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कांग्रेस नहीं, देश का लोकतंत्र है खतरे में

पार्टी के प्रदेश महासचिव विशाल मुत्तेमवार का कथन

* पत्रवार्ता में केंद्र सरकार पर लगाए संगीन आरोप
अमरावती/दि.31 – कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्बारा लगातार ही पीएम मोदी और उनके करीबी उद्योजक गौतम अदानी द्बारा की जा रही आर्थिक गडबडियों को उजागर कर रहे है. साथ ही उन्होंने 7 फरवरी को संसद में अदानी घोटाला मामले का विस्तृत विश्लेषण करते हुए केंद्र सरकार से बेहद तीखे सवाल पूछे. उनसे घबराकर राहुल गांधी पर न्यायालय में प्रलंबित रहने वाले एक पुराने व छोटे से मामले की आनन-फानन में सुनवाई करते हुए अदालत द्बारा 2 वर्ष के कारावास की अधिकतम सजा सुनाई गई और यह फैसला आते ही 24 घंटे के भीतर राहुल गांधी की संसद सदस्यता समाप्त कर दी गई. जिसका सीधा मतलब है कि, केंद्र सरकार द्बारा देश की संवैधानिक संस्थाओं को अपने मनमर्जी के हिसाब से चलाया जा रहा है. यह स्थिति देश के लोकतंत्र के लिए बेहद घातक है. ऐसे में इस समय देश में कांग्रेस पार्टी नहीं, बल्कि देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था खतरे में है. इस आशय का प्रतिपादन कांग्रेस के प्रदेश महासचिव विशाल मुत्तेमवार द्बारा किया गया.
पार्टी संगठन से संबंधित कामों के चलते अमरावती जिले के दौरे पर पहुंचे पार्टी के प्रदेश महासचिव विशाल मुत्तेमवार ने आज पार्टी पदाधिकारियों से मुलाकात करने के साथ ही एक पत्रवार्ता को भी संबोधित किया. जिसमें उपरोक्त प्रतिपादन करते हुए मुत्तेमवार ने कहा कि, अदानी उद्योग समूह की शेल कंपनियों में निवेश किए गए 20 हजार करोड रुपए किसके है और इसमें शामिल रहने वाला चीनी व्यक्ति कौन है. साथ ही देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उद्योगपति गौतम अदानी के बीच क्या संबंध है. आदि विषयों को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी तथा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने संसद में मुद्दा उपस्थित किया और संयुक्त संसदीय समिति गठित किए जाने की मांग भी की गई. लेकिन दोनों नेताओं के भाषणों को संसद के कामकाज से हटा लिया गया और खुद सत्तापक्ष द्बारा यह मुद्दा सामने आते ही सदन के कामकाज को बाधित किया जा रहा है. जिसका सीधा मतलब है कि, अदानी को बचाने के लिए मोदी सरकार अपनी पूरी ताकत लगा रही है और जिस दिन राहुल गांधी ने संसद में अदानी घोटाले को लेकर सरकार से सवाल पूछे. उसके 9 दिन बाद ही उनके खिलाफ मानहानि के मामले को बाहर निकालकर उन्हें 2 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई. साथ ही 24 घंटे के भीतर उनकी संसद सदस्यता को रद्द करते हुए सरकारी बंगला खाली करने की नोटीस भी दी गई. जिसका सीधा मतलब है कि, मोदी सरकार द्बारा राहुल गांधी पर बदले की भावना से प्रेरित होकर कार्रवाई की जा रही है और उन पर ओबीसी समाज के अपमान का झूठा आरोप लगाया जा रहा है. लेकिन राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी इन तमाम बातों से बिल्कुल भी घबराने वाले नहीं है और अब इस लडाई को जनता के दरबार में लडा जाएगा.
इस पत्रवार्ता में पूर्व जिला पालकमंत्री डॉ. सुनील देशमुख, कांग्रेस के शहराध्यक्ष बबलू शेखावत व जिलाध्यक्ष बबलू देशमुख, पूर्व महापौर विलास इंगोले व मिलिंद चिमोटे, प्रदेश प्रवक्ता दिलीप एडतकर, प्रदेश उपाध्यक्ष भैया पवार, प्रदेश महासचिव किशोर बोरकर तथा प्रदेश सचिव आसिफ तवक्कल आदि उपस्थित थे.

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