दादी ने अपने मायके की गरीबी दूर करने रचा था षडयंत्र
नयन लुणिया मामले में सीपी ने ली प्रेस कॉन्फ्रेंस
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अपने मायके में हमेशा चोरी छिपे भेजती थी पैसे
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पुरानी सहेली हिना के साथ मिलकर दिया वारदात को अंजाम
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सात दिन से अपहरणकर्ता अमरावती आकर रूके हुए थे
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शातिर बच्चा लिफ्टर ईसार टकल्या को किया गया था हायर
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वारदात में दादी कुल सात लोग थे शामिल
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दादी सहित छह आरोपी गिरफ्तार
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सातवें आरोपी ईसार टकल्या की सरगर्मी से तलाश जारी
अमरावती/ प्रतिनिधि दि. 20 – अंततः चार वर्षीय नयन मुकेश लुणिया अपहरण मामले का पूरी तरह से पटापेक्ष हो गया, जब अमरावती शहर पुलिस का दल शनिवार तड़के अहमदनगर से नयन सहित उसके अपहरण में शामिल पांच लोगों को लेकर अमरावती पहुंची. साथ ही अमरावती में पुलिस द्वारा नयन की सौतेली दादी विमला उर्फ मोनिका लुणिया को पहले ही पूछताछ के लिए हिरासत में लिया जा चुका था. इन सभी लोगों को अब अधिकारिक रूप से गिरफ्तार किया गया है. साथ ही सभी आरोपियों को अदालत में पेश करने की तैयारी की जा रही है.
इस पूरे मामले की सिलसिलेवार जानकारी देने हेतु शहर पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह ने शनिवार की दोपहर अपने कक्ष में एक पत्रवार्ता को संबोधित किया, जिसमें बताया गया कि नयन लुणिया की गादी विमला उर्फ मोनिका उर्फ प्रिया उर्फ मुन्नी जसवंतराय लुणिया मूलतः अहमदनगर की निवासी है, जिससे नयन के दादाजी ने अपनी पहली पत्नी की मृत्यु पश्चात दूसरा विवाह किया था. पहली पत्नी से जसवंतराय को दो बेटे हैं, वहीं विमला से उनकी कोई संतान नहीं है. इस लिहाज से विमला लुणिया रिश्ते में नयन लुणिया की सौतेली दादी है. विमला के माता-पिता की बचपन में ही मौत बो गई थी तथा उसका परिवार काफी आर्थिक दिक्कतों से जूझ रहा था. ऐसे में अमरावती के सम्पन्न घराने में विवाह होने के बाद विमला लुणिया यहां से चोरी छिपे अपने मायके में पैसे भिजवाया करती थी, ताकि मायके की गरीबी दूर हो सके. वहीं अहमदनगर की कोटला बस्ती निवासी हिना शाकिर उर्फ सपना अनिकेत देशपांडे से विमला लुणिया की पुरानी जान-पहचान थी और हिना का अमरावती में विमला के यहां काफी आना-जाना था. ऐसे में विमला ने हिना के साथ मिलकर अपने सौतेले पोते नयन के अपहरण का प्लान बनाया, ताकि इस जरिये अपने ही परिवार से फिरौती के रूप में भारी भरकम रकम ऐंठी जा सके. इसके लिए हिना ने चाईल्ड लिफ्टर के रूप में कुख्यात ईसार उर्फ टकलू के साथ मिलकर इस अपहरण की योजना बनाई, जिसके बाद हिना और अल्तमश ताहिर उर्फ बंबईया ने शारदा नगर में मोटर साईकिल से पहुंचकर अपहरण की वारदात को अंजाम दिया. साथ ही मुसाहिब नासिर शेख और आसिफ युसुफ शेख इस वारदात के बाद बच्चे को ऑटो में लेकर भागे.
साथ ही इस वारदात में फिरोज रशीद शेख नामक एक अन्य आरोपी भी शामिल था. अपहरण की वारदात को अंजाम देने के बाद ये सभी आरोपी इतवारा बाजार परिसर स्थित एक लॉज से होते हुए पंचवटी चौक से आगे वेलकम पॉईंट पहुंचे, जहां पर उनका निजी वाहन पहले से तैयार था और इसी निजी वाहन के जरिये ये सभी लोग बुधवार की रात ही अहमदनगर के लिए रवाना हो गये. पता चला है कि ये सभी आरोपी वारदात से करीब सात दिन पहले ही अमरावती आकर रूके हुए थे और इस दौरान जहां एक ओर हिना व विमला लगातार एक दूसरे के सम्पर्क में थे, वहीं बाकी लोग लुणिया परिवार के निवास परिसर की रेकी करते हुए अपहरण की योजना बना रहे थे. जिसके बाद बुधवार 17 फरवरी की रात विमला अपने साथ नयन को लेकर पार्क में घूमने के बहाने घर से बाहर निकली और ठीक इसी समय अल्तमश व हिना ने नयन का अपहरण कर लिया था.
