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उमेद अभियान के ठेका कर्मियों ने दिया कलेक्ट्रेट पर धरना

जीवनोन्नति अभियान को लेकर सरकारी फैसले के खिलाफ जताया निषेध

अमरावती/प्रतिनिधि दि.२८  – सरकार द्वारा महाराष्ट्र राज्य ग्रामीण जीवनोन्नति अभियान के ठेका कर्मियों के साथ करार का नूतनीकरण नहीं करने और इस अभियान का जिम्मा किसी बाहरी कंपनी को दिये जाने का फैसला लिया गया है, जो कि पूरी तरह से गलत है. सरकार इस फैसले की वजह से जहां एक ओर ग्रामीण क्षेत्रोें में महिलाओं के सक्षमीकरण का काम प्रभावित होगा, वहीं इस फैसले की वजह से लंबे समय तक इस अभियान के साथ जुडे रहनेवाले हजारों लोग बेरोजगार हो जायेंगे. अत: सरकार अपने फैसले पर पुर्नविचार करे. इस आशय की मांग करते हुए उमेद अभियान के ठेका कर्मियों ने जिलाधीय कार्यालय पर एक दिवसीय धरना आंदोलन करने के साथ ही जिलाधीश को अपनी मांगों का ज्ञापन भी सौंपा. इस ज्ञापन में कहा गया कि, सरकार ने उमेद अभियान के संदर्भ में लिये गये फैसले पर जल्द से जल्द पुनर्विचार करना चाहिए, ताकि विगत नौ वर्षों से इस अभियान के साथ जुडे अधिकारियों व कर्मचारियों के बेरोजगार होने का खतरा ना पैदा हो और इस अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे कामकाज पहले की तरह ही समर्पित भाव से चलते रहे. इस धरना आंदोलन में उमेद कंत्राटी कर्मचारी कल्याणकारी मंडल (अमरावती) के अध्यक्ष विजय पाटिल, उपाध्यक्ष अजय कुलथे व तृष्णा ठाकरे, सचिव प्रवीण रायबोले, कोषाध्यक्ष सुचिता पाटिल, सहसचिव स्वप्नील रोहणकर, सहकोषाध्यक्ष मयूर कवठेकर, सलाहकार अजय सरदार व अमोल देवलसी, मार्गदर्शक सचिन देशमुख व संगीता म्हस्के, प्रसिध्दी प्रमुख सुभाष तांबे, सह प्रसिध्दी प्रमुख संदीप गजभिये, प्रसिध्दी सहायक स्नेहल सोनटक्के तथा सदस्य शितल गर्गेलवार, सूरज बोबडे, निलेश नांदने, सविता अब्रुक, माधुरी मनवर, शिवा गतफणे व मंगेश अकोटकर आदि उपस्थित थे.

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