जानकारी भेजी है. साथ ही कहा है कि, रविंद्र पवार का मृत्यु प्रमाणपत्र प्राप्त होने के बाद इसकी विस्तृत जानकारी चुनाव निर्वाचन आयोग को भेजी जायेगी. पश्चात नगराध्यक्ष पद के चुनाव के संदर्भ में आयोग के स्तर पर निर्णय लिया जायेगा.
-
चुनाव को लेकर भी संभ्रम
वर्ष 2016 में नगराध्यक्ष पद के चुनाव हेतु सीधे जनता द्वारा मतदान किया गया था. पश्चात राज्य में सत्ता परिवर्तन होने पर इस चुनाव की पध्दति को बदलकर नगराध्यक्ष का चयन पालिका में निर्वाचित नगरसेवकों में से करने का निर्णय हुआ. जिस पर चांदूर बाजार नगराध्यक्ष पद के लिए होनेवाले चुनाव में अमल किये जाने की संभावना अधिक है. ऐसे में यद्यपि जनता द्वारा निर्वाचित नगराध्यक्ष के कार्यकाल में अब भी तेरह माह का समय शेष है, लेकिन ऐसे में सीधा चुनाव भी एक पर्याय हो सकता है. किंतु जब तक पर्यायी नगराध्यक्ष का चयन नहीं होता, तब तक उपविभागीय अधिकारी अथवा तहसीलदार को यहां पर प्रशासक के तौर पर नियुक्त किये जाने की संभावना भी काफी अधिक है.
-
वरिष्ठ सदस्यों की फिल्डींग
उपाध्यक्ष पद का निर्णय होने तक प्रशासक पद पर किसी प्रशासकीय अधिकारी की बजाय नगरसेवकों में से सबसे वरिष्ठ व अनुभवी यानी सर्वाधिक कार्यकाल रहनेवाले नगरसेवक का चयन किये जाने हेतु कुछ वरिष्ठ नगरसेवकोें ने जबर्दस्त फिल्डींग लगायी है. साथ ही इसके लिए मुख्याधिकारी से भी लगातार चर्चा की जा रही है. इसके साथ ही उपाध्यक्ष पद का अस्तित्व कायम रखने हेतु अदालत का फैसला और प्रशासक पद हेतु जिलाधिकारी का आदेश भी चांदूर बाजार नगर पालिका के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा.
-
पार्षदों में से ही होगा चुनाव
वहीं पता चला है कि, अगर नगराध्यक्ष के रिक्त हुए पद के लिए चुनाव होता है, तो नया नगराध्यक्ष मौजूदा नगरसेवकोें में से ही चुने जाने की जबर्दस्त संभावना है.