बंद नहीं हुआ दयासागर का कोविड हॉस्पिटल
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मरीजों की सेवा सुश्रृषा लगातार जारी है
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कुछ बेसिरपैर की खबरों से आहत था अस्पताल प्रबंधन
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प्रशासन के निवेदन का किया सम्मान, काम पुन: शुरू
अमरावती/प्रतिनिधि दि.१७ – स्थानीय कैम्प परिसर स्थित दयासागर अस्पताल हमेशा से ही अपने सेवाभाव के लिए विख्यात रहा है. साथ ही इस अस्पताल के प्रबंधन द्वारा जिला प्रशासन के निवेदन पर अपने यहां ४० बेड का कोविड अस्पताल शुरू किया था. जहां पर लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों को भरती करते हुए उनका इलाज किया जा रहा है. qकतु विगत दो-तीन दिनों से कुछ लोगों द्वारा जानबूझकर दयासागर अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों से ज्यादा पैसे लिये जाने को लेकर खबरें फैलाने शुरू की गई और स्थानीय मीडिया से जुडे कुछ लोगों द्वारा भी ऐसी खबरों को हवा दी गई. जिसकी वजह से गत रोज दयासागर अस्पताल प्रबंधन ने नाराज एवं मायूस होकर अपने यहां कोविड केयर सेंटर बंद करने का निर्णय ले लिया था. qकतु बाद में जिलाधीश शैलेश नवाल खुद दयासागर अस्पताल पहुंचे और उन्होंने अस्पताल प्रबंधन के साथ बातचीत करते हुए इस कोविड केयर सेंटर को शुरू रखने का निवेदन किया. जिसका सम्मान करते हुए दयासागर अस्पताल की संचालिका सिस्टर लीजी ने दयासागर में कोविड केयर सेंटर शुरू रखने पर हामी भरी. उल्लेखनीय है कि, दयासागर अस्पताल एक धर्मार्थ चिकित्सा संस्था है.
जिसका उद्देश्य पैसा कमाना कभी भी नहीं रहा. इस अस्पताल में अमरावती शहर सहित जिले के विभिन्न हिस्सों से गरीब एवं मध्यम तबके के लोगबाग विभिन्न बीमारियों का इलाज करने हेतु आते है और यहां पर बेहद नाममात्र शुल्क में सभी लोगों का इलाज किया जाता है. अमरावती में कोरोना संक्रमण की स्थिति विकराल होते ही स्थानीय जिलाधीश शैलेश नवाल व निगमायुक्त प्रशांत रोडे द्वारा शहर के बीचोंबीच स्थित दयासागर अस्पताल में कोविड केयर सेंटर शुरू करने हेतु अस्पताल प्रबंधन से चर्चा की गई थी और जिला प्रशासन से तमाम आवश्यक सहयोग दिये जाने का आश्वासन मिलने पर दयासागर अस्पताल के प्रबंधन ने इस काम हेतु अपनी हामी भरी थी. साथ ही यहां पर ४० बेड की क्षमतावाला कोविड केयर अस्पताल शुरू हुआ. जहां से अब तक कई मरीज ठीक होकर अपने घर भी जा चुके है.
किंतु सबकुछ बराबर चलते रहने के दौरान कुछ लोगों के पेट में ना जाने किस बात की मरोड उठी और खबर फैलायी जाने लगी कि, दयासागर अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों की आर्थिक लूट की जा रही है. जबकि हकीकत यह है कि, दयासागर अस्पताल का उद्देश्य कभी भी पैसा कमाना नहीं रहा. लेकिन इसके बावजूद भी बिना तथ्यों की जांच पडताल किये कुछ समाचार पत्रों में दयासागर अस्पताल के खिलाफ खबरें भी प्रकाशित हो गयी. जिसकी वजह से हमेशा ही पूरे सेवाभाव के साथ मरीजों का इलाज करने को प्राथमिकता देनेवाला दयासागर अस्पताल का प्रबंधन काफी व्यथित हो गया तथा अस्पताल प्रबंधन ने गत रोज अपने यहां कोविड केयर सेंटर बंद करने का निर्णय ले लिया. इसके साथ ही अस्पताल के मुख्य प्रवेश द्वार पर इस आशय की सूचना भी लगा दी गई. यह जानकारी पता चलते ही जिलाधीश शैलेश नवाल तुरंत ही अपने कुछ मातहत अधिकारियों के साथ दयासागर अस्पताल पहुंचे और उन्होंने अस्पताल की संचालिका सिस्टर लीजी सहित अस्पताल प्रबंधन से जुडे लोगोें व डॉक्टरों से चर्चा की. इस समय जिलाधीश शैलेश नवाल ने दयासागर अस्पताल के कामकाज की प्रशंसा करते हुए कहा कि, प्रशासन को दयासागर अस्पताल के कामकाज से कोई दिक्कत या शिकायत नहीं है. अत: दयासागर अस्पताल प्रबंधन बेसिरपैर की बातोें पर ध्यान देने की बजाय पहले की तरह अपना कामकाज जारी रखे. साथ ही जिलाधीश शैलेश नवाल ने जब सिस्टर लीजी से यह कहा कि, वे यह निवेदन अमरावती के कलेक्टर के तौर पर नहीं, बल्कि एक आम नागरिक की हैसियत से कर रहे है, तो इस अस्पताल का संचालन करनेवाली ७० वर्षीय सिस्टर लीजी द्रवित हो उठी और उन्होंने दयासागर अस्पताल में कोविड केयर सेंटर को शुरू रखने पर हामी भरी.
हमारे लिये एक-एक बेड महत्वपूर्ण, किसी कोविड सेंटर को बंद नहीं होने देंगे
इस संदर्भ में जानकारी हेतु संपर्क किये जाने पर मनपा आयुक्त प्रशांत रोडे ने कहा कि, मनपा प्रशासन का प्रमुख अधिकारी होने के नाते वे पीछले छह-सात माह से इस बीमारी के संक्रमण को नियंत्रित करने और खत्म करने हेतु काम कर रहे है और शहर में जिस तरह से कोरोना का संक्रमण फैल रहा है, उसे बेहद नजदिक से देख रहे है. साथ ही उन्हें इस बात का बखूबी अंदाजा है कि, इस समय सर्वथा विपरित हालात में डॉक्टर एवं मेडिकल स्टाफ से जुडे लोग किन विषम परिस्थितियों से जूझते हुए काम कर रहे है. प्रशासन द्वारा कोशीश की जा रही है कि, अधिक से अधिक अस्पताल व डॉक्टर तथा सामाजिक संस्थाएं कोविड केयर सेंटर खोलने हेतु आगे आये, ताकि कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए बेड की कमी का सामना न करना पडे. ऐसी स्थिति में दयासागर अस्पताल जैसे सुसज्जित व सर्व सुविधायुक्त हॉस्पिटल को अपने अभियान से अलग करना किसी भी हाल में संभव नहीं है, ्नयोंकि हमारे लिये इस वक्त कोरोना संक्रमितों को भरती करने हेतु एक-एक बेड बेहद कीमती है. साथ ही निगमायुक्त प्रशांत रोडे ने एक बार फिर शहर के सभी डॉक्टरों व अस्पतालों से पूरजोर आवाहन किया कि, वे कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज हेतु कोविड केयर सेंटर खोलने के लिए आगे आये.