कोर्ट ने स्वीकार की सुपुर्दनामे की अर्जी
मामला स्कार्पियो में पकडे गए साढे तीन करोड के नोटों का
-
कल से कोर्ट क्रमांक 5 में होगी सुनवाई
अमरावती/प्रतिनिधि दि.२९ – दो दिन पूर्व राजापेठ थाना पुलिस ने फरशी स्टॉप के पास दो स्कार्पिओ वाहन की जांच-पडताल करते हुए वाहन में छिपाकर रखे हुए साढे 3 करोड रूपयों की रकम बरामद की थी. यह रकम हवाला से संबंधित रहने का संदेह होने के चलते दोनों वाहनों में सवार 4 लोगों सहित पास ही स्थित विणा अपार्टमेंट से अन्य लोगों, ऐसे कुल 6 लोगों को हिरासत में लिया गया था. पश्चात गुजरात निवासी कमलेश शाह नामक व्यक्ति ने अपने चार्टर्ड अकाउंटंट तथा वकील के साथ राजापेठ थाने में पहुंचकर यह रकम अपनी होने का दावा किया और रकम से संबंधित दस्तावेज भी पेश करते हुए अपने लोगों को छोडने और रकम वापिस लौटाने की मांग की. किंतु इसी बीच राजापेठ थाना पुलिस द्वारा मामले की जांच हेतु अनुमति मिलने के लिए अदालत में अर्जी की गई थी. जिसके चलते अहमदाबाद निवासी व्यापारी की ओर से स्थानीय अधिवक्ता एड. मनोज उर्फ अमित मिश्रा ने साढे तीन करोड रूपये की रकम के साथ-साथ दो स्कार्पिओ वाहन एवं जप्त किये गये 8 मोबाईल वापिस मिलने हेतु सुपुर्दनामे की अर्जी लगायी. 837/2021 क्रमांक की इस अर्जी को अदालत प्रशासन द्वारा स्वीकार करने के साथ ही सुनवाई के लिए कोर्ट क्रमांक 5 प्रथम श्रेणी न्याय दंडाधिकारी को सौंपा गया है. जिसके चलते कल शुक्रवार 30 जुलाई को सुपुर्दनामे की अपील पर अदालत द्वारा सुनवाई की जायेगी.
इसके साथ ही अदालत ने पुलिस की उस अपील को भी स्वीकार किया है. जिसमें पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 41 (1)(ड) व मुंबई पुलिस एक्ट 124 के तहत की गई कार्रवाई को लेकर मामले की जांच करने के लिए अनुमति मांगी. न्यायालय ने पुलिस की अर्जी स्वीकार की. अदालत के मुताबिक पुलिस के पास इस मामले की जांच करने के पूरे अधिकार है.
-
कोई हवाला नहीं, एक नंबर का है पैसा
इस संदर्भ में दैनिक अमरावती मंडल के साथ विशेष तौर पर बातचीत करते हुए अहमदाबाद निवासी कमलेश शाह के वकील एड. मनोज उर्फ अमीत मिश्रा द्वारा बताया गया कि, पुलिस की गलत फहमी का शिकार हो गई है और इस मामले को बेवजह हवाला कारोबार से जोडा जा रहा है. हकीकत यह है कि, कमलेश शाह द्वारा अपनी कंपनी मे. मैकटेक के जरिये देश के 65 शहरों में कारोबार किया जाता है और कंपनी द्वारा लिक्वीडीटी व क्रॉप्स में डील किया जाता है, जो रकम पुलिस द्वारा बरामद की गई, वह एक दिन पहले ही बैंक से निकाली गई थी. ऐसे में उस रकम को किसी भी तरह से काला धन या हवाला मनी नहीं कहा जा सकता. उन्होंने यह भी कहा कि, रकम सहित वाहन एवं मोबाईल के सुपुर्दनामे के लिए किये गये आवेदन में उन्होंने सारी बातें स्पष्ट की है. जिस पर वे अदालत के सामने अपना पक्ष भी रखेंगे. एड. मिश्रा के मुताबिक इस पूरे वाकये को लेकर हकीकत में कोई अपराधिक मामला ही नहीं बनता है. क्योंकि यह विशुध्द तौर पर व्यापार से जुडा मामला है और व्यापार करना कोई अपराध नहीं है.