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विधान परिषद के लिए कांग्रेस-राकांपा के पास उम्मीदवार नहीं

वंचित के उम्मीदवारों को लिया अपने पाले में

  • प्रकाश आंबेडकर ने साधा निशाना

अकोला/दि.७ – विधान परिषद में राज्यपाल नियुक्त १२ सीटों के लिए राज्य की महाविकास आघाडी सरकार ने राज्यपाल के पास १२ नाम मंजूरी के लिए भेजे है. जिसमें कांग्रेस के छोटे से कलाकार और गायक अनिरूद्ध वनकर और राकांपा की ओर से प्रा. डॉ. यशपाल भिंगे का नाम शामिल है. यह दोनों नेता वंचित बहुजन आघाडी की तरफ से लोकसभा और विधानसभा चुनाव लढ़ चुके है. प्रा. डॉ. यशपाल भिंगे वंचित की ओर से नांदेड से लोकसभा चुनाव लढ़ चुके है और उनको सवा लाख वोट मिलने से नांदेड से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को हार का सामना करना पड़ा था. वहीं गायक और कलाकार अनिरूद्ध वनकर ने चंद्रपुर अनुसूचित जाति निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लढ़ा था. इन दोनों नेताओं को कांग्रेस और राकांपा ने अपने पाले में लेने के बाद प्रकाश आंबेडकर की प्रतिक्रिया पर सभी की निगाहें टिकी हुई थीं.
शनिवार को अकोला में आयोजित पत्रकार परिषद में प्रकाश आंबेडकर ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि राज्यपाल नियुक्त विधायक के लिए राकांपा और कांग्रेस के पास उम्मीदवार नहीं होने से उन्होंने डॉ. यशपाल भिंगे और अनिरूद्ध वनकर को वंचित बहुजन पार्टी भगाया है. दोनों कार्यकर्ताओं के पार्टी से जाने का उनको दुख है. हालांकि आंबेडकर ने यह स्पष्ट किया है कि उनके जाने से ना पार्टी में दरार पडी है और ना ही पार्टी का कोई नुकसान हुआ है. आंबेडकर ने कहा कि उनकी पार्टी काफ लोग छोड़कर चले गए है. लेकिन दूसरी पार्टी में जाने के बाद उन नेताओं की उपयुक्तता खत्म हो चुकी है.
इसी दरम्यिान मंदिर नहीं खोले जाने के राज्य सरकार के निर्णय पर आंबेडकर ने जमकर हमला बोला. राज्य सरकार को शिर्डी, सिद्धीविनायक मंदिर का पैसा चलता है, तो मंदिर क्यों नहीं चलता यह सवाल आंबेडकर ने सरकार को पूछा है.

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