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बहू ने पति सहित 6 ससूरालियों को मार डाला

योजना को अंजाम देने में लगे 22 दिन

* ममेरी सास के साथ मिलकर षडयंत्र को दिया अंजाम
* धातू मिश्रीत जहर देकर एक-एक को उतारा मौत के घाट
* पिता की आत्महत्या का बदला लेने व ससुराल की संपत्ति हडपने उठाया कदम
गडचिरोली /दि.19– जिले के महागांव बु. में 22 दिन के दौरान एक ही परिवार के 6 लोगों की एक-एक कर तबीयत बिगडते हुए मौत हो जाने की घटना के चलते पूरे गडचिरोली जिले में हडकंप व्याप्त हो गया था. पश्चात इस मामले में पुलिस द्बारा की गई जांच के जरिए जो हकीकत उजागर होकर सामने आयी है. उसने हरएक व्यक्ति के होश उडा दिए है. जब यह पता चला कि, अपने द्बारा किए गए प्रेम विवाह के चलते अपने पिता द्बारा आत्महत्या कर लिए जाने का ससुराल वालों से बदला लेने तथा ससुराल की संपत्ति के हिस्सेदारों को खत्म करने के लिए एक विवाहिता ने अपनी ममेरी सास के साथ मिलकर अपने पति व सास-ससुर सहित ससुराल पक्ष के कुल 6 लोगों को धातू मिश्रीत जहर खिलाते हुए जान से मार डाला. अपनी इस योजना को अंजाम देने के लिए दोनों आरोपी महिलाओं ने बडे सुनियोजित ढंग से और शांत दिमाग से काम करते हुए पानी में घुल जाने वाले तथा रंग, गंध व स्वाद नहीं रहने वाले जहर को भोजन व पानी में मिलाकर सभी 6 लोगों को दे दिया था. जिससे उनकी मौत हो गई. इस जानकारी के सामने आते ही पुलिस ने दोनों आरोपी महिलाओं को गिरफ्तार किया. जिनमें मृतकों के परिवार की बहू संघमित्रा कुंभारे व उसकी ममेरी सास रोजा रामटेके का समावेश है. वहीं इन दोनों महिलाओं द्बारा खाने व पीने की वस्तुओं में मिलाकर दिए गए जहर की वजह से मौत का शिकार होने वाले लोगों में महागांव निवासी फर्निचर व्यवसायी शंकर तिरुजी कुंभारे (55), उनकी पत्नी विजया कुंभारे, बेटे रोशन कुंभारे (29), विवाहित बेटी कोमल विनोद दहागांवकर (31), विजया कुंभारे की बहन आनंदा उराडे तथा कुंभारे परिवार के सदस्यों को तबियत बिगड जाने के बाद अस्पताल ले जाने वाले निजी वाहन चालक राकेश मडावी का समावेश है.
जानकारी के मुताबिक संघमित्रा नामक युवती ने कुंभारे परिवार के बेटे रोशन कुंभारे से प्रेम विवाह किया था. जिससे आहत होकर संघमित्रा के पिता ने आत्महत्या कर ली थी. इस बात को लेकर संघमित्रा अपने ससुरालियों से गुस्सा थी. साथ ही संघमित्रा की नजर अपने ससुरालियों की संपत्ति पर भी थी. ऐसे में ससुराल पक्ष के सभी लोगों को अपने रास्ते से हटाकर उनकी संपत्ति हडपने और उनसे बदला लेने की संघमित्रा ने योजना बनाई. जिसमें उसने अपनी ममेरी सास रोजा रामटेके को भी शामिल किया. क्योंकि रोजा रामटेके की नजर भी कुंभारे परिवार की संपत्ति पर थी. ऐसे में दोनों ने योजना बनाने के बाद 2 माह पहले ऑनलाइन तरीके से धतुरे का जहर मंगाया था. परंतु उसे पानी में मिलाने पर पानी का रंग बदल गया, तो उन्होंने उस वक्त अपनी योजना को टाल दिया. इसके बाद रोजा रामटेके ने इंटरनेट पर अलग-अलग जहर की जानकारी हासिल करते हुए तेलंगना जाकर धातू मिश्रीत जहर खरीदकर लाया. जो रंगहीन, स्वादहिन व गंधहिन रहता है. साथ ही पानी में घुल जाता है. इसके बाद दोनों ने मौका देखकर तीन लोगों को भोजन के जरिए, दो लोगों को पानी के जरिए तथा एक को दाल के जरिए अलग-अलग समय पर मौका देखकर उक्त जहर खाने हेतु दे दिया. जिसकी वजह से धीरे-धीरे एक-एक कर हर एक व्यक्ति की तबीयत बिगडनी शुरु हो गई और 22 दिनों के दौरान सभी 6 लोगों ने दम तोड दिया.