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24 मई के बाद बाजार में उपलब्ध होंगे कपास के बीज

जिला कृषि अधीक्षक कार्यालय की तैयारी पूर्ण

अमरावती/प्रतिनिधि दि.17 – कपास पर गुलाबी इल्लियों का प्रादूर्भाव रोकने हेतु कृषि विभाग ने इस बार 24 मई के बाद ही कपास की विभिन्न प्रजातियों के बीज बाजार में उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है. ऐसे में जिले के किसानों को 24 मई के बाद ही कृषि केंद्रोें के जरिये कपास के बीज मिलेंगे और इसके पश्चात ही कपास की बुआई का काम शुरू होगा.
बता दें कि, जिले में विगत दो-तीन वर्षों से कपास पर गुलाबी इल्लियोें का संक्रमण हो रहा है. साथ ही कई किसानों के खेतों में कपास की फसल पर लाल्या नामक रोग का भी संक्रमण हुआ. जिसकी वजह से गत वर्ष खरीफ सीझन के दौरान कपास का उत्पादन 40 फीसदी से भी कम हुआ. इस समय कई किसानों ने बेहद महंगी किटनाशक दवाईया खरीदकर उनका फसलों पर छिडकाव किया था. जिसके चलते इस बीमारी पर नियंत्रण पाने में कई किसानों को सफलता प्राप्त हुई. किंतु अभी कपास की फसल जैसे-तैसे संभल ही रही थी कि अतिवृष्टि व बेमौसम बारिश का सामना करना पडा. इसकी वजह से उत्पादन और भी अधिक प्रभावित हुआ तथा जिले के किसान विभिन्न संकटों में घिर गये. ज्ञात रहें कि, जिन किसानों के खेतोें में स्थित कुएं में पानी है, वे गरमी के मौसम में मई माह के पहले अथवा दूसरे सप्ताह में ही कपास की बुआई करते है और कपास के पौधे जैसे-जैसे बडे होते है और उनमें कपास के फूल लगने शुरू होते है, वैसे ही इन फूलों व पौधों की पत्तियों पर गुलाबी इल्लियों का संक्रमण होता दिखाई देता है. इस पर प्रतिबंध लगाने हेतु इस बार खरीफ सीझन हेतु 24 मई से पहले कृषि केंद्रोें पर कपास के बीज उपलब्ध न कराये जाये, ऐसा आदेश सरकार की ओर से जारी किया गया है. सरकार का मानना है कि, जून माह के पहलीे सप्ताह में कपास की बुआई करने पर गुलाबी इल्लियों के संक्रमण को रोका जा सकेगा. इसके अलावा एक ही गांव के किसान अलग-अलग कंपनियों के बीज खरीदते है और उसकी बुआई करते है. इस वजह से भी कपास का उत्पादन कम अधिक होता है. साथ ही जब किसान अपना कपास बेचने जाते है, तो कपास के धागे की लंबाई भी कम-अधिक होती है. ऐसे में कम लंबाईवाले धागे को योग्य दाम नहीं मिलते. ऐसे में किसानों ने बीजों का चयन सोच-समझकर करना चाहिए, ताकि उनके खेतों में कपास का उत्पादन अच्छा हो और उन्हें कपास बेचकर अच्छी आय हो.

  •  1 जून के बाद ही कपास की बुआई करे किसान

जिला कृषि अधिक्षक अधिकारी विजय चवाले ने उपरोक्त जानकारी देने के साथ ही कहा कि, सभी किसानों ने 1 जून के बाद ही कपास की बुआई करनी चाहिए, ताकि गुलाबी इल्लियों से बचाव होने में मदद मिले और फसलों का नुकसान न हो.

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