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रेती घाटों की निलामी नहीं होने से अटके निर्माण कार्य

लोगबाग कर रहे सरकारी रेत मिलने का इंतजार

* तीन बार निविदा हो चुकी जारी, अब तक ठेकेदार नहीं हुए तय
अमरावती/दि.24 – निर्माण कार्य के लिए लोगों को कम से कम दाम पर रेत उपलब्ध कराने हेतु सरकार ने नई रेत नीति को अमल में लाया. इसके अनुसार जिले में अलग-अलग स्थानों पर रेत डिपो भी तय कर दिए गए. लेकिन नदी पात्र से रेत डिपो तक रेत लाने के लिए ढुलाई ठेकेदार अब तक तय नहीं हुए है. ऐसे में सरकारी रेत उपलब्ध नहीं हो पा रही और वहीं दूसरी ओर अनाप-शनाप दामों पर रेती की कालाबाजारी हो रही है. ऐसे में लोगों को लगभग दोगुने दामों पर रेत खरीदनी पडती है. जिसके चलते फिलहाल यह स्थिति है कि, सरकारी रेत उपलब्ध होने के बाद भी लोगबाग अपने घर के काम का मुहूर्त निकालने के बारे में विचार कर रहे है.
बता दें कि, नदी पात्र से रेत डिपो तक रेत पहुंचाने हेतु ठेकेदार निश्चित करने के लिए जिला खनिकर्म विभाग ने अब तक तीन बार निविदाएं जारी की. जिसमें सरकारी दाम से दोगुने अधिक दाम वाली निविदा मिलने के चलते इसे अंतिम रुप नहीं दिया जा सका. ऐसी स्थिति में सरकारी रेत उपलब्ध नहीं हो पा रही है और इस वजह से मध्यप्रदेश से लायी जाने वाली या जिले के रेतीघाटों से अवैध उत्खनन की जाने वाली रेत को उंची दरों पर खरीदने के अलावा नागरिकों के पास अन्य कोई पर्याय नहीं है.

* जिले में 15 रेत डिपो निश्चित
जिले में वेड, जलगांव मांगरुल, तलनी, धानपुर, बनोसा, हिवरा, निंभारी, टोंगलापुर, तलनीपुर्णा आदि स्थानों पर रेत डिपो बनाने की बात तय की गई है.

* 14 शर्तों में अटका मामला
नई रेत नीति में 14 शर्तें काफी मुश्किल वाली रहने की बात ढुलाई ठेकेदारों द्बारा कहीं जा रही है. जिसकी वजह से इस निविदा प्रक्रिया को प्रतिसाद नहीं मिल रहा.

* निविदा को प्रतिसाद नहीं
जिला खनिकर्म विभाग द्बारा अब तक तीन बार निविदा प्रकाशित की गई. जिसमें केवल 4 तहसीलों के लिए ही निविदाएं प्राप्त हुई. वहीं शेष डिपो के लिए निविदा को कोई प्रतिसाद नहीं मिला है.

* 9 जून तक ही उठाई जा सकेगी रेत
पर्यावरण के नियमानुसार 10 जून से 30 सितंबर तक बारिश के मौसम दौरान रेतीघाटों से रेती के उत्खनन और ढुलाई का काम बंद रहता है. ऐसे में नदी पात्रों से 9 जून तक ही रेत का उत्खनन किया जा सकता है और कुछ रेत डिपो में रेती का स्टॉक जमा करके रखा जा सकता है.

* सीसीटीवी कैमरों की रहेगी नजर
रेत डिपो के साथ ही रेतीघाटों पर भी सीसीटीवी कैमरों के जरिए नजर रखी जाएगी. ताकि उन स्थानों पर किसी भी तरह की चोरी अथवा गडबडी जैसी वारदातों को शामिल होने से रोका जा सके.

* रेत माफियाओं की बल्ले-बल्ले
सरकार द्बारा 9 जून तक ही रेत उत्खनन की अनुमति दी गई है. साथ ही अब तक रेतीघाटों से रेत ढुलाई के ठेके फाइनल नहीं हो पाए है. जिसकी वजह से रेत डिपो में सरकारी रेत विक्री हेतु उपलब्ध नहीं है. ऐसे में लोगों के पास अन्य रास्तों से मिलने वाली रेत खरीदने के अलावा दुसरा कोई पर्याय नहीं है. वहीं रेती की सरकारी विक्री व खुदाई बंद रहने की वजह से चोरी-छीपे तस्करी करते हुए लाई जाने वाली रेत अनाप-शनाप दरों व उंचे दामों पर बेची जा रही है. जिसे देखते हुए कहा जा सकता है कि, सरकारी रेत नीति के तहत अटके रहने वाली निविदा प्रक्रिया के मामले की वजह से रेत तस्करी करने वाले रेत माफियाओं की जमकर बल्ले-बल्ले होने वाली है.

* फिलहाल रेत डिपो के लिए निविदा प्रक्रिया चल रही है. जिसके तहत 4 डिपो के लिए निविदा प्राप्त हुई है. वहीं अन्य डिपो के लिए अब तक तीन बार निविदाएं जारी की गई है. परंतु इसे कोई प्रतिसाद नहीं मिला है.
– डॉ. इमरान शेख,
जिला खनिकर्म अधिकारी

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