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बीमारी से मृत बेटी की घर में ही गाड दी लाश

10 दिन बाद उजागर हुआ मामला, मचा हडकंप

* सेवाग्राम पुलिस ने माता-पिता व भाई को लिया कब्जे में
वर्धा/दि.14 – सेवाग्राम पुलिस थानांतर्गत आदर्श नगर में रहने वाले साहबराव भस्मे (68) की बेटी प्रविणा भस्मे की कुछ दिन पहले बीमारी के चलते मौत हो गई थी. जिसके बाद अपनी मृतक बेटी का विधिवत अंतिम संस्कार कराने की बजाय साहबराव भस्मे ने अपनी पत्नी मंदा भस्मे (64) व बेटे प्रशांत भस्मे (35) के साथ मिलकर अपनी बेटी के शव को अपने घर के भीतर ही गड्डा खोदकर गाड दिया और उसी गड्डे पर लकडी की पटलियां डालकर साहबराव भस्मे सोया करता था. साथ ही बगल में ही पलंग डालकर उसका बेटा प्रशांत भस्मे भी सोया करता था. यह अजीबो-गरीब मामला कल 13 जुलाई को करीब 10 दिन के बाद उजागर हुआ. जिसके बाद पुलिस ने मां-बाप व बेटे को अपने हिरासत में लेने के साथ ही स्वास्थ्य एवं फॉरेंसिक टीम को साथ लेकर आदर्श नगर स्थित घर का पंचनामा करते हुए घर के भीतर गड्डा खोदते हुए प्रविणा भस्मे की लाश को बाहर निकाला. जिसका मौके पर ही पोस्टमार्टम किया गया. साथ ही इस शव पर अंतिम संस्कार करने की व्यवस्था पास ही स्थित स्मशान भूमि में करवाई गई.
इस संदर्भ में सेवाग्राम पुलिस के सूत्रों द्बारा दी गई जानकारी के मुताबिक भस्मे परिवार के सभी सदस्य मानसिक रुप से कुछ हद तक अस्वस्थ है और उनका आसपडोस के लोगों से कोई खास लेना-देना व संबंध भी नहीं था. इनमें से प्रविणा भस्मे विगत कुछ माह से बीमार चल रही थी और वह मानसिक तौर पर कुछ ज्यादा ही विचलित रहने के चलते घर से बाहर ही नहीं निकला करती थी. इसी बीच विगत 3 जुलाई की रात प्रविणा भस्मे की घर पर ही मौत हो गई. ऐसे में अंतिम संस्कार कैसे होगा, कौन करेगा और अंतिम संस्कार के लिए पैसे कहां से आएंगे. इस बात पर भस्मे परिवार के सदस्यों ने पूरी रात विचार किया और अगले दिन 4 जुलाई को सुबह 7 बजे घर में ही गड्डा खोदकर प्रविणा के शव को उसी गड्डे में दफन कर दिया. चूंकि भस्मे परिवार का परिसर में किसी से कोई खास संबंध नहीं था. ऐसे में इस ओर किसी का भी ध्यान नहीं गया. लेकिन किसी जरिए से पुलिस को इस मामले की जानकारी मिल गई और पुलिस ने भस्मे परिवार के घर में पंचनामा व तलाशी करते हुए इस पूरे मामले को उजागर किया.

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