अमरावतीमुख्य समाचार

जुनी बस्ती की राशन दुकान आवंटन में हुआ भ्रष्टाचार

  •  पत्रवार्ता में पहल फाउंडेशन की अलविना हक ने लगाया आरोप

  •  जिला आपूर्ति अधिकारी अनिल टाकसाले व दुकानदार अनिल वनवे की बताई मिलीभगत

अमरावती/प्रतिनिधि दि.23 – जुनी बस्ती बडनेरा स्थित जनविकास बचत सोसायटी की ओर से चलायी जानेवाली सरकारी राशन दुकान रद्द किये जाने के चलते 5 नवंबर 2016 को इस दुकान हेतु जाहीरनामा जाहीर किया गया था. जिसके लिए तीन आवेदन प्राप्त हुए थे और शांति महिला बचत गुट को पात्र घोषित करते हुए जिला आपूर्ति अधिकारी अनिल टाकसाले की अध्यक्षता में गठित समिती ने 22 फरवरी 2018 को शांति महिला बचत गुट के नाम पर यह दुकान आवंटित करने का आदेश जारी किया. जबकि हकीकत यह है कि, इस बचत गुट की स्थापना 2017 में हुई थी और 2016 में जारी विज्ञापन के तहत राशन दुकान हासिल करने हेतु शांति महिला बचत गुट द्वारा वर्ष 2012 का झूठा प्रमाणपत्र लगाकर प्रस्ताव डाला गया. ऐसे में यह स्पष्ट है कि इस मामले में बडे पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है और जिला आपूर्ति अधिकारी अनिल टाकसाले व राशन दूकानदार अनिल वनवे ने मिलीभगत करते हुए इस बचत गुट को राशन दुकान का आवंटन किया. इस आशय का आरोप यहां बुलायी गयी पत्रकार परिषद में पहल फाउंडेशन की अध्यक्षा डॉ. अलविना हक द्वारा लगाया गया है.
इस पत्रकार परिषद में कहा गया कि, शांति महिला बचत गुट के सभी पदाधिकारी व सदस्य अमरावती के तारखेडा व भाजीबाजार परिसर निवासी है. जिन्होंने राशन दुकान लेने हेतु जुनी बस्ती बडनेरा के फर्जी रहिवासी दाखले प्रस्ताव के साथ जोडे थे. साथ ही जाहीरनामे की शर्त के अनुसार जाहीरनामे की शर्त के मुताबिक महिला बचत गुट द्वारा अपने प्रस्ताव के साथ स्थायी पंजीयन क्रमांक प्रमाणपत्र, बैंक का पासबुक, नो ड्यू सर्टिफिकेट नहीं जोडा गया है. इस प्रस्ताव के साथ वर्ष 2013-14 तथा 2014-15 की ऑडिट रिपोर्ट जोडी गई है. यह भी पूरी तरह से फर्जी है, क्योेंकि इस बचत गुट का बैंक खाता ही 2017 में खोला गया. ऐसे में इस बचत गुट द्वारा इससे पहले के वर्षों की ऑडिट रिपोर्ट कैसे दी गई. इसकी जांच होना आवश्यक है. इसके अलावा कार्यकारी दंडाधिकारी के समक्ष दिये गये प्रतिज्ञा पत्र में कहा गया था कि, बचत गुट की महिलाओं द्वारा यह राशन दुकान चलायी जायेगी. किंतु यह राशन दुकान अनिल वनवे नामक व्यक्ति द्वारा चलायी जा रही है. ऐसे में झूठा प्रतिज्ञापत्र पेश किये जाने के लिए बचत गुट की महिलाएं कानूनी कार्रवाई व दंड हेतु पात्र है. सबसे बडी बात यह है कि, मनपा में आवेदन करते समय उपलब्ध कराये गये बचत गट के पदाधिकारियों व सदस्यों की मोबाईल नंबर गलत दर्ज कराये है. यह भी साबित हो चुका है. इतनी तमाम गडबडियों के बावजूद भी आपूर्ति अधिकारी द्वारा इन सभी बातों को अनदेखा किया गया. इसका सीधा मतलब है कि, इन तमाम गडबडियों में जिला आपूर्ति अधिकारी का भी सहभाग है. अत: इस पूरे मामले की जांच की जानी जरूरी है और राशन दुकान के आवंटन को रद्द करते हुए नये सिरे से वैध तरीके के साथ राशन दुकान के आवंटन हेतु जाहीरनामा घोषित किया जाये.

Related Articles

Back to top button