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डबल म्युटेशन व लोगों की लापरवाही से अमरावती में बढा कोरोना

लॉकडाउन व संचारबंदी का कडाई से पालन नहीं होना है मुख्य वजह

  • राज्य के प्रमुख स्वास्थ्य विशेषज्ञोें ने दी अपनी राय

अमरावती/प्रतिनिधि दि.१८ – इस समय अमरावती जिले में कोविड संक्रमण की स्थिति को नियंत्रित करने हेतु तथा संक्रमितों की संख्या को कम करने हेतु स्थानीय प्रशासन द्वारा तमाम जरूरी उपाय किये जा रहे है. किंतु बावजूद इसके नये संक्रमित मरीज मिलने और संक्रमण की वजह से मौतें होने का सिलसिला अमरावती जिले में लगातार जारी है. राज्य के वरिष्ठ स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक अमरावती जिले में हालात को संभालने हेतु बेहद कडा लॉकडाउन लगाये जाने के बावजूद संक्रमण फैलने के पीछे मुख्य रूप से दो वजहे जिम्मेदार है. जिसमें से पहली वजह कोरोना वायरस का डबल म्युटेशनवाला स्वरूप है और दूसरी वजह अमरावती शहर व जिले के नागरिकों द्वारा बरती जानेवाली लापरवाही है. कोविड प्रतिबंधात्मक नियमोें का दो माह से जारी संचारबंदी व लॉकडाउन के बावजूद लोगों द्वारा गंभीरतापूर्वक व कडाईपूर्वक पालन नहीं किया जा रहा. यहीं वजह है कि, अमरावती जिले में लॉकडाउन व संचारबंदी जैसे उपाय बेअसर साबित होते हुए यहां पर लगातार कोविड संक्रमितों और संक्रमण की वजह से होनेवाली मौतों के आंकडों बढ रहे है.
बता दें कि, विगत 15 जनवरी को अमरावती जिले में 500 से भी कम एक्टिव पॉजीटीव मरीज थे, वहीं एक माह के भीतर 15 फरवरी को यह संख्या 3 हजार 90 पर जा पहुंची, जो 15 जनवरी की तुलना में 518 प्रतिशत अधिक थी. इसके बाद फरवरी माह के अंत तक अमरावती जिले में कोविड संक्रमण के एक्टिव पॉजीटीव मरीजों की संख्या 6 हजार 600 तक जा पहुंची है. वहीं 22 फरवरी से कोविड संक्रमितों की बढती संख्या के मद्देनजर लॉकडाउन लागू किया गया. जिसकी वजह से मरीजों की संख्या में कमी आनी शुरू हुई और 31 मार्च तक एक्टिव पॉजीटीव मरीजों की संख्या घटकर 2 हजार 935 पर आ गयी. लेकिन इसके एक माह बाद और अप्रैल माह के बीच में लॉकडाउन लागू करने के बावजूद 15 अप्रैल को 4 हजार 636 पर रहनेवाली एक्टिव पॉजीटीव मरीजों की संख्या अप्रैल माह के अंत तक 7 हजार 134 पर जा पहुंची और अब जारी माह के दौरान सोमवार 17 मई को एक्टिव पॉजीटीव मरीजों की संख्या 10 हजार 205 के स्तर पर है. वहीं सोमवार तक 1 हजार 250 मरीजों की मौत हो चुकी है. राज्य कोविड टास्क फोर्स के सदस्य डॉ. शशांक जोशी तथा मेडिकल एपीडेमीलॉजीस्ट व हेल्थ सिस्टीम एक्सपर्ट डॉ. चंद्रकांत लहरीया के मुताबिक अमरावती जिले में कोविड वायरस का डबल म्युटेशनवाला स्वरूप पाया गया है. ई484क्यू तथा एल452आर इस तरह के दो म्युटेशन रहनेवाले बी.1.617 नामक नये वेरियंट की अमरावती जिले में पुष्टि हुई है. साथ ही इसी वेरियंट का बी.1.617.2 नामक एक नया स्वरूप भी अमरावती जिले की कुछ सैम्पलों में पाया गया है. जिसकी वजह से अमरावती जिले में संक्रमण की रफ्तार काफी अधिक है. ऐसे में सरकार एवं प्रशासन द्वारा संक्रमण को रोकने हेतु हर संभव प्रयास किये जा रहे है. किंतु आम नागरिकों द्वारा कोविड प्रतिबंधात्मक नियमों का गंभीरतापूर्वक व कडाई पूर्वक पालन नहीं किया जा रहा. यहीं वजह है कि, सरकारी एवं प्रशासनिक प्रयास काफी हद तक बेअसर साबित हो रहे है. डॉ. लहरीया के मुताबिक यदि किसी जिले का पॉजीटिविटी रेट पांच प्रतिशत से कम हो जाता है, तो भी यह नहीं माना जा सकता कि, कोविड संक्रमण की लहर खत्म हो गयी है और खतरा टल गया है, बल्कि उस समय और अधिक सावधानियां बरतने की जरूरत होती है, क्योंकि यदि संक्रमण की रफ्तार को कम होता देख लोगबाग कोविड के खतरे के प्रति लापरवाह या बेफिक्र हो गये और कोविड प्रतिबंधात्मक नियमों की अनदेखी होने लगी, तो संक्रमण के दुबारा बेहद तेज गति के साथ रफ्तार पकडने की काफी अधिक संभावना होती है और यहीं अमरावती जिले में भी हुआ है. विगत सितंबर माह के बाद अमरावती जिले में संक्रमण की रफ्तार कम होते ही लोगबाग अक्तूबर, नवंबर व दिसंबर माह के दौरान काफी हद तक बेफिक्र व लापरवाह हो गये थे. जिसका परिणाम जनवरी व फरवरी माह से अब तक दिखाई दे रहा है.

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