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गैस शवदाहिनी की तोडफोड करनेवालों पर अपराध दर्ज

  •  कल भाजपा व मनसे पदाधिकारियों ने श्मशान में की थी तोडफोड

  •  40 से 42 लोगों के खिलाफ राजापेठ थाने में दर्ज हुआ मामला

अमरावती/प्रतिनिधि दि.29 – स्थानीय हिंदू मोक्षधाम में स्थापित की जानेवाली नई गैस शवदाहिनी का विगत कुछ दिनों से परिसरवासियों द्वारा विरोध किया जा रहा था और गत रोज नई गैस शवदाहिनी की मशीन श्मशान भूमि में पहुंचते ही यह विरोध उस वक्त हिंसक मोड पर जा पहुंचा. जब मौके पर मौजूद कुछ राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों ने भीड को उकसाने का काम किया. जिसके बाद राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों सहित भीड में मौजूद उनके कई समर्थकों ने नई गैस शवदाहिनी के साथ तोडफोड करते हुए उसे जमीन पर पलटा दिया. साथ ही मशीन के स्पेअर पार्ट को उठाकर पास में ही रहनेवाले नाले में फेंक दिया गया. इसकी जानकारी मिलते ही पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर हालात पर काबू पाया और करीब 40 से 42 लोगों के खिलाफ विभिन्न अधिनियमोें की धाराओं के तहत गंभीर किस्म के अपराधिक मामले दर्ज किये.
बता दें कि, हिंदू श्मशान भूमि संस्था द्वारा संचालित हिंदू मोक्षधाम में विगत एक वर्ष से कोविड संक्रमण के चलते मरनेवाले अधिकांश शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है, जिसके लिए यहां पर पहले से स्थापित दो गैस शवदाहिनियों में स्वतंत्र व्यवस्था की गई. किंतु विगत कुछ माह के दौरान कोरोना मृतकों की संख्या बढ जाने की वजह से गैस शवदाहिनी की क्षमता कम पडने लगी और कई कोविड मृतकों का अंतिम संस्कार परंपरागत रूप से लकडियों की चिताओं पर करना पड रहा था. जिसकी वजह से यहां पर अंतिम संस्कार हेतु जगह और साधन कम पडने लगे थे. इस बात के मद्देनजर हिंदू मोक्षधाम के अध्यक्ष एड. आर. बी. अटल की अपील पर पूर्व जिला पालकमंत्री प्रवीण पोटे पाटील ने अपने खर्च से मोक्षधाम हेतु 30 लाख रूपये की लागतवाली नई गैस शवदाहिनी उपलब्ध करायी, ताकि मोक्षधाम में सुचारू रूप से अंतिम संस्कार का काम चलता रहे. किंतु मोक्षधाम में नई गैस शवदाहिनी लगने की खबर सामने आते ही परिसरवासियों द्वारा इसका विरोध किया जाने लगा और दो दिन पूर्व मोक्षधाम के समक्ष धरना प्रदर्शन किया गया. वहीं गत रोज जैसे ही हिंदू मोक्षधाम में गैस शवदाहिनी की नई मशीन का आगमन हुआ, वैसे ही भाजपा और मनसे के कई पदाधिकारी अपने समर्थकों के साथ मोक्षधाम पहुंचे और उन्होंने मोक्षधाम परिसर में रखी नई गैस शवदाहिनी के साथ तोडफोड करनी शुरू कर दी. इस मामले से अवगत होते ही जिलाधीश शैलेश नवाल ने तुरंत ही शहर पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह से संपर्क करते हुए इस मामले में कडी कार्रवाई करने के निर्देश जारी किये और सीपी डॉ. आरती सिंह ने तुरंत ही डिसीपी शशिकांत सातव सहित राजापेठ पुलिस स्टेशन के थानेदार मनीष ठाकरे को दल-बल सहित मौके पर रवाना किया. जहां पर पुलिस ने संतप्त भीड को नियंत्रित किया.

  • नेताओं ने जिम्मेदारी से झाडा पल्ला

पुलिस के आने से पहले नई गैस शवदाहिनी की तोडफोड करने में सबसे आगे रहनेवाले ‘नेतानुमा’ लोगों ने पुलिस के आते ही पूरा मामला परिसरवासियों पर ढकेल दिया और खुद की जिम्मेदारी से यह कहते हुए पल्ला झाड लिया कि, उन्होंने कुछ नहीं किया. जिसके बाद परिसरवासियों ने नेतागिरी करनेवाले लोगों को जमकर आडे हाथ लेते हुए कहा कि, इन्हीं लोगों ने परिसरवासियों को भडकाने का काम किया और खुद ही अपने समर्थकोें के साथ मिलकर नई गैस शवदाहिनी की तोडफोड की. हिंदू श्मशान भूमि संस्था में यह हंगामा सुबह 9 बजे से दोपहर करीब 4 बजे तक चल रहा था. पश्चात आंदोलन की अगुआई कर रहे लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज करने की कार्रवाई शुरू की गई.

  • इन लोगोें के खिलाफ दर्ज किया गया अपराध

इस मामले में राजापेठ थाना पुलिस द्वारा भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता शिवराय कुलकर्णी, पार्षद अजय सारस्कर, प्रणित सोनी, लवीना हर्षे व स्वाती कुलकर्णी, पदाधिकारी जीतू कुरवाने व चंद्रशेखर कुलकर्णी, मनसे नेता पप्पू पाटील, शहराध्यक्ष संतोष बद्रे, पदाधिकारी धीरज तायडे, सचिन बावनेर, पवन लेंडे, अमर महाजन, नितेश शर्मा, हर्षल ठाकरे, मनसे महिला जिलाध्यक्ष वृंदा मुक्तेवार, शहराध्यक्ष रीना जुनघरे, पदाधिकारी प्रीती साहू व संगीता मडावी, स्थानीय परिसर निवासी किरण कडूकर, महेंद्र वारे, किरण लावरे, अक्षय तराले, संध्या बागोकर, समाप्ती लोडम, सुनिता तिवारी, रूपाली वारे, कीर्ति कोठार, प्रिया क्षीरसागर, उर्मिला बाकडे तथा अन्य करीब 10 से 12 लोगों के खिलाफ भादंवि की धारा 143 व 188, मुंबई पुलिस अधिनियम की धारा 135, सार्वजनिक संपत्ति विद्रुपीकरण अधिनियम की धारा 3 व 4, आपत्ति व्यवस्थापन अधिनियम की धारा 51 (ब) तथा महामारी प्रतिबंधक अधिनियम की धारा 2, 3 व 4 के तहत अपराधिक मामला दर्ज किया गया है.

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