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दहीहांडी को खेल का दर्जा नहीं!

तकनीकी दिक्कतों के चलते सीएम शिंदे का आश्वासन प्रलंबित

मुंबई/दि.22 – दहीहांडी को खेल का दर्जा दिए जाने की घोषणा राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्बारा गत वर्ष की गई थी. परंतु नियमों एवं कुछ तकनीकी कारणों के चलते ऐसा करना असंभव रहने की वजह से प्रशासन ने दहीहांडी को खेल का दर्जा दिए जाने का विरोध किया है.
उल्लेखनीय है कि, दहीहांडी का प्रचार-प्रसार होकर उसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक लोकप्रिय किया जाए, इस हेतु उसे खेल का दर्जा दिए जाने की मांग लंबे समय से की जा रही है. जिसके चलते मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गत वर्ष 18 अगस्त 2022 को इस बारे में घोषणा की थी. किंतु किसी भी क्रीडा प्रकार को खेल का दर्जा दिए जाने हेतु कई प्रकार के नामक व नियम होते है. जिसके तहत उस खेल को पूरे साल भर खेला जाना और उस खेल को खेलने वालों की जिला राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर संगठन रहना आवश्यक होता है. साथ ही संगठन द्बारा खेल के नियमों का पालन करना और संबंधित खेल का स्पर्धाओं का नियंत्रण करना अपेक्षित होता है. परंतु दहीहांडी का खेल पूरे साल भर और पूरे देश में नहीं खेला जाता. साथ ही स्पर्धा व अन्य बातों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर संगठन व फेडरेशन भी अस्तित्व में नहीं है. इसके अलावा किसी भी खेल को खेलने वाले खिलाडियों को कक्षा 10 वीं व 12 वीं की परीक्षा एवं महाविद्यालयीन परीक्षा के लिए खिलाडी के तौर पर सहुलियत मिलती है. साथ ही खिलाडियों के लिए सरकारी नौकरी में भी कोटा रहता है. ऐसे में दहीहांडी के खेल में किसी युवा का खिलाडी के तौर पर नैपुण्य व कौशल्य है, यह किस आधार पर तय किया जाए, ऐसा सवाल उच्च पदस्थ अधिकारियों द्बारा उठाते हुए दहीहांडी को खेल का दर्जा दिए जाने का विरोध किया जा रहा है.

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