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मंडी चुनाव का काउंट-डाउन शुरु

12 फसल मंडियों के चुनाव 28 व 30 अप्रैल को

* प्रत्याशियों के साथ ही कई नेताओं की प्रतिष्ठा लगी दांव पर
* आपसी मतभेद व विचारों के फर्क को भुलाकर कई विरोधी नेता आए साथ
अमरावती/दि.27 – विधानसभा व लोकसभा के चुनाव में अपना अलग-अलग चूल्हा जलाने वाले जिले के अधिकांश नेता ‘सहकार’ क्षेत्र पर अपना कब्जा व दबदबा बनाने के लिए आपस में एकजूट हो गए है. इसके तहत कई परस्पर विरोधी नेताओं में आपसी मतभेद और अपने -अपने राजनीतिक दलों के विचारों को भुलाकर एक-दूसरे से हाथ मिला लिया है. जिसके चलते अब तक एक-दूसरे के साथ दिखाई देने वाले लोक मंडी चुनाव में एक-दूसरे के खिलाफ दिखाई दे रहे है. वहीं कुछ स्थानों पर एक-दूसरे के कट्टार प्रतिद्बंदी रहने वाले नेताओं द्बारा मंडी चुनाव के लिए आपस में हाथ मिला लिया गया है. इन्हीं सब माहौल के बीच जिले की 12 फसल मंडियों में 28 व 30 अप्रैल को मतदान होने जा रहा है. जिसमें से अमरावती-भातकुली कृषि उत्पन्न बाजार समिति के लिए कल 28 अप्रैल की सुबह 8 बजे से मतदान की प्रक्रिया शुरु होगी.
कहा जा सकता है कि, फसल मंडीे के चुनाव में चुनाव लड रहे है. प्रत्याशियों के साथ-साथ कई दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई है और सहकार क्षेत्र में विगत कई वर्षों से अपना दबदबा बनाए बैठे सहकार नेताओं को भी इस बार काफी कडी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड रहा है. अमरावती कृषि उत्पन्न बाजार समिति में इस बार सहकार पैनल व शेतकरी पैनल के बीच मुख्य भिंडत दिखाई दे रही है. जिसमें से सहकार पैनल का नेतृत्व पूर्व मंत्री व विधायक यशोमति ठाकुर, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष बबलू देशमुख, विधायक बलवंत वानखडे, शिवसेना उबाठा की नेत्री प्रीति बंड, पूर्व मंडी संचालक प्रकाश कालबांडे, कांग्रेस शहराध्यक्ष बबलू शेखावत, पूर्व महापौर विलास इंगोले तथा मनोज देशमुख के पास है. वहीं शेतकरी पैनल का नेतृत्व सांसद नवनीत राणा, विधायक रवि राणा, सहकार नेता विलास महल्ले, भाजपा की जिलाध्यक्ष निवेदिता चौधरी दिघडे व कांग्रेस के पूर्व जिप सदस्य प्रकाश साबले द्बारा किया जा रहा है. इसके अलावा सीटों के बंटवारे के मुद्दे को लेकर शिवसेना उबाठा के जिला प्रमुख सुनील खराटे ने बलिराजा नामक पैनल गठित करते हुए अमरावती फसल मंडी के चुनाव में अपने 10 प्रत्याशी उतारे है. जिसकी वजह से मुकाबला थोडा रोमांचक होता दिखाई दे रहा है.
उधर अचलपुर, चांदूर बाजार व तिवसा बाजार समिति में सहकार प्रणित शेतकरी पैनल चुनाव लड रहा है. जिसके चलते पूर्व राज्यमंत्री व विधायक बच्चू कडू की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है. वहीं नांदगांव खंडेश्वर, चांदूर रेल्वे व धामणगांव रेल्वे बाजार समिति में विधायक प्रताप अडसड व पूर्व विधायक विरेंद्र जगताप के पैनल एक-दूसरे के आमने-सामने खडे है. चांदूर रेल्वे व धामणगांव रेल्वे के मंडी चुनाव में राष्ट्रवादी कांग्रेस व भारतीय जनता पार्टी ने आपस में एक-दूसरे से हाथ मिला रखा है और यहां पर सहकार पैनल परिवर्तन सहकार पैनल व शेतकरी पैनल के बीच मुख्य भिंडत है.
इस बार बाजार समिति में नेताओं के रिश्तेदार अथवा समर्पित कार्यकर्ता चुनावी मैदान में है. जिनकी जीत को अपनी जीत मानकर नेताओं द्बारा चुनाव प्रचार अभियान चलाया जा रहा है. साथ ही चुनाव जीतने के लिए साम, दाम, दंड, भेद की नीतियों को भी अपनाया जा रहा है. जिसके तहत कई विधायक खुद मतदाताओं से मुलाकात करते हुए उन्हें ‘मूंह दिखाई’ भी दे रहे है, ऐसा कहा जा रहा है.