पत्रवार्ता में बताया गया कि यह अपने आप में पूरी तरह से एक ब्लाईंड केस था, लेकिन पुलिस ने पूरी सावधानी के साथ मामले की जांच पड़ताल शुरू की और परिसर के सभी सीसीटीवी फुटेज खंगाले गये. पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह के मार्गदर्शन में डीसीपी शशिकांत सातव ने पूरा समय मामले को राजापेठ थाने में बैठकर मॉनिटर किया, जिसके चलते राजापेठ थाना पुलिस सहित क्राईम ब्रांच व साईबर पुलिस की टीम इस मामले की जांच में जुटी रही. मामले की कडियां अहमदनगर से जुड़ते ही तत्काल इसकी सूचना अ.नगर के एसपी मनोज पाटील को दी गई और अमरावती पुलिस के अहमदनगर पहुंचने से पहले ही वहां के एसपी पाटील की टीम ने तुरंत एक्शन में आते हुए पांच आरोपियों को हिरासत में ले लिया था. साथ ही नयन को भी सुरक्षित बचा लिया था. पश्चात अमरावती शहर पुलिस की टीम इन सभी को लेकर वापिस अमरावती के लिए रवाना हुई, जो शनिवार तड़के वापिस अमरावती पहुंची.
खुशकिस्मत रहा नयन लुणिया
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि इससे पहले वर्ष 2010 में कुश कटारिया तथा 2015 में युग चांडक नामक दो बच्चों का अपहरण हुआ था, जिनकी अपहरणकर्ताओं द्वारा हत्या कर दी गई थी. ऐसे में नयन लुणिया मामले में पुलिस द्वारा बच्चे की सकुशल बरामदगी हेतु बेहद सावधानीपूर्वक कदम उठाये जा रहे थे और इस मामले में नयन लुणिया वाकई सौभाग्यशाली रहा, जिसे अमरावती से सैकड़ों किमी दूर स्थित अहमदनगर से सुरक्षित बचाकर वापिस लाया गया.
पुलिस टीम को 50-50 हजार का रिवार्ड
इस पत्रवार्ता में शहर पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह ने नयन को सुरक्षित बचाने हेतु चलाये गये अभियान का घटक रहे सभी पुलिसवालों को 50-50 हजार रूपये का रिवार्ड देने की घोषणा की.यह रिवार्ड अमरावती शहर पुलिस सहित अहमदनगर पुलिस को भी दिया जायेगा. इस अभियान में डीसीपी शशिकांत सातव, राजापेठ थाने के पीआई मनीष ठाकरे, क्राईम ब्रांच के पीआई रविंद्र सहारे राजापेठ अपराध शाखा के पीआई कैलाश पुंडकर, शहर यातायात शाखा के किशोर सूर्यवंशी, पीआई किशोर शेलके, एपीआई प्रशाली काले, योगेश इंगले, पीएसआई कृष्णा मापारी, हेड कांस्टेबल अशोक वाटाणे, राजेश पाटील, नायक पुलिस कांस्टेबल किशोर महाजन, पुलिस कांस्टेबल अतुल संभे, विजय राउत, दानीश शेख, राहुल ढेंगेकार, अमोल खंडेझोड, विनय मोहोड, निलेश गुल्हाने, छोटेलाल यादव, दिनेश भिसे, सागर सरदार, नरेश मोहरील, पवन घोम, महिला पुलिस अमलदार संगीता फुसे, मिरा उईके एवं उनकी टीम का समावेश रहा, जिन्हें अहमदनगर के एसपी मनोज पाटील व क्राईम ब्रांच पीआई अनिल किटके की टीम का भरपूर सहयोग मिला.
सातवें आरोपी ईसार टकलू की चल रही तलाश
वहीं इस मामले में पुलिस को अब भी ईसार टकलू नामक सातवें आरोपी की तलाश है, जिसे कुख्यात चाईल्ड लिफ्टर यानि बच्चा चोर माना जाता है. जानकारी के मुताबिक ईसार टकलू पर फिरोती और डकैती के करीब 19 मामले दर्ज हैं और वह वर्ष 2018 से ही कई मामलों में वांछित है. फिलहाल अमरावती व अहमदनगर पुलिस द्वारा ईसार टकलू को युद्धस्तर पर खोजा जा रहा है.
सभी छह आरोपियों का 28 फरवरी तक पीसीआर
वहीं समाचार लिखे जाने तक मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गये सभी आरोपियों के खिलाफ दफा 363, 364 (अ), 120 (ब) व 34 के तहत अपराध दर्ज करते हुए उन्हें 11 वें प्रथम श्रेणी न्यायदंडाधिकारी एम. डी. बिरहारी की अदालत के सामने पेश किया गया. जहां से अदालत ने सभी आरोपियों को 28 फरवरी तक पुलिस कस्टडी रिमांड में रखने का आदेश जारी किया है.