निर्माण अनुमति वाले भूखंड को अब एनए की जरुरत नहीं
भवन निर्माण व्यवसायियों को सरकार ने दी बडी राहत
मुंबई/दि.24 – भवन निर्माण व्यवसायिायों सहित नये घर का सपना देख रहे लोगों को राज्य सरकार द्बारा एक बडी राहत देने का निर्णय लिया गया है. जिसके तहत भवन निर्माण की अनुमति प्राप्त रहने वाले भूखंड के लिए अब अकृषक यानि एनए की अनुमति लेने की जरुरत नहीं रहेगी. राजस्व विभाग द्बारा लिए गए इस निर्णय के चलते प्रलंबित रहने वाले प्रकल्पों को तय समय में पूरा होने के लिए सहायता मिलेगी.
बता दें कि, इसी जमीन पर भवन निर्माण की अनुमति प्राप्त करने हेतु सबसे पहले उस जमीन को एनए कराना पडता है. जिसके लिए महाराष्ट्र प्रादेशिक व नगररचना अधिनियम के प्रावधानानुसार जमीन के अकृषक प्रयोग का प्रयोजन अनुज्ञेय रहने की पडताल की जाती है और जमीन को अकृषक प्रयोग हेतु रुपांतरीत हो जाने को मान्यता दी जाती है. ऐसे में निर्माणकार्य शुरु करते समय वह जमीन एनए है, यह दिखाने के लिए दुबारा प्रमाणपत्र प्राप्त करने की जरुरत नहीं रहेगी. ऐसा राजस्व विभाग के निर्णय में कहा गया. उल्लेखनीय है कि, इससे पहले निर्माण की अनुमति प्राप्त रहने वाले भूखंड पर भी एनए प्रमाणपत्र प्राप्त करना पडता था. जिसके लिए बिल्डर सहित भूखंड मालिक को दो-दो कार्यालयों में चक्कर कांटने पडते थे और पूरा मामला लालफिताशाही में अटका रहता था. जिसकी वजह से प्रकल्पों का काम पूरा होने में विलंब हुआ करता था और इससे बिल्डर सहित ग्राहकों का नुकसान होता था. परंतु अब एनए प्रमाणपत्र नहीं रहने वाले भूखंड पर बीपीएमएस अंतर्गत कर वसूली की जाएगी और पूरा काम एक ही कार्यालय से किया जाएगा. इसकी वजह से सभी लोगों का समय बचेगा. साथ ही निर्माणकार्य की अनुमति प्राप्त भूखंड पर निर्माणकाम शुरु करते समय उसे दुबारा एनए करवाने की जरुरत नहीं रहेगी. जिससे प्रलंबित प्रकल्पों का काम गतिमान होगा.