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23 लाख के विवाद में फंसा देश का पहला स्कॉयवाक

  •  पिछले 5 माह से काम पडा है बंद

  •  इंदौर की ऐक्युडीक पम्प इन्डस्ट्रीज ने रोका काम

  •  होटल एसो. ने दो बार जिलाधिकारी से की मुलाकात

चिखलदरा/प्रतिनिधि दि.६ – देश का पहला एवं एशिया का तीसरा स्कॉयवाक बनाने के लिये राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विदर्भ क्षेत्र की पर्यटन नगरी चिखलदरा को चुना था तथा इसे सिडको के माध्यम से धरातल पर प्रत्यक्ष उतारकर करीबन 37 करोड रुपए मंजूर करवाते हुए प्रत्यक्ष में इसका काम भी शुरु करवाया गया था. जिसके लिये इन्दौर की ऐक्युडीक पम्प इन्डस्ट्रीज को काम देकर पिछले करीब डेढ साल से इसका काम चल रहा था तथा आरसीसी का 90 प्रतिशत काम पूरा कर लिया गया. इस समय यहां बनाये गये टॉवर से केबल लटकाते हुए प्लेट फिट करना बाकी है. जो एक तरह से टेक्नीकल काम है और इसमें ज्यादा समय नहीं लगने वाला है. इसी के मद्देनजर कंपनी ने पालकमंत्री के साथ अमरावती में हुई आठवीं बैठक में पुरा काम मार्च-अप्रैल तक करने की जवाबदारी ली थी. मगर जो महत्वपूर्ण 10 प्रतिशत आर.सी.सी का काम बाकी है, उसके लिए जवाबदार है पुलिस वायरलेस सेंटर के कम्पाऊन्ड की जगह, जिसका उपयोग एक केबल लगाने के लिए किया जाना है. करीब 12 से 15 हजार स्केअर फुट जगह के लिए पिछले सालभर से सिडको एवं पुलिस वायरलेस सेंटर के बीच चल रहे विवाद के कारण 10 प्रतिशत आरसीसी का काम 2 प्रतिशत हुआ है तथा स्कॉय वाक का काम पिछले 5 माह से बंद पडा है और इस विवाद का कारण है सिर्फ 23 लाख रुपए.
जानकारी के मुताबिक पुलिस वायरलेस सेंटर अपने कम्पाउंड के अंदर की जाने वाली जगह के बदले सिडको से नया रेस्ट हाउस बनवाकर देने की मांग कर रहा है. वहीं सिडको ने 1 करोड 93 लाख रुपए रेस्ट हाऊस बनाने के सार्वजनिक बांधकाम विभाग के इस्टीमेंट के हिसाब से मंजूर कर दिये थे. मगर पुलिस वायरलेस सेंटर नये इस्टीमेंट के हिसाब से 2 करोड 16 लाख रुपए की मांग कर रहा है. जिस कारण पिछले 5 माह से स्कॉयवाक का काम बंद पडा है तथा इन्दौर की कंपनी ने अपनी मशीनरी वापस भेज दी है.

इस बाबत कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर राजेश मिश्रा से बात करने पर उन्होंने इस बात की पुष्टी की कि पिछले 5 माह से प्रत्यक्ष स्कॉयवाक का काम पुलिस वायरलेस सेंटर की एन.ओ.सी. नहीं मिलने के कारण बंद पडा हुआ है तथा हम सिर्फ स्कॉयवाक तैयार होने के बाद जो चिल्लर काम होते हैं, हम सिर्फ वहीं कर रहे है. हमारी कंपनी ने सितंबर 2019 से अब तक सिडको को 11 नोटीस देकर बार-बार होने वाली समस्या तथा दिक्कतों से अवगत करवाया है, लेकिन किसी भी पत्र पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. ऐसे में हमने वापस जाने की तैयारी कर ली और अब यह प्रोजेक्ट करीब एक साल पीछे हो गया है.
– राजेश मिश्रा, प्रोजेक्ट मैनेजर
ऐक्युडीक पम्प इन्डस्ट्रीज इंदौर

हमने इस समस्या को लेकर चिखलदरा हॉटेल ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्रीवर्धन करंडे, पूर्व नगराध्यक्ष के पति पंजाबराव नाईक, पूर्व उपाध्यक्ष भिक्कन भाई, हॉटेल व्यवसायी निलेश कुलकर्णी तथा तिलक मिश्रा के साथ मिलकर दो बार जिलाधिकारी नवाल से मुलाकात कर उन्हें समस्या से अवगत करवाया गया. मगर आज तक स्कायवॉक के काम को लेकर कोई रास्ता नहीं निकाला गया. इस वजह से यहां पर पर्यटन एवं व्यवसाय काफी हद तक प्रभावित हुआ है. जिसके चलते चिखलदरा परिसर के नागरिकों व व्यवसायियों में जनप्रतिनिधियों को लेकर जबर्दस्त असंतोष व्याप्त है.
मनोज शर्मा,
सचिव, चिखलदरा हॉटेल ओनर्स एसोसिएशन

 कहीं किसी षडयंत्र का शिकार तो नहीं हो रहा स्कायवॉक

पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के ड्रिम प्रोजेक्ट को नई सरकार कहीं किसी सोची-समझी रणनीति के तहत रोकने का प्रयास तो कही किया नहीं जा रहा है, ऐसी चर्चा जनता में तथा राजनीतिक स्तर पर सुनाई दे रही है. जानकारी के मुताबिक इस संदर्भ स्थानीक विधायक राजकुमार पटेल व्दारा 16 सितंबर 2020 को राज्यमंत्री बच्चू कडू को इस बाबत पत्र लिखकर समस्या से अवगत कराया था. जिसपर राज्यमंत्री बच्चू कडू ने नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखकर समस्या सुलझाने की गुजारिश की थी. साथ ही जिले की पालकमंत्री यशोमती ठाकुर ने भी मुख्य सचिव को पत्र लिखकर समस्या से अवगत करवाया था. लेकिन इन सबके बावजूद भी मामला जहां का वहीं अटका पडा है. ऐसे में अब धीरे-धीरे यह चर्चा जोर पकड रही है कि, शायद मौजूदा सरकार इस प्रोजेक्ट को लेकर पूरी तरह से उदासीन है.

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