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक सबसे पहले विगत 22 सितंबर की रात विजया कुंभारे की तबीयत बिगडी. ऐसे में शंकर कुंभारे ने अपनी पत्नी को आलापल्ली के अस्पताल में भर्ती कराया. लेकिन वहां पहुंचते-पहुंचते शंकर कुंभारे की तबीयत भी बिगडने लगी, तो गांव में रहने वाले राकेश मडावी नामक निजी वाहन चालक ने दोनों को चंद्रपुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया और वहां पर भी स्थिति में कोई सुधार नहीं होने पर राकेश उन दोनों को इलाज हेतु नागपुर लेकर पहुंचा. लेकिन 26 सितंबर को शंकर कुंभारे व अगले दिन 27 सितंबर को विजया कुंभारे की मौत हो गई. कुंभारे दम्पति के अंतिम संस्कार हेतु उनका बडा बेटा सागर कुंभारे विवाहित बेटी कोमल दहागांवकर व विजया कुंभारे की बहन आनंदा उराडे महागांव आए हुए थे और इन तीनों की भी तबीयत अचानक बिगडने लगी. साथ ही कुंभारे दम्पति के छोटे बेटे रोशन कुंभारे व वाहन चालक राकेश मडावी को भी अचानक ही अस्वस्थ महसूस होने लगा. जिसके बाद सभी को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया. परंतु 8 अक्तूबर को कोमल दहागांवकर, 14 अक्तूबर को आनंदा उराडे, 15 अक्तूबर को रोशन कुंभारे व 18 अक्तूबर को वाहन चालक राकेश मडावी की भी मौत हो गई. इस तरह से महज 2 दिनों के दौरान एक-एक कर कुंभारे परिवार के 5 सदस्यों व उनके वाहन चालक ऐसे कुल 6 लोगों ने दम तोड दिया. एक ही घर से वास्ता रखने वाले 6 लोगों की एक के बाद एक हुई मौतों तथा हर दूसरे-तीसरे दिन उसी घर से निकलने वाली अंतिम यात्राओं को देखकर महागांव बु. सहित पूरे गडचिरोली जिले में सनसनी व्याप्त हो गई तथा इसे बेहद संदेहास्पद मामले के तौर पर देखा जाने लगा. जिसके चलते गडचिरोली पुलिस ने मामले की जांच करनी शुरु की.
पुलिस द्बारा की गई जांच के दौरान मृतकों का पोस्टमार्टम कराने के साथ ही उनके विसरा को प्रयोगशाला में भिजवाया गया. साथ ही मृतकों में जो लक्षण दिखाई दे रहे थे. उस तरह का कोई लक्षण घर में उनके साथ रहने वाली संघमित्रा कुंभारे व रोजा रामटेके में दिखाई नहीं दे रहा था, बल्कि वे दोनों महिलाएं पूरी तरह से स्वस्थ व तंदुरुस्त थी. साथ ही उनके चेहरे पर परिवार में हुई 6 मौतों का कोई विशेष दुख भी दिखाई नहीं दे रहा था. जिसके चलते पुलिस को उन दोनों पर संदेह हुआ, तो पुलिस ने उन्हें अपने कब्जे में लेकर उनसे कडी पूछताछ करनी शुरु की. जिसके बाद इस पूरे सनसनीखेज मामले का खुलासा हुआ. पश्चात पुलिस ने दोनों आरोपी महिलाओं को 6 लोगों की हत्या के मामले में नामजद करते हुए गिरफ्तार कर लिया.

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