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रेल वैगन कारखाने में ठेकेदार कंपनी की मनमानी

 15 कर्मचारियों का अचानक कोलकाता तबादला

  •  श्रमिकों के शोषण की कई कहानियां आ रही सामने

  •  तीन माह के वेतन का भुगतान है बकाया

  •  तबादले पर जाने या काम से निकालने की लगातार मिल रही धमकियां

  •  भाजपा नेता तुषार भारतीय ने की रेल राज्यमंत्री दानवे से शिकायत

अमरावती/प्रतिनिधि दि.24 – समीपस्थ बडनेरा में साकार होने जा रहे रेलवे वैगन कारखाने के काम का जिम्मा प्रेमको रेल इंजिनिअर्स लि. नामक कंपनी को दिया गया है. जिसके बारे में यहां पर काम करनेवाले श्रमिकों द्वारा आरोप लगाया गया है कि, कंपनी की ओर से फैक्टरी में काम करनेवाले मजदूरों का शोषण किया जा रहा है और इस समय उनका तीन माह का वेतन बकाया है. साथ ही कंपनी के खिलाफ आवाज उठानेवाले व्यक्ति को बडनेरा से कोलकाता तबादले पर भेजने की कार्रवाई की जा रही है और जो व्यक्ति तबादले पर जाने से इन्कार करता है, उसे काम से निकाल देने की धमकी दी जाती है. सबसे बडी बात यह है कि, तबादले पर भेजते समय कोई वेतन वृध्दि अथवा अन्य सुविधा देना तो दूर, बल्कि मौजूदा वेतन की तुलना में कम वेतन पर मजदूरों व कामगारों को बडनेरा से कोलकाता भेजा जा रहा है. यह सीधे-सीधे कंपनी की मनमानी और ज्यादती है.
रेलवे वैगन फैक्टरी में काम करनेवाले कामगारों व श्रमिकों द्वारा अपनी व्यथा सुनाये जाने के बाद मनपा के नेता प्रतिपक्ष व भाजपा नेता तुषार भारतीय ने इस विषय को लेकर केंद्रीय रेलवे राज्यमंत्री रावसाहब दानवे को पत्र लिखकर उन्हें पूरे मामले से अवगत कराया है. साथ ही इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए प्रेमको रेल इंजिनिअर्स लि. के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की है.
इस पत्र में मनपा के सभागृह नेता तुषार भारतीय ने बताया कि, इस कंपनी में पश्चिम बंगाल के 100 से 150 कर्मचारी कार्यरत है. साथ ही अमरावती के भी कुछ स्थानीय कर्मचारी व कामगार यहां काम करते है. जिन्हें बाहरी लोगों द्वारा दबाव और गुंडागर्दी के जरिये मानसिक रूप से प्रताडित किया जाता है. साथ ही उन्हें नौकरी से निकालने अथवा कोलकाता तबादला करने की धमकी भी दी जाती है. इसके तहत अब तक अमरावती के 15 कामगारों को खडकपूर जाने के लिए तबादले के आदेश दिये जा चुके है. किंतु हैरत की बात यह है कि, जिन स्थानीय कामगारों को अमरावती में ही 8 हजार रूपये प्रतिमाह वेतन दिया जा रहा है, उन्हें खडकपूर जाकर सात हजार रूपये प्रतिमाह के वेतन पर काम करने के लिए कहा जा रहा है. साथ ही इन कामगारों को खडकपूर में अपने भोजन व निवास की व्यवस्था भी खुद ही करनी होगी तथा कंपनी की ओर से कोई सुविधा उपलब्ध नहीं करायी जायेगी. यह सीधे-सीधे कंपनी की मनमानी और ज्यादती का सबूत है.

  •  श्रम मंत्रालय में भी की गई शिकायत

रेलवे वैगन कारखाने के लिए प्रेमको रेल इंजिनिअर्स लि. कंपनी के तहत काम करनेवाले गजानन ढोरे, पंकज धांडे, अनूप वांगे, विनोद मोहोड, माधव पाथरे, प्रफुल रघुते, रोहित परदेसी, नारायण सुरजुसे, प्रफुल काले, निखिल पोकले, राजेश थोरात, किशोर तायडे, राहुल जाधव, श्रीकांत अंभोरे, शोएब खान, विशाल चतुरपांडे, गोवर्धन सोलंके, प्रमोद दामोदरे, विजय वाकोडे, सिध्दार्थ वासनिक, मनोज भगत, दीपक पोकले, आदित्य झोंबाडे व धीरज बिंदेकर आदि ने कंपनी द्वारा किये जा रहे शोषण व अन्याय को लेकर केंद्रीय श्रम व रोजगार मंत्रालय के पास भी अपनी शिकायत दर्ज करायी है. जिसके आधार पर श्रम व रोजगार मंत्रालय के अवर सचिव आर. एस. मीणा ने आवश्यक कार्रवाई हेतु पत्र भी जारी किया है.

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