* राजनीतिक विचारों को छोडा पीछे
वरुड व मोर्शी बाजार समिति में परंपरागत राजनीतिक विरोधी मंडी चुनाव के लिए एकसाथ आ गए है. यहां पर कांग्रेस के पूर्व विधायक नरेशचंद्र ठाकरे ने भाजपा समर्थित पैनल से हाथ मिला लिया है. वहीं अचलपुर व चांदूर बाजार फसल मंडी में भाजपा के प्रमोद कोरडे ने कांग्रेस समर्थित सहकार पैनल के साथ हाथ मिलाया है. इसके साथ ही अमरावती मंडी में रिपाई (गवई गुट) के महासचिव डॉ. राजेंद्र गवई सहित कांगे्रस के प्रकाश साबले व विलास महल्ले इस समय भाजपा के खेमे में है.

* नेता पहुंच रहे मतदाताओं से मिलने
जिले की 12 फसल मंडियों के चुनाव को देखते हुए इस समय सभी नेताओं के पैरों में मानों पहिए लग गए हो और वे अलग-अलग मंडियों के निर्वाचन क्षेत्र में दौरे करते हुए प्रचार सभाएं ले रहे है. साथ ही मतदाताओं को अपने पक्ष में करने हेतु उन्हें विभिन्न तरह के आश्वासनों की खैरात बाँटने के साथ ही ‘नजराने’ भी पेश कर रहे है. चूंकि इस चुनाव में खुद विधायक स्तर के नेता प्रत्यक्ष प्रचार में उतर गए है. ऐसे में यह सवाल पूछा जाने लगा है कि, क्या वाकई फसल मंडी में कोई ‘दमदार मलाई’ है. जिसके लिए सांसद व विधायक जैसे नेताओं द्बारा अपनी प्रतिष्ठा को दांव पर लगाया जा रहा है.

कल जिले की 6 बाजार समितियों में मतदान
– अमरावती, नांदगांव खंडे., चांदूर रेल्वे, अंजनगांव, तिवसा व मोर्शी मंडी का समावेश
बता दें कि, कल शुक्रवार 28 अप्रैल को अमरावती कृषि उत्पन्न बाजार समिति सहित अंजनगांव सुर्जी, नांदगांव खंडेश्वर, चांदूर रेल्वे, तिवसा व मोर्शी इन 6 बाजार समितियों में मतदान कराया जाएगा. जिसमें से अमरावती को छोडकर अन्य पांच बाजार समितियों में मतदान के तुरंत बाद मतगणना करते हुए नतीजे घोषित किए जाएंगे. वहीं अमरावती फसल मंडी की मतगणना अगले दिन शनिवार 29 अप्रैल को विएमवि के सभागृह में होगी. जिसके लिए स्थानीय प्रशासन द्बारा तमाम तैयारियां कर ली गई है.
ज्ञात रहे कि, जिले की कुल 12 बाजार समितियों के चुनाव दो चरणों में कराए जा रहे है. जिसमें तहत पहले चरण में 6 बाजार समितियों में 28 अप्रैल को तथा दूसरे चरण के तहत शेष 6 बाजार समितियों में 30 अप्रैल को मतदान होगा. जिले की 12 बाजार समितियों के कुल 216 संचालक पदों के लिए 430 उम्मीदवार मैदान में है. जिसके तहत अमरावती मंडी में 54, नांदगांव खंडेश्वर में 49, चांदूर रेल्वे में 36, तिवसा में 38, अंजनगांव सुर्जी में 47 व मोर्शी फसल मंडी में 49 उम्मीदवारों का भाग्य कल 28 अप्रैल को तय होगा. विशेष उल्लेखनीय है कि, इस बार प्रत्येक फसल मंडी के लिए संबंधित तहसील मुख्यालय वाले शहर में केवल एक मतदान केंद्र ही बनाया गया है. जहां पर संबंधित तहसील के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले मंडी के मतदाता सदस्यों द्बारा आकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया जाएगा.

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