‘ठेका’ नियुक्त सलाहकार की शहर अभियंता पद पर ‘नजर’
प्रशासकीय व्यवस्था में हस्तक्षेप बढा
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मनपा अधिकारियों में फैली नाराजी
अमरावती/प्रतिनिधि दि.११ – महानगरपालिका के एक ठेका नियुक्त सलाहकार ने इन दिनों शहर अभियंता पद पर अपनी नजर गडा दी है. अपनी कार्यकक्षा ज्ञात रहने के बावजूद इस सलाहकार द्वारा प्रशासकीय व्यवस्था में हस्तक्षेप करना शुरू कर दिया गया है. जिसकी वजह से महानगरपालिका के अधिकारियों में नाराजगी देखी जा रही है. पता चला है कि, इस ठेका नियुक्त व्यक्ति द्वारा इससे पहले ‘नियमित’ पद पर रहते हुए गैरकानूनी काम किया गया था और उसके खिलाफ एक महिला कर्मचारी ने विशाखा समिती में शिकायत भी दर्ज करायी थी.
बता दें कि, सेवानिवृत्त अधिकारियों को सेवा विवक्षित कामों के लिए ठेका पध्दति से नियुक्त करने को लेकर सामान्य प्रशासन विभाग ने 8 जनवरी 2016 को सरकारी अध्यादेश के अनुसार कुछ नियम तय किये है. जिसमें साफ तौर पर कहा गया है कि, ऐसे लोगों को वेतन मर्यादा सहित पुर्ननियुक्ती न दी जाये और उन्हें नियमित मंजूर पदों पर सेवा हेतु नियुक्त न किया जाये. किंतु इसके बावजूद पिछले दो आयुक्तों के कार्यकाल में इस सेवानिवृत्त को ठेका पध्दति से नियमित पद पर नियुक्त किया गया. हालांकि उसका कार्यकाल काफी विवादास्पद भी रहा. वहीं अब उसी व्यक्ति ने सलाहकार के तौर पर महानगरपालिका में ‘रिएंट्री’ ली है. सलाहकार द्वारा केवल सलाह दी जा सकती है और किसी भी तरह के आदेश या निर्देश नहीं दिये जा सकते. यह अपेक्षित रहने के बावजूद इन महाशय अधिकारी द्वारा अभियंताओं और ठेकेदारों पर सीधे हुक्म जारी किये जाते. जिसकी वजह से कई लोगों में नाराजी है. साथ ही इस व्यक्ति द्वारा सलाह देने की बजाय मनपा की प्रशासकीय व्यवस्था में हस्तक्षेप किये जाने की भावना शहर अभियंता कार्यालय में बलवती हो रही है. साथ ही यह सवाल भी पूछा जा रहा है कि, ‘विद्युत’ से संबंधित एक सेवानिवृत्त अभियंता सभी विषयों का विशेषज्ञ कैसे हो सकता है?
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मर्जीवाले ठेकेदारों व अधिकारियों के लिए ‘लॉबींग’
दो तत्कालीन आयुक्तों के कार्यकाल की तरह अपने पास एक बार फिर कार्यकारी पद का जिम्मा आने के लिए इस ठेका नियुक्त सलाहकार द्वारा जबर्दस्त फिल्डींग लगायी गई है और इन दिनों शहर अभियंता पद को अपने कब्जे में लेने का प्रयास किया जा रहा है.कई प्रलंबित प्रकल्पों का नियोजन करते समय इस व्यक्ति द्वारा मनपा में अपने नजदिकी ठेकेदारों व अधिकारियों के लिए जमकर लॉबींग भी की जा रही है. ऐसी पुख्ता जानकारी है.
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पीएमसी क्यों
प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कन्सलटंट यानी पीएमसी की नियुक्ति मूलत: तकनीकी सहायता व सलाह के लिए होती है. नियोजन से लेकर निविदा तक सारे काम पीएमसी के अख्तियार में आते है. किंतु इसमें भी हस्तक्षेप शुरू होने की वजह से इन दिनों अधिकारियों में काफी हद तक संभ्रम का माहौल है. साथ ही यह सवाल भी पूछा जा रहा है कि, ठेका नियुक्त सलाहकार द्वारा सलाह देने की बजाय मनपा के नियमित अधिकारियों व अभियंताओं को सीधे आदेश कैसे दिया जा सकता है और यह सब किस नियम के तहत होने दिया जा रहा है.