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चिखलदरा नप की लापरवाही से करोडों की इमारत हुई कबाड

आम जनता सहित सैलानियों को करना पड रहा अव्यवस्था का सामना

* खुद पालिका प्रशासन को हो रहा बडे पैमाने पर आर्थिक नुकसान
चिखलदरा/दि.9 – विदर्भ के एकमात्र हिल स्टेशन चिखलदरा में प्रतिवर्ष लाखों की तादाद में पर्यटक आते है. ऐेसे में यहां पर पर्यटकों की सुविधा के लिए हर तरह की व्यवस्था करना नगरपालिका की जिम्मेदारी है. जिसके लिए नगरपालिका द्बारा पर्यटकों से पर्यटन कर के तौर पर प्रतिवर्ष लाखो रुपए जमा किए जाते है. लेकिन इसकी एवज में चिखलदरा नगर परिषद द्बारा पर्यटकों को समूचित सुविधाएं व व्यवस्थाएं नहीं दी जाती है. यह अपने आप में एक दु:खद सच है. जिसका जीता-जागता उदाहरण चिखलदरा में करोडों रुपए की लागत से बनाई गई पर्यटन केंद्र की इमारत को कहा जा सकता है. जो आवश्यक देखभाल व रखरखाव के अभाव में बडी तेजी के साथ कबाड में तब्दील होती जा रही है. ऐसे में इस इमारत से खुद नगरपालिका को भी किसी भी तरह की कोई आय नहीं हो रही. जिसके चलते पालिका प्रशासन को भी एक तरह से नुकसान उठाना पड रहा है.
बता दें कि, चिखलदरा में आने वाले पर्यटकों के लिए यहां पर करोडों रुपए की लागत से नगरपालिका द्बारा पर्यटन संकुल बनाया गया था. जिसमें डॉरमेट्री हॉल के साथ ही टाउनहॉल भी बनाए गए थे. साथ ही यहां पर पर्यटकों एवं नागरिकों के लिए स्वच्छता गृह व शौचालय का भी निर्माण किया गया. लेकिन आज यह पर्यटन संकुल लगभग कबाड वाली अवस्था में पहुंच चुका है और इस पूरी इमारत की ओर ध्यान देने की बजाय पालिका प्रशासन द्बारा रखरखाव के नाम पर केवल नाली, शौचालय व पेविंग ब्लॉक के ही काम किए जा रहे है. जिसका हकीकत में पालिका प्रशासन को कोई फायदा नहीं हो रहा. बल्कि रखरखाव पर होने वाले खर्च की वजह से नुकसान ही हो रहा है. साथ ही इस इमारत से मिलने वाली लाखों रुपए की सालाना आय से भी पालिका प्रशासन को हाथ धोना पड रहा है.
उल्लेखनीय है कि, प्रतिवर्ष पर्यटन नगरी चिखलदरा में कई शालाओं की शैक्षणिक सहल आती है. जिसें अच्छी खासी संख्या में शालेय बच्चों का समावेश रहता है. परंतु पूरे चिखलदरा में शालेय सहल के तहत आने वाले बच्चों के लिए एक साथ रहने हेतु कोई जगह उपलब्ध नहीं है. इसी तरह चिखलदरा में कई सरकारी कार्यालयों व शालाओं के लिए भी जगह उपलब्ध नहीं है. ऐसे में यदि इस इमारत को पूरी तरह से दुरुस्त किया जाता है, या इसे नये सिरे से बनाया जाता है, तो इस इमारत के जरिए चिखलदरा नगरपालिका प्रतिवर्ष लाखों रुपए की आय अर्जित कर सकती है. लेकिन इसके बावजूद नगरपालिका प्रशासक द्बारा इस ओर ध्यान देने की बजाय केवल औपचारिकता निभाते हुए अपने ड्यूटी करते दिखाई दे रहे है. जिसकी वजह से चिखलदरा के आम नागरिकों के साथ-साथ यहां पर घूमने-फिरने हेतु आने वाले पर्यटकों को काफी समस्याओं व दिक्कतों का सामना करना पड रहा है.

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