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यवतमाल-वाशिम में महायुति के प्रत्याशी को लेकर संभ्रम

नामांकन के लिए केवल तीन दिन का समय, प्रत्याशी का अब तक पता नहीं

यवतमाल /दि.1– यवतमाल-वाशिम लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव हेतु नामांकन भरने के लिए केवल तीन दिन का समय शेष बचा हुआ है, लेकिन अब तक इस संसदीय सीट से महायुति का उम्मीदवार ही घोषित नहीं हो पाया है. जिसके चलते महायुति में काफी हद तक संभ्रम देखा जा रहा है. साथ ही साथ आम मतदाताओं में भी इस बात को लेकर उत्सुकता देखी जा रही है कि, इस बार यवतमाल-वाशिम संसदीय क्षेत्र में महायुति की ओर से उम्मीदवार कौन होगा.
जानकारी के मुताबिक यह तय है कि, यवतमाल-वाशिम संसदीय सीट में महायुति का उम्मीदवार शिवसेना (शिंदे गुट) से ही रहने वाला है, लेकिन मौजूदा सांसद भावना गवली को टिकट मिलती है अथवा मंत्री संजय राठोड या उनकी पत्नी शीतल राठोड में से कोई प्रत्याशी रहेगा. इसे लेकर रहस्य अब भी बरकरार है. माना जा रहा है कि, यदि भावना गवली को ही उम्मीदवारी देनी होगी, तो शिवसेना द्वारा पहली सूची में ही उनके नाम की घोषणा कर दी गई होती. परंतु भाजपा द्वारा भावना गवली के नाम को लेकर अच्छा खासा विरोध किये जाने के चलते सीएम एकनाथ शिंदे के सामने भी पेच निर्माण हो गया है. इसी बीच गवली समर्थकों ने सीएम शिंदे से मुलाकात करते हुए भावना गवली को ही टिकट दिये जाने की मांग की थी और सीएम शिंदे ने भी उन्हें काम पर लग जाने का आदेश दिया था. परंतु इस बात को एक सप्ताह बीत जाने के बावजूद अब तक भावना गवली के नाम पर उम्मीदवारी घोषित नहीं हुई है. जिससे गवली समर्थकों में चिंता बढ गई है. इधर जहां एक ओर सांसद भावना गवली खुदको उम्मीदवारी मिलने के लिए जमकर मोर्चा लडा रही है. वहीं दूसरी ओर लोकसभा चुनाव की राजनीति मंत्री संजय राठोड के आसपास घुमती दिखाई दे रही है.
उधर दूसरी ओर महाविकास आघाडी ने शिवसेना उबाठा के संजय देशमुख को अपना उम्मीदवार घोषित भी कर दिया गया है. जिसके चलते मविआ के नेता व कार्यकर्ताओं ने प्रचार भी शुरु कर दिया है. साथ ही कल मंगलवार 2 अप्रैल को संजय देशमुख द्वारा शिवसेना के युवा नेता आदित्य ठाकरे सहित कांग्रेस व राकांपा के नेताओं के साथ अपना नामांकन दाखिल करने वाले है. वहीं इधर महायुति में यवतमाल-वाशिम संसदीय क्षेत्र को लेकर अब तक प्रत्याशी ही तय नहीं हो पाया है.